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आज बात खरी है में पढ़िए- बांध के पानी में मनाही के बावजूद कूद पड़े पूर्व मंत्री। खूब नहाए। जमकर तैरे। उधर, एक महोदय ने सीएम साहब से अजीबोगरीब विनती कर डाली। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की खरी-खरी सुनिए…
1. पानी में पूर्व मंत्रीजी ने खूब लगाया गोता
पूर्व मंत्रीजी की गोता लगाने की आदत पुरानी है। पिछली बार गोता लगाकर लाल डायरी निकाल लाए थे। इस बार झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में कोट बांध को लबालब देखा तो मन मचल उठा। तैराकी करने पर 1100 रुपए जुर्माने का नोटिस लगा था। नेताजी को क्या ही फर्क पड़ता है। वे तो कूद पड़े।
नेताजी के उठने, बैठने, खाने, पीने, चलने और गोता मारने के मायने अलग होते हैं। इन क्रियाओं में राजनीतिक संकेत होते हैं। नीलवर्णी अंतर्वस्त्र में शीतल जल में डुबकी लगाकर हो सकता है वे किसी नई खोज में लगे हों। कहा भी गया है-जिन खोजा तिन पाइया…गहरे पानी पैठ। फिलहाल, मौके पर मौजूद गार्ड का कहना है- ‘मैंने तो रोका था, साहब माने ही नहीं।’ साहब राजनीतिक दलों तक में नहीं रुकते, तुम्हारे रोके क्या रुकेंगे?

झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में कोट बांध में छलांग लगाते पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा।
2. फिल्मों पर ‘ठाकुर साहब’ का दर्द छलक पड़ा
बात तो ठाकुर साहब ने खरी कही है। उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह जयपुर आए थे। मौका था एक NGO की एनिवर्सरी का। बात महिला सशक्तीकरण की निकल पड़ी। ठाकुर साहब को 80 के दशक की वह फिल्म याद आ गई, जिसमें गांव का ठाकुर घोड़े पर सवार होकर पैदल भागती महिला को रेस में पछाड़ने पर आमादा है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य को यह ख्याल आया तो वे माइक लेकर मन की बात कहने लगे।
बोले- 80-90 के दशक की फिल्मों ने ठाकुरों को बहुत बदनाम किया। हर दूसरी फिल्म में गांव का सबसे बड़ा अपराधी ठाकुर को दिखाया जाता था। फिल्मों में यह दिखाया गया कि ठाकुरों ने महिलाओं को कभी आगे बढ़ने नहीं दिया। 100 साल पहले हमारे ही पूर्वजों ने उदयपुर में बालिका शिक्षा की नींव रखी थी। खैर, ये अलग बात है कि फिल्मी हस्तियों के साथ ठाकुर साहब की गलबहियों की तस्वीरों से गूगल भरा पड़ा है।

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह ने जयपुर में कहा- फिल्मों में ठाकुरों का गलत चित्रण किया गया।
3. मुख्यमंत्री महोदय से ‘अजीबोगरीब विनती’ कर डाली
गमछे वाले नेताजी सीएम साहब पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ते। गाहे-बगाहे ‘पर्ची’ की रट लगा देते हैं। अब सीएम के नाम एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर इधर-उधर घूम रही है। अमुक संगठन के अमुक अध्यक्ष ने अजीबोगरीब विनती कर डाली है। चिट्ठी में लिखा है- माननीय मुख्यमंत्री महोदय। पिछली गुरु पूर्णिमा को आप गिरिराज जी के दर्शन करने गए थे। आपने प्रदेश में अच्छी बारिश के लिए दुआ की थी। अच्छी बारिश तो छोड़िए, अब तो जरूरत से ज्यादा बारिश हो गई है। मेरी विनती है आप दोबारा गिरिराज जी के ढोक लगाने जाएं, और अर्जी लगाएं कि महाराज अब बारिश रोक दीजिए। बहुत हुआ।
लोग कहते हैं कि सीएम साहब भगत आदमी हैं। दर्शन करने जाते रहते हैं। उनकी श्रीमतीजी भी कनक दंडौती लगा चुकी हैं। गमछे वाले नेताजी को समझना चाहिए कि भगतों की अर्जी स्वीकार होती ही है। चिट्ठी लिखने वाले को तो बात समझ आ गई। गमछे वाले नेताजी की हम कह नहीं सकते।

सीएम भजनलाल शर्मा के नाम फाइट फॉर राइट संस्था के प्रदेश अध्यक्ष सुनील उदेईया ने अनोखा लेटर लिखकर बारिश रुकवाने के लिए भगवान से प्रार्थना करने की अपील की।
4. चलते-चलते
चलते-चलते सुनिए विधायकजी का किस्सा। सैल्यूट है भाईसाहब इनको। बात उदयपुर की है। एकलिंगपुरा में जोर का पानी गिरा। जगह-जगह पानी भर गया। अंडरब्रिज भी लबालब। यहां से कॉलेज स्टूडेंट्स की बस निकली। बीच पानी बस बंद पड़ गई। बस में सवार 30 स्टूडेंट घबरा गए। इसी दौरान भगवा पार्टी के विधायक फूल सिंह पहुंच गए। छात्रों को पहले बस से निकाला। इसके बाद धक्का मारकर बस को पानी से निकाला।
ये तो सर छोटी-मोटी घटना है। नेताजी जब विधायक बने थे, तब 7वीं पास थे। कम पढ़ा-लिखा होने का मलाल था। फिर क्या, विधायकी के साथ-साथ नए सिरे से पढ़ाई शुरू की। दसवीं पास की, बारहवीं पास की। ग्रेजुएशन किया फिर पोस्ट ग्रेजुएशन। जो व्यक्ति शिक्षा की रुकी हुई गाड़ी को धक्का मारकर पार लगाता है, वही विधायकी का रुतबा पीछे छोड़ पानी में उतरकर छात्रों की बस को धक्का लगा सकता है। जय जय राजस्थान।

उदयपुर ग्रामीण से भाजपा विधायक फूल सिंह मीणा पानी में फंसी बस को धक्का लगाते हुए।
वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। अब मंगलवार को मुलाकात होगी…