Nandanagar Chamoli Sinking Crisis; Land Subsidence | Buildings Cracks Situation | जोशीमठ के बाद चमोली का नंदानगर जमीन में समाने लगा: 34 परिवारों ने घर छोड़ा, बाजार खाली; जोशीमठ में भी 2 साल से भू-धंसाव हुआ था

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देहरादून36 मिनट पहलेलेखक: मनमीत

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नंदानगर के व्यापारियों का कहना है कि पूरी जिंदगी की कमाई से बनाए गए घर और दुकानें बर्बाद होने की कगार पर हैं। - Dainik Bhaskar

नंदानगर के व्यापारियों का कहना है कि पूरी जिंदगी की कमाई से बनाए गए घर और दुकानें बर्बाद होने की कगार पर हैं।

प्रकृति उत्तराखंड के पहाड़ों पर तांडव कर ही है। जोशीमठ के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि अब मां नंदा का मायका कहलाने वाला चमोली जिले का नंदानगर घाट पूरी तरह जमींदोज होने की कगार पर है।

पिछले हफ्ते हुई लगातार बारिश और भूस्खलन ने पूरे कस्बे की नींव हिला दी है। शुक्रवार देर रात हालात अचानक तेजी से बिगड़ने लगे हैं। देखते ही देखते 8 मकान ढह गए।

प्रशासन ने खतरा देखते हुए 34 परिवारों से घर खाली करवा दिए हैं। बाजार की 40 से दुकानों के भी ढहने का सीधा खतरा है। इसलिए इन व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें खाली कर दी हैं।

कुछ ऐसा ही हाल जोशीमठ के घरों का भी था। जोशीमठ जनवरी 2023 में सुर्खियों में आया, जब अचानक लैंड स्लाइड की खबरें आने लगीं। 800 से ज्यादा घरों में मोटी-मोटी दरारें आ गईं।

नंदानगर में घरों-जमीन में आई दरारों की तस्वीरें…

लोगों का डर- बारिश हुई तो चट्टान कस्बे पर गिरेगी

नंदानगर व्यापार मंडल अध्यक्ष नंदन सिंह बिष्ट कहते हैं- सबसे बड़ा डर उस विशाल चट्टान का है, जो बाजार के ठीक ऊपर से खिसक रही है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि अगर यह अगले कुछ दिनों में टूटी तो करीब 150 दुकानें मलबे में तब्दील हो जाएंगी। अगले 5 दिन रेड अलर्ट के हैं और चट्टान खिसकती दिख रही है।

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उत्तराखंड के जोशीमठ में रहने वाली उमा देवी को दो साल पहले अपना घर छोड़ना पड़ा था। हालांकि अब वो लौट आई हैं। उमा जोशीमठ में रहने वाले उन 1400 लोगों में से हैं, जिनके घरों में 2-3 जनवरी, 2023 को दरारें आ गई थीं। इन सभी को सरकार ने सुरक्षित जगहों पर बसाने का वादा किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

उमा की तरह ही उम्मीद छोड़ चुके करीब 100 परिवार उन्हीं दरारों वाले घरों में लौट आए हैं, जहां हर वक्त मौत का खतरा है। जमीन धंसने की घबराहट है। पढ़ें पूरी खबर…

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