4 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

एक्टर कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ की कर्नाटक में रिलीज का रास्ता अब साफ हो गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने फिल्म को लेकर जरूरी आदेश दिए। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि अगर फिल्म की वजह से कोई हिंसा होती है, तो उसके खिलाफ आपराधिक और सिविल कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाए।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और अन्य पक्षों के बयानों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामला बंद कर दिया। कर्नाटक सरकार ने भरोसा दिलाया कि फिल्म की रिलीज पर कोई रोक नहीं होगी और थिएटरों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी।

फिल्म ‘ठग लाइफ’ का निर्देशन मणिरत्नम ने किया है और कमल हासन के साथ मिलकर इसकी पटकथा भी लिखी है।
बता दें कि जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ महेश रेड्डी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ की कर्नाटक में स्क्रीनिंग की अनुमति देने के निर्देश की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि देश में लोगों की भावनाएं आहत होने का मुद्दा अब फिल्मों, किताबों और नाटकों में अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ भीड़ की हिंसा और खतरों की वजह बन रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- नाटक, कविता, सिनेमा सब पर एतराज क्यों? द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस उज्जल भुइयां और मनमोहन की वेकेशन बेंच ने कहा कि राज्य की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी भीड़ या समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, जो दूसरों को धमकाते हैं। जस्टिस भुइयां ने कहा, “फिल्मों में अभिव्यक्ति की आजादी को हिंसा के डर में नहीं जीना चाहिए।”

जस्टिस उज्जल भुइयां को 14 जुलाई 2023 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
जस्टिस भुइयां ने पूछा, “भावनाएं आहत होने का यह सिलसिला… इसका कोई अंत नहीं है। किसी न किसी को जो वो देखता या सुनता है, उससे ठेस पहुंचती है और फिर तोड़फोड़ शुरू हो जाती है… आज फिल्म पर एतराज है, कल कोई कहेगा कि नाटक नहीं हो सकता… हम आखिर जा कहां रहे हैं?”
जस्टिस मनमोहन ने भी सहमति जताते हुए कहा, “क्या सब कुछ बंद कर देना चाहिए? फिल्म, नाटक, कविता कुछ भी ना हो?”

जस्टिस मनमोहन को 5 दिसंबर 2024 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
वहीं, कन्नड़ कार्यकर्ता प्रवीण शेट्टी को पुलिस ने नोटिस जारी किया है। राज्य सरकार ने साफ किया कि उसने फिल्म पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। निर्माताओं ने खुद ही रिलीज रोकने का फैसला किया क्योंकि कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ विवाद हो गया था।
सुप्रीम कोर्ट बोला- कानून हाथ में न लें एक अन्य पक्षकार ने कहा कि कमल हासन की टिप्पणी सिर्फ प्रमोशन के लिए की गई थी। इस पर जस्टिस भुइयां ने पूछा, “अगर यह सिर्फ प्रमोशन था, तो आप उसी में फंस गए?” जस्टिस मनमोहन ने कहा, “अगर आपको लगता है कि यह पब्लिसिटी स्टंट था, तो आप कानूनन कार्रवाई करें, कानून हाथ में न लें।”
एक और याचिकाकर्ता महेश रेड्डी, जिनका प्रतिनिधित्व वकील अथेनम वेलन कर रहे थे, ने कोर्ट से मांग की कि ऐसे अनाधिकारिक प्रतिबंधों पर दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
वेलन ने कहा कि फिल्म थिएटरों को दी जाने वाली आगजनी और हिंसा की धमकियां बहुत खतरनाक हैं और यह अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा हमला है। उन्होंने कोर्ट से ऐसे मामलों में जुर्माना लगाने की भी मांग की।
वहीं, फिल्म के निर्माता की ओर से वकील सतीश परासरन ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दिया गया जवाब संतोषजनक है और वे केस वापस लेना चाहते हैं।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘ठग लाइफ’ की कर्नाटक में रिलीज न होने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि किसी को भी लोगों के सिर पर बंदूक तानकर फिल्म देखने से नहीं रोका जा सकता।
जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने कर्नाटक सरकार से कहा था कि जब किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल चुका है तो उसे देश के हर राज्य में दिखाया जाना चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार को एक दिन का समय दिया था कि वह फिल्म की रिलीज पर स्थिति साफ करे।
दरअसल, कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने मांग की थी कि जब तक हासन माफी नहीं मांगते, फिल्म रिलीज नहीं होगी। जिससे बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से जवाब मांगा था और मामला हाईकोर्ट की अपने पास ट्रांसफर कर लिया था। जिसके बाद गुरुवार यानी 19 जून को मामले की अगली सुनवाई हुई।
कमल हासन ने 24 मई को चेन्नई में ‘ठग लाइफ’ के ऑडियो लॉन्च इवेंट के दौरान कन्नड़ को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कन्नड़ भाषा तमिल से जन्मी है। इसके बाद एक्टर और उनकी फिल्म का कर्नाटक में लगातार विरोध हुआ।

