British fighter-jet F-35B lands in Japan after technical fault | ब्रिटिश फाइटर-जेट F-35B तकनीकी खराबी के बाद जापान में लैंड: 20 मिनट बंद रहा रनवे; दो महीने पहले केरल में हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग

Actionpunjab
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टोक्यो21 मिनट पहले

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जापान के कागोशिमा हवाई अड्डे पर मौजूद ब्रिटिश F-35B स्टील्थ फाइटर जेट। - Dainik Bhaskar

जापान के कागोशिमा हवाई अड्डे पर मौजूद ब्रिटिश F-35B स्टील्थ फाइटर जेट।

जापान के कागोशिमा हवाई अड्डे पर रविवार को एक ब्रिटिश F-35B स्टील्थ फाइटर जेट को तकनीकी खराबी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।

क्योदो न्यूज के अनुसार, हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 11:30 बजे हुई। इस वजह से हवाई अड्डे का रनवे करीब 20 मिनट तक बंद रहा, जिससे कई कॉमर्शियल उड़ानों में देरी हुई। हालांकि, किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

यह जेट ब्रिटेन के एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइकग्रुप का हिस्सा था। जो जापान की मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स और अमेरिकी सेना के साथ 4 अगस्त से शुरू हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रहा है।

यह अभ्यास 12 अगस्त तक चलेगा। यह पिछले दो महीनों में ब्रिटिश F-35B की दूसरी इमरजेंसी लैंडिंग है। इससे पहले, 14 जून को एक F-35B को भारत के केरल में हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।

F-35B मरम्मत के बाद स्ट्राइक ग्रुप में शामिल होगा

ब्रिटेन ने इस अभ्यास के लिए पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अपने एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप को तैनात किया है। जापानी न्यूज NHK के अनुसार, HMS प्रिंस ऑफ वेल्स अप्रैल से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक बड़े मिशन पर है।

यह मेडिटरेनियन, मध्य पूर्व, दक्षिण-पूर्व एशिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बंदरगाहों पर रुक चुका है। बर्मिंघम लाइव के अनुसार, जापान में इमरजेंसी लैंडिंग करने वाला जेट भारत में फंसे जेट से अलग है।

कागोशिमा में यह जेट अब जांच के दायरे में है और RAF कर्मियों की निगरानी में है। मरम्मत के बाद इसके स्ट्राइक ग्रुप में वापस शामिल होने की उम्मीद है।

38 दिन बाद भारत से रवाना हुआ था

यह ब्रिटिश F-35B की दूसरी इमरजेंसी लैंडिंग है। इससे पहले, 14 जून को HMS प्रिंस ऑफ वेल्स के एक अन्य F-35B को हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी के कारण भारत के केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।

918 करोड़ रुपए का यह विमान ब्रिटेन की रॉयल नेवी के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा था। इसे दुनिया भर में सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट में से एक माना जाता है। HMS के एक्सपर्ट ने बताया था कि जेट को ठीक करने में ब्रिटेन की इंजीनियरिंग टीम की मदद लगी थी।

वह जेट 38 दिनों तक वहां खड़ा रहा और मरम्मत के बाद 22 जुलाई को रवाना हुआ। ब्रिटिश हाई कमीशन ने भारतीय अधिकारियों के सहयोग के लिए उनका आभार जताया था।

14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग के बाद, F-35B 22 जुलाई को केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से रवाना हुआ।

14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग के बाद, F-35B 22 जुलाई को केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से रवाना हुआ।

लाइटनिंग के नाम से मशहूर है F-35 जेट

ब्रिटिश सेवा में लाइटनिंग के नाम से जाना जाने वाला F-35 मॉडल फाइटर जेट का शॉर्ट टेक ऑफ/वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) वैरिएंट है जिसे शॉर्ट-फील्ड बेस और एयर कैपेबल जहाजों से ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है।

F-35B पांचवीं पीढ़ी का एकमात्र लड़ाकू जेट है जिसमें छोटी उड़ान और वर्टिकल लैंडिंग की कैपेसिटी है। जो इसे छोटे डेक, साधारण ठिकानों और जहाजों से संचालन के लिए आदर्श बनाती हैं।

F-35B को लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना में शामिल है।

ये पेंटागन के इतिहास का सबसे महंगा विमान है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर औसतन 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है।

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