केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव आज जोधपुर स्थित अरिड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (AFRI) में ‘मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की रणनीति’ विषय पर आयोजित होने वाली राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय संस
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विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में जोधपुर में आयोजित की जा रही यह कार्यशाला मरुस्थलीकरण और सूखे जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रणनीतियों के आदान-प्रदान, नवाचारों के प्रदर्शन और नीतिगत समन्वय को मजबूती प्रदान करेगी।
इस वर्ष इसकी वैश्विक थीम “भूमि को पुनर्स्थापित करें, अवसरों को खोलें” पर केंद्रित रखी गई है। कार्यशाला का उद्देश्य भूमि पुनर्स्थापन के माध्यम से जलवायु सहनशीलता, जैव विविधता और सतत ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय मंत्री यादव मंगलवार सुबह जोधपुर के निकटवर्ती लुणावास भाकर स्थित आफरी द्वारा क्रियान्वित 10.8 हेक्टेयर कैंपा-वित्त पोषित परियोजना जैसे नवाचार आधारित भूमि पुनर्स्थापन मॉडलों का अवलोकन भी करेंगे। वहीं, वर्कशॉप में 2030 तक भारत की ‘भूमि क्षरण तटस्थता’ (Land Degradation Neutrality – LDN) प्राप्त करने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता एवं उसकी प्रगति की समीक्षा, सूखा पूर्व चेतावनी प्रणाली और सतत भूमि उपयोग हेतु केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी।
देशभर से जुटेंगे वैज्ञानिक, नीति निर्माता व वन अधिकारी
इस कार्यशाला में देशभर के वैज्ञानिक, नीति निर्माता, वन अधिकारी और नागरिक समाज संगठन एक मंच पर जुटेंगे। यह पहल संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम सम्मेलन (UNCCD) के अंतर्गत भारत की सक्रिय भूमिका को सुदृढ़ करती है और सतत विकास लक्ष्य 15 – धरती पर जीवन (Life on Land) की प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान देती है।