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- Ganesh Chaturthi Vrat Significance In Hindi, Mithun Sankranti On 15th June, Rituals About Ganesh Chaturthi And Sankrantri
12 घंटे पहले
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आज (शनिवार, 14 जून) आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी है और कल (रविवार, 15 जून) मिथुन संक्रांति है। पूजा-पाठ और दान-पुण्य के नजरिए से ये दोनों दिन बहुत खास है। आज गणेश जी की विशेष पूजा और व्रत करें, कल मिथुन संक्रांति पर सूर्य पूजा के साथ दिन की शुरुआत और दान-पुण्य करें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करें। भगवान को दूर्वा, जल, पंचामृत अर्पित करें। हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल, प्रसाद चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं। लड्डू का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जप करें। भगवान के सामने चतुर्थी व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद पूरे दिन गणेश जी का ध्यान करें, भगवान से जुड़ी कथाएं पढ़ें-सुनें। शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्र को अर्घ्य दें और एक फिर गणेश पूजा करें। इसके बाद अन्न ग्रहण करें। इस तरह चतुर्थी व्रत पूरा होता है।
चतुर्थी और शनिवार के योग में शनिदेव की भी पूजा करें। शनि को तेल चढ़ाएं, तेल से अभिषेक करें, ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करें। अपराजिता के नीले फूल शनि को चढ़ाएं। ऐसा करने से कुंडली के शनि दोषों का असर शांत होता है। साढ़ेसाती और ढय्या से जुड़े दोषों का असर भी कम होता है।
मिथुन संक्रांति पर करें ये शुभ काम
कल यानी 15 जून को सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। मिथुन संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है।
अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें, जल में कुमकुम, गुलाब और चावल डालें, ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। घर के मंदिर में या किसी अन्य मंदिर में सूर्य की प्रतिमा पर भी जल अर्पित कर सकते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ग्रह से संबंधित दोष हैं, उन्हें संक्रांति पर सूर्य की विशेष पूजा करनी चाहिए। सूर्य से संबंधित चीजें जैसे गुड़, तांबे के बर्तन, लाल-पीली ड्रेसेस दान करें।
जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े, अन्न, धन, जूते-चप्पल, छाता दान करें।