नोएडा का सेक्टर-91 स्थित बायो डायर्वसिटी पार्क। इसी पार्क में डियर पार्क का निर्माण किया जाएगा।
सेक्टर-91 बायोडायवर्सिटी पार्क में प्रस्तावित डियर पार्क सनसेट सफारी के लिए दो सलाहकार को नियुक्त किया गया है। इसमें एक रिटायर्ड आईएफएस प्रवीन चंद त्यागी और दूसरे संजय श्रीवास्तव है।
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दोनों अधिकारियों का वाइल्ड लाइफ में गहरा अनुभव रहा है। प्राधिकरण ने बताया कि दोनों अधिकारियों की गाइडेंस में ही डियर पार्क का सेटअप किया जाएगा।
एक आर्किटेक्ट को भी नियुक्त किया जाएगा। ये सलाहकार के कहने पर ही केज डिजाइन, बाड़ा और अन्य प्रकार की टेक्निकल काम का डिजाइन बनाएगा।
एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि एक बार डिजाइन बनने के बाद सिविल कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया की जाएगी। उन्होंने बताया कि जुलाई तक टेंडर प्रक्रिया को पूरा करने की उम्मीद है। निर्माण पूरा होने के बाद ही हिरण को यहां लाया जाएगा।

नोएडा का बायो डायवर्सिटी पार्क इसी में बनाए जाएंगे हिरण के लिए केज
एसीईओ ने बताया कि यहां नाइट सफारी भी रहेगी। ऐसे में सलाहकार के डायरेक्शन के बाद ही तय होगा कि डियर के लिए ये कितना अनुकूल है। साथ ही यहां और कौन कौन से जंतु लाए जा सकते है। यहां एयरपोर्ट से रेस्क्यू किए जाने वाले हिरण को भी रखा जाएगा। हालांकि उनके लिए धनौरी वेटलैंड के पास से रेस्क्यू सेंटर भी बनाया जा रहा है। वहां से कुछ हिरण को यहां भी लाया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के अन्य चिडिय़ाघरों से भी हिरण को यहां लाया जाएगा।
सनसेट सफारी में स्पेक्ट्रम लाइट होंगी प्रयोग प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि करीब 30 एकड़ में मिनी जू की तर्ज पर इस डियर पार्क को बनाने में करीब 40 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
यह जिले की पहली सनसेट सफरी होगी। इसमें रात करीब 10 बजे तक लोग स्पेक्ट्रम लाइट की रोशनी में हिरण व जलीय पक्षियों को देख सकेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि स्पेक्ट्रम लाइट में वहां पर मौजूद जानवरों को अंधेरा ही लगेगा। वहीं जो लोग सनसेट सफरी में पहुंचेंगे उनको स्पष्ट दिखाई देगा।

यहां प्रदेश के चिड़ियाघर और अफ्रीका से लाए जाएंगे हिरण
अफ्रीका और प्रदेश के चिड़ियाघर से आएंगे हिरण नोएडा में 10 प्रजातियों के 132 हिरण को लाया जाएगा। इसमें तीन प्रजातीय अफ्रीका से एक्सपोर्ट की जाएंगी। इसके अलावा कानपुर, हैदराबाद और लखनऊ के चिड़ियाघर से यहां हिरण लाए जाएंगे।
नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि नोएडा, गाजियाबाद और आसपास में ऐसा डियर पार्क नहीं है। इसलिए यहां डियर पार्क बनाया जा रहा है।
इसके लिए नियुक्त किए गए सलाहकारों से बातचीत की जा रही है। ताकि विदेश से लाए जाने वाले हिरण के लिए यहां का पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सके।