जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को और बेहतर बनाने के लिए अब 600 करोड़ रुपए की 14 नई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। जिस नज़र जयपुर एयरपोर्ट पर और अधिक फ्लाइट का संचालन हो सकेगा। बल्कि, पर्यटकों को भी और अधिक सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी। इन परियोजनाओं के तहत टर
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जयपुर एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर यात्रियों की सुविधा को बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। एयरपोर्ट पर होने जा रहे इस बदलाव और यात्री अनुभव को बढ़ाने के लिए 600 करोड़ रुपए से अधिक की कुल 14 परियोजनाओं का एक साथ उद्घाटन किया गया।
उन्होंने बताया कि टर्मिनल 2 का विस्तार एयरपोर्ट के विकास की योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है। 15,000 वर्ग मीटर का विस्तार मौजूदा टर्मिनल की समग्र क्षमता को बढ़ाएगा। वर्तमान में टर्मिनल 2 में 39 चेक-इन काउंटर हैं। विस्तार के दौरान 24 नए काउंटर जोड़े जाने की योजना है। इससे टर्मिनल 2 पर चेक-इन काउंटरों की कुल संख्या 63 हो जाएगी। जिससे यात्रियों के समय में काफी कमी आएगी।
15,000 वर्ग मीटर विस्तार में आठ अतिरिक्त सेल्फ-बैगेज ड्रॉप काउंटर भी स्थापित किए जायेंगे। ऐसे काउंटर को स्थापना जयपुर एयरपोर्ट पर पहली बार होगी। इसके साथ ही 9 नई एक्स-रे बैगेज इंस्पेक्शन सिस्टम मशीनों के जुड़ने से सुरक्षा जांच प्रक्रिया भी बेहतर होगी। जिससे यह संख्या दोगुनी होकर 18 हो जाएगी। इसी तरह बोर्डिंग गेट भी छह से बढ़कर दस हो जाएंगे। वहीं दो नए प्रवेश द्वार जोड़े जाएंगे। जिससे कुल संख्या छह हो जाएगी।
टर्मिनल 2 की दूसरी मंजिल पर दो अतिरिक्त नए एयरोब्रिज स्थापित किए जायेंगे। जिसके बाद एयरपोर्ट पर एयरोब्रिज को संख्या 4 हो जाएगी। इससे यात्रियों को आसानी से चढ़ने और उतरने में सुविधा होगी। इससे विमानों का टर्न अराउंड समय भी कम हो जाएगा। इसके साथ ही पोर्च क्षेत्र में 6,000 वर्ग मीटर का नया फोरकोर्ट एरिया विकसित होगा। फोरकोर्ट का निर्माण हवाई अड्डे पर आने या जाने वाले यात्रियों और आम लोगों को सुविधा के लिए किया गया है।
उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए, हरित क्षेत्र भी प्रमुख परियोजनाओं में से एक है। 40,000 वर्ग मीटर से अधिक लैंडस्केप में सुंदर पाथ वे लॉन और मौसमी फूलों से युक्त ग्रीनरी डेवलप की जाएगी। विकसित होगा। इसके साथ ही टर्मिनल 1 पर एप्रन का निर्माण होगा। जिससे ज्यादा विमानों को समायोजित करने में मदद मिलेगी और परिचालन में सुधार होगा।