सिरसा ब्राह्मण सभा के पूर्व प्रधान दयानंद शर्मा, जिन पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है।
सिरसा में श्री ब्राह्मण सभा में गबन और धोखाधड़ी के आरोप मामले में पूर्व प्रधान और पूर्व कार्यकारिणी घिरती नजर आ रही है। इस मामले में पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को प्राथमिक जांच में गड़बड़ी पाई गई है। अब मामले में केस दर्ज करने के लिए कानूनी सिफारिश की
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इस जांच में सभा के पूर्व पदाधिकारियों दयानंद शर्मा (पूर्व प्रधान), अश्वनी कौशिक (पूर्व कोषाध्यक्ष), रितेश जोशी (पूर्व सचिव), देव कुमार (मैनेजर) और उनके पिता ईश्वर पर आरएस 14,50,720 के गबन और अनुमानित 30-40 लाख रुपए की संपत्ति हड़पने का आरोप है। सभा के वर्तमान प्रधान अर्जुन शर्मा, जय प्रकाश शर्मा (महासचिव) और अन्य ने इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
इस मामले में 5 अगस्त 2024 फर्मस एंड सोसाइटीज सिरसा से जिला रजिस्ट्रार ने एक एड-हॉक कमेटी गठित की थी, जिसने 4 सितंबर को सभा के चुनाव करवाए। इस दौरान अर्जुन शर्मा को सभा का नया प्रधान चुना गया। इसके बावजूद पूर्व पदाधिकारियों ने सभा का रिकॉर्ड नई कमेटी को सौंपने से इन्कार कर दिया। कई नोटिस दिए, पर कोई जवाब नहीं दिया।
इस तरह गबन और फर्जीवाड़े के आरोप
बैंक खातों में हेराफेरी- बैंक स्टेटमेंट से पता चला कि आरएस 14,50.720 की राशि फर्जी चेकों और अनियमित ट्रांसफर के जरिए निकाली गई। सभा के खातों का कोई हिसाब-किताब या बैलेंस शीट नहीं दी गई।
अवैध किराया वसूली – गीता भवन मंदिर और भगवान परशुराम धर्मशाला की दुकानों से किराया वसूला गया, लेकिन सभा के खाते में जमा नहीं किया। किराएदारों (राजन बंसल, सोम प्रकाश, राणा शर्मा, लखविंदर सिंह) ने बयान दिया कि 2023 से अक्टूबर 2024 तक दयानंद शर्मा और अश्वनी कौशिक ने खुद को पदाधिकारी बताकर किराया लिया।
फर्जी बिल और दस्तावेज – दीपक पाइप स्टोर (गस्टिन: 06आमएफडी2303पाइज, भागीदार: रितेश जोशी) के फर्जी बिल पेश किए गए। जीएसटी रिकॉर्ड में अप्रैल-जून 2023 में आरएस 10,286 की बिक्री दर्ज है, जबकि आरोपीयों ने आरएस27,175 के बिल (आरएस17,739 और आरएस9,436) प्रस्तुत किए, जो कूट रचित पाए गए।
रिकॉर्ड में हेराफेरी – दयानंद शर्मा ने 16 जनवरी 2023 को एड-हॉक कमेटी से त्यागपत्र दिया, लेकिन रिकॉर्ड अपने कब्जे में रखा और खुद को प्रधान बताकर समाज में भ्रम फैलाया।
कानूनी सिफारिश की
शिकायतकर्ता के अनुसार, जांच में पाया गया कि यह संगठित अपराध है, जिसमें धोखाधड़ी, अपराधिक विश्वासपात, कूट रचना और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग शामिल है। जांच अधिकारी ने थाना शहर में फिर दर्ज करने और गहन अनुसंधान की सिफारिश की है।
कुछ लोगों को ही दिक्कत, हर सामान है बिल
ब्राह्मण सभा के पूर्व प्रधान दयानंद शर्मा ने बताया कि इस बारे में हमने स्टेट रजिस्ट्रार के पास अपील की हुई है, जिसमें सुनवाई होनी है। इससे पहले भी उन्होंने एसपी को शिकायत दी थी। हमने अपनी तरफ से रिकॉर्ड दिखा दिया था। सब ऑनलाइन ट्रांजक्शन है। कुछ भी सामान खरीदा है तो उसका बिल है। कुछ ही लोग है, जिनको यह दिक्कत है। बाकी किसी को नहीं। अब इक्नोमिक्स सेल को भी दी हुई है।
प्राथमिक जांच में मिली गड़बड़ी : इंचार्ज
आर्थिक अपराध शाखा के इंचार्ज श्याम सुंदर ने बताया कि इस मामले में पहले एसपी कार्यालय में शिकायत आई थी, जिसमें ब्राह्मण सभा की पूर्व कार्यकारिणी पर गबन के आरोप है। इसके बाद हमें जांच के लिए दी गई। प्राथमिक जांच में कुछ गड़बड़ी सामने आई है। इस आधार पर आगे एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके बाद जांच कर आगामी कार्रवाई करेंगे।