Delhi High Court Rape Case Judgement; Social Stigma | Girish Kathpalia | दिल्ली HC ने कहा- आरोपी बदनाम हो, रेप विक्टिम नहीं: समाज को सोच बदलनी चाहिए; आरोपी बोला था- केस चला तो पीड़ित की बेइज्ज्ती होगी

Actionpunjab
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नई दिल्ली16 मिनट पहले

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दिल्ली हाईकोर्ट ने एक रेप केस की सुनवाई करते हुए कहा कि, ऐसे मामलों में आरोपी की बदनामी होनी चाहिए, रेप विक्टिम की नहीं। समाज को अपनी सोच बदलनी चाहिए।

कोर्ट ने यह टिप्पणी शुक्रवार को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए की थी। आरोपी ने दलील दी थी कि, अगर आप मेरे ऊपर चल रेह केस को रद्द कर दिया गया तो इससे पीड़ित को सामजिक कलंक और बदनामी से राहत मिलेगी।

हालांकि कोर्ट ने दलील को खारिज करते हुए आरोपी पर 10000 रुपए का जुर्माना लगा दिया। मामले की सुनवाई जस्टिस गिरीश काठपालिया कर रहे थे।

कोर्ट का आदेश, 2 मुख्य बातें

  • बदनामी पीड़ित की नहीं, बल्कि गुनाह करने वाले पर होनी चाहिए। समाज को सोच बदलनी चाहिए। शर्म उस लड़के या आदमी को आनी चाहिए जिसने बलात्कार किया, न कि उस लड़की को जिसे इतनी बड़ी तकलीफ झेलनी पड़ी।
  • यह दलील बिल्कुल गलत है, क्योंकि अन्याय लड़की के साथ हुआ, उसके माता-पिता के साथ नहीं। सिर्फ वही लड़की (पीड़ित) ही अपराधी को माफ कर सकती थी, वह भी कुछ खास परिस्थितियों में। जैसा ऊपर बताया गया, पीड़ित अभी भी नाबालिग है।

क्या है पूरा मामला

मामला साल 2024 का है। आरोपी ने नाबालिग का वीडियो बनाया, फिर उसके जरिए ब्लैकमेल कर शारीरिक संबंध बनाए। FIR में आरोपी के खिलाफ POCSO एक्ट के सेक्शन 6 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के सेक्शन 65 (1) और 137 के तहत बलात्कार का मामला दर्ज किया गया।

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