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एनजीओ पटियाला अवर प्राइड द्वारा शीश महल (केसर बाग) के पास नगर निगम की बेकार पड़ी डेढ़ एकड़ जमीन को मियावॉकी तकनीक के साथ विकसित कर गुरु नानक बगीची नाम देकर पार्क तैयार किया है। संस्था ने इस पार्क में 700 मेडिशनल प्लांट लगाए हैं, जो अब लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। एनजीओ की अच्छी पहल को देखने के बाद अब प्रशासन भी सहयोग करने के लिए आगे आया है। डीसी डॉ. प्रीति यादव ने एक दूसरी जगह आधा एकड़ प्लाट उक्त एनजीओ को सौंपने की मंजूरी दी है। एनजीओ में अलग-अलग विभागों से रिटायर्ड ऑफिसर्स के अलावा उद्योगपति और शहर के अन्य लोग भी जुड़े हैं। वे अपनी जब से सहयोग कर पार्क की मेंटेनेंस करवा रहे हैं। इधर, डीसी डॉ. प्रीति यादव ने एनजीओ के प्रयास की सराहना की है। उन्होंने कहा कि ऐसे जन सहयोग से ही भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर, हरित और स्वस्थ पटियाला की नींव रखी जा रही है।
एनजीओ पटियाला अवर प्राइड के प्रधान एसपीएस लांबा ने बताया कि जिस तरह पंजाब में हरियाली घर रही है, वह चिंता का विषय है। पटियाला देश के 10 प्रदूषण शहरों में शामिल है, बेशक सरकार इस दाग को मिटाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन शहर के नागरिक होने के नाते हम सब का पहला फर्ज बनता है कि अपनी सिटी को क्लीन और ग्रीन बनाने में अपना सहयोग दें। इसी सोच को आगे बढ़ते हुए हमारी संस्था ने उक्त खाली पड़ी जमीन पर पार्क बनाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा था। प्रशासनिक अधिकारियों की मंजूरी मिलने के बाद 15 जुलाई 2024 को खाली जमीन को पार्क लायक बनाने के लिए उसे तैयार किया गया। इसके बाद पौधारोपण किया गया। पहले चरण में 300 पौधे लगाए थे, दूसरे फेस में 400 पौधे लगाए गए थे जो अब बड़े हो गए हैं देखने भी आकर्षक है। अब इस पार्क में 700 पौधे लगे है।