17 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

रविवार को विजय देवरकोंडा के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत दूसरी शिकायत दर्ज की गई है। आरोप हैं कि मई में रेट्रो के प्री-रिलीज इवेंट में उन्होंने एक बयान में आदिवासी समुदाय पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद ट्राइबल कमेटी ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।
ट्राइबल कमेटी के स्टेट प्रेसिडेंट नेनावता अशोक कुमार नायक द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत में आरोप हैं कि विजय देवरकोंडा ने फिल्म रेट्रो के प्री-रिलीज इवेंट में आपत्तिजनक कमेंट कर आदिवासी समुदाय का अपमान किया है। ये शिकायत साइबराबाद के रायडुग्राम पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई है।
इससे पहले भी मई में विजय के खिलाफ एडवोकेट लाल चौहान ने एसआर नगर पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने कॉपी में रेट्रो के प्री-रिलीज इवेंट के वीडियो के स्क्रीनशॉट भी अटैच किए थे। शिकायत में सबूत के तौर पर मीडिया द्वारा उनके बयान पर पब्लिश हुईं खबरों की भी कॉपी हैं।

एडवोकेट लाल चौहान ने शिकायत की कॉपी भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
क्या था विजय देवरकोंडा का बयान?मई में हुए फिल्म रेट्रो के प्री-रिलीज इवेंट के दौरान विजय ने पहलगाम आतंकी हमले पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा-

कश्मीर में जो रहा है उसका समाधान ये है कि आतंकवादियों को पढ़ाया जाए और ये सुनिश्चित किया जाए कि उनका ब्रेनवॉश न हो। वो क्या हासिल करेंगे। कश्मीर भारत का है कश्मीर हमारा है। भारत को पाकिस्तान पर हमला करने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि पाकिस्तानी अपनी सरकार से खुद ही तंग आ चुके हैं। अगर ये सब चलता रहा तो वो खुद ही उन पर हमला करेंगे। असल में 500 साल पहले जैसे आदिवासी लड़ते थे, ये लोग बिना बुद्धि और समझ के वैसे ही काम कर रहे हैं।

रेट्रो के प्री-रिलीज इवेंट में बयान देते हुए विजय देवरकोंडा।
विवाद होने पर माफी मांग चुके हैं विजय देवरकोंडा
इवेंट से विजय का बयान सामने आने के बाद उनकी जमकर आलोचना हुई। विवाद बढ़ने पर एक्टर ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए माफीनामे में लिखा, ‘मेरी जानकारी में आया है कि रेट्रो ऑडियो लॉन्च इवेंट के दौरान मैंने जो टिप्पणी की उस पर कुछ लोगों ने अपनी चिंता जाहिर की है। मैं ईमानदारी से कहना चाहता हूं कि किसी भी समुदाय, खासकर के अनुसूचित जनजातियों को चोट पहुंचाने या निशाना बनाने का कोई इरादा नहीं था। मैं उनका गहरा सम्मान करता हूं और हमारे देश का अभिन्न अंग मानता हूं।’
‘मैं एकता के बारे में बोल रहा था कि कैसे भारत एक है। हमारे लोग एक हैं और कैसे हमें एक साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।’

उन्होंने लिखा, ‘मैं किस दुनिया में ऐसा करूंगा, जब हम सभी को एक देश के रूप में एकजुट रहने का आग्रह करते हुए, भारतीयों के किसी भी समूह के खिलाफ जानबूझकर भेदभाव करूं, जिन्हें मैं अपना परिवार, अपने भाई की तरह मानता हूं। मैंने ‘जनजाति’ शब्द का इस्तेमाल ऐतिहासिक और डिक्शनरी सेंस में किया था। जो सदियों पहले के उस समय को डिस्क्राइब करता है, जब ग्लोबली ह्यूमन सोसाइटी जनजातियों और कुलों में संगठित थी, जो अक्सर संघर्ष में रहती थीं।’
अपनी सफाई में विजय ने अंग्रेजी डिक्शनरी के हिसाब से जनजाति का मतलब भी बताया है। उन्होंने कहा, ‘अंग्रेजी शब्दकोष के अनुसार, ‘जनजाति’ का अर्थ है- ‘पारंपरिक समाज में एक सामाजिक विभाजन जिसमें सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक या रक्त संबंधों से जुड़े परिवार या समुदाय शामिल होते हैं, जिनकी एक समान संस्कृति और बोली होती है। अगर मेरे मैसेज का कोई हिस्सा गलत समझा गया है तो मैं दिल से माफी मांगता हूं।’