Ahmedabad Air India Plane Crash; AAIB | Civil Aviation | अहमदाबाद प्लेन क्रैश- 26 दिन बाद आई शुरुआती जांच रिपोर्ट: AAIB ने सरकार को सौंपी, फाइनल रिपोर्ट में 3 महीने लगेंगे

Actionpunjab
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नई दिल्ली6 घंटे पहले

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12 जून को AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। ब्लैक बॉक्स 13 जून को रिकवर किया गया था। - Dainik Bhaskar

12 जून को AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। ब्लैक बॉक्स 13 जून को रिकवर किया गया था।

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अहमदाबाद विमान हादसे के 26 दिन बाद प्राइमरी जांच रिपोर्ट मंगलवार को केंद्र सरकार को सौंपी। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, प्राइमरी रिपोर्ट शुरुआती जांच में मिले सबूतों और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई है।

इससे पहले 28 जून को केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया था कि विमान हादसे की जांच सभी पहलुओं से की जा रही है, जिसमें साजिश (सैबोटाज) की संभावना को भी खंगाला जा रहा है। वहीं, 3 महीने में विस्तृत जांच रिपोर्ट आ सकती है।

12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है।

विस्तृत रिपोर्ट तीन महीने में आने की संभावना

केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि हादसे की वजह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह इंजन फेलियर, फ्यूल सप्लाई की समस्या या कोई तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ। ब्लैक बॉक्स भारत में ही है, उसे विदेश नहीं भेजा जाएगा। इसमें मौजूद CVR और FDR की जांच की जा रही है। विस्तृत 3 महीने में रिपोर्ट आने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) के आदेश पर एअर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच कर ली गई है और सब कुछ सुरक्षित पाया गया है। ये हादसा एक अपवाद था, अब लोग बिना डर के यात्रा कर सकते हैं। AAIB इसकी हर एंगल से जांच कर रहा है। CCTV फुटेज देखे जा रहे हैं और कई एजेंसियां मिलकर जांच में जुटी हैं।’

एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी थी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था।

एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी थी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था।

प्लेन क्रैश की जांच में संयुक्त राष्ट्र शामिल होगा, ICAO ऑब्जर्वर को भारत की परमिशन

एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर प्लेन हादसे की जांच में संयुक्त राष्ट्र शामिल होगा। संयुक्त राष्ट्र की विमानन संस्था ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) के एक विशेषज्ञ को ऑब्जर्वर के तौर पर शामिल होने की इजाजत भारत सरकार ने दे दी है। ICAO ने जांच में शामिल होने की इजाजत मांगी थी। भारत ने पारदर्शिता के साथ जांच करने के इरादे से संयुक्त राष्ट्र को इसमें शामिल करने का फैसला लिया है।

हादसे की जांच 13 जून से ही एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की टीम कर रही है। इसमें विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) अफसर और अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

अहमदाबाद प्लेन हादसे में जान गंवाने वाले 251 मृतकों की DNA से पहचान हो चुकी है। 245 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।

अहमदाबाद प्लेन हादसे में जान गंवाने वाले 251 मृतकों की DNA से पहचान हो चुकी है। 245 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।

प्लेन क्रैश में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हुआ था

एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI 171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल हैं। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया।

पायलट ने मेडे कॉल किया था

फ्लाइटरडार24 के मुताबिक, विमान का आखिरी सिग्नल 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई पर मिला, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद आया था। भारत के सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA ने बताया कि विमान ने 12 जून की दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के बाद विमान के पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को मेडे कॉल (इमरजेंसी मैसेज) भेजा, लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं मिला।

DGCA के अनुसार, विमान में दो पायलट और 10 केबिन क्रू सहित कुल 242 लोग सवार थे। पायलट के पास 8,200 घंटे और को-पायलट के पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।

अब जानिए ब्लैक बॉक्स क्या होता है, यह क्यों जरूरी है?

ब्लैक बॉक्स प्लेन में लगा एक छोटा उपकरण होता है। यह फ्लाइट के दौरान एयरक्राफ्ट की तकनीकी और वॉइस संबंधी जानकारियां रिकॉर्ड करता है। ब्लैक बॉक्स दो मुख्य रिकॉर्डर से मिलकर बना होता है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) पायलटों की बातचीत रिकॉर्ड करता है। वहीं, फ्लाइट डाटा रिकवर (FDR) विमान की तकनीकी जानकारी जैसे स्पीड, अल्टीट्यूड, इंजन परफॉर्मेंस को रिकॉर्ड करता है।

‘ब्लैक बॉक्स’ नाम को लेकर कई बातें कही जाती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके अंदर का हिस्सा काला होता था, इसलिए इसे यह नाम मिला। दूसरी राय यह है कि हादसे के बाद आग से जलकर इसका रंग काला हो जाता है, इसलिए लोग इसे “ब्लैक बॉक्स” कहने लगे।

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