SC बोला- हाईकोर्ट का हासन को माफी मांगने के लिए कहना उचित नहीं
कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर भी आपत्ति जताई थी, जिसमें कमल हासन से माफी की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट का हासन को माफी मांगने के लिए कहना उचित नहीं है। फिल्म ठग लाइफ 5 जून को देशभर में रिलीज हुई थी, लेकिन कर्नाटक में इसे रिलीज नहीं होने दिया गया।

कमल हासन बोले थे- तमिलों ने भाषा के लिए जान गंवाई, इसके साथ मत खेलो
ट्राई लैंग्वेज (तमिल, हिन्दी और अंग्रेजी) विवाद को लेकर 21 फरवरी को अभिनेता कमल हासन ने कहा था- तमिल भाषा उनकी सांस्कृतिक पहचान है। लोगों ने इसके लिए जान गंवाई है। इसके साथ खिलवाड़ न करें।
चेन्नई में अपनी पार्टी के आठवें स्थापना दिवस पर हासन ने कहा- भाषा के मुद्दे को हल्के में न लिया जाए। तमिलनाडु के बच्चे भी जानते हैं कि उन्हें कौन सी भाषा चाहिए। उनके पास अपनी समझ है।
तमिलनाडु में कैसे शुरू हुआ ट्राई लैंग्वेज वॉर…
15 फरवरी: धर्मेंद्र प्रधान ने वाराणसी के एक कार्यक्रम में तमिलनाडु सरकार पर राजनीतिक हितों को साधने का आरोप लगाया।

18 फरवरी: उदयनिधि बोले- केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करें
चेन्नई में DMK की रैली में डिप्टी CM उदयनिधि स्टालिन ने कहा- धर्मेंद्र प्रधान ने खुलेआम धमकी दी है कि फंड तभी जारी किया जाएगा, जब हम ट्राई लैंग्वेज फॉर्मूला स्वीकार करेंगे, लेकिन हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं। जो राज्य हिंदी को स्वीकार करते हैं, वे अपनी मातृभाषा खो देते हैं। केंद्र लैंग्वेज वॉर शुरू न करे।

23 फरवरी: शिक्षा मंत्री ने स्टालिन को लेटर लिखा
ट्राई लैंग्वेज विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लेटर लिखा। उन्होंने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के विरोध की आलोचना की। उन्होंने लिखा, ‘किसी भी भाषा को थोपने का सवाल नहीं है, लेकिन विदेशी भाषाओं पर अत्यधिक निर्भरता खुद की भाषा को सीमित करती है। NEP इसे ही ठीक करने का प्रयास कर रही है।’
25 फरवरी: स्टालिन बोले- हम लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार हैं
स्टालिन ने कहा- केंद्र हमारे ऊपर हिंदी न थोपे। अगर जरूरत पड़ी तो राज्य एक और लैंग्वेज वॉर के लिए तैयार है।

NEP 2020 के तहत, स्टूडेंट्स को तीन भाषाएं सीखनी होंगी, लेकिन किसी भाषा को अनिवार्य नहीं किया गया है। राज्यों और स्कूलों को यह तय करने की आजादी है कि वे कौन-सी तीन भाषाएं पढ़ाना चाहते हैं। किसी भी भाषा की अनिवार्यता का प्रावधान नहीं है।
प्राइमरी क्लासेस (क्लास 1 से 5 तक) में पढ़ाई मातृभाषा या स्थानीय भाषा में करने की सिफारिश की गई है। वहीं, मिडिल क्लासेस (क्लास 6 से 10 तक) में तीन भाषाओं की पढ़ाई करना अनिवार्य है। गैर-हिंदी भाषी राज्य में अंग्रेजी या एक आधुनिक भारतीय भाषा होगी। सेकेंड्री सेक्शन यानी 11वीं और 12वीं में स्कूल चाहे तो विदेशी भाषा भी विकल्प के तौर पर दे सकेंगे।
गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी दूसरी भाषा
5वीं और जहां संभव हो 8वीं तक की क्लासेस की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में करने पर जोर है। वहीं, गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जा सकती है। साथ ही, हिंदी भाषी राज्यों में दूसरी भाषा के रूप में कोई अन्य भारतीय भाषा (जैसे- तमिल, बंगाली, तेलुगु आदि) हो सकती है।
कमल हासन से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कमल हासन को फटकारा:कहा- सुरक्षा मांगने आ गए,माफी से मामला सुलझ सकता था; ‘ठग लाइफ’ रिलीज पर अगली सुनवाई 10 जून को

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक्टर-डायरेक्टर और नेता कमल हासन की 2 जून को दायर याचिका पर सुनवाई की। इसमें उनकी फिल्म ‘ठग लाइफ’ पर कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) के कर्नाटक रिलीज पर लगाई रोक हटाने और रिलीज के दौरान पुलिस सिक्योरिटी की मांग की गई है। फिल्म 5 जून को पैन इंडिया रिलीज हो चुकी है। पूरी खबर पढ़ें…