3 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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सोनी टीवी और सोनी लिव पर आज से ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ का नया सीजन शुरू हो रहा है। इस बार नवजोत सिंह सिद्धू, मलाइका अरोड़ा और शान जज की भूमिका में नजर आएंगे। दैनिक भास्कर से बातचीत में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने जीवन, अनुभवों और इस शो में प्रतिभाओं को देखने के अपने दृष्टिकोण के बारे में बात की।
नए सीजन में इंडियाज गॉट टैलेंट का सबसे खास अनुभव आपके लिए क्या रहा?
क्रिकेट में मेरा बल्ला बोला, कॉमेंट्री में मेरी आवाज ने लोगों तक पहुंच बनाई और राजनीति में मेरी वाणी ने असर डाला। लेकिन इंडियाज गॉट टैलेंट के मंच पर दर्शक मुझे मेरे असली स्वरूप में देख पाएंगे। पहली बार ऐसा हुआ कि मैं मंच पर भावुक हो गया। यह मेरे लिए एक नया और बेहद गहरा अनुभव था। मंच हमेशा से मेरे लिए खास रहा है, लेकिन यह मंच मुझे सिर्फ दर्शकों से ही नहीं, बल्कि प्रतिभागियों की भावनाओं से भी जोड़ता है। यह आत्म-अनुशासन, त्वरित निर्णय और मानसिक उपस्थिति प्रेजेंस ऑफ माइंड का संगम है।

आपके वन-लाइनर्स, शायरियां और संवाद इतने सहज और प्रभावशाली कैसे बनते हैं?
यह भीतर की ऊर्जा और निरंतर अभ्यास का परिणाम है। मैं मानता हूं कि मन में अपार शक्ति होती है। जरूरत सिर्फ उसे पहचानने और सही दिशा में मोड़ने की होती है। कई बार एक ही पंक्ति में विचार, भावना और संदेश तीनों समा जाते हैं। यही है कम शब्दों में गहरी बात कहने की कला।
शो की थीम ‘दुनिया का सबसे बड़ा रोग- क्या कहेंगे लोग?’ इस पर आपकी राय क्या है?
सबसे बड़ा रोग है दूसरों की राय और डर के जाल में फंस जाना। लोग हमेशा सोचते रहते हैं कि क्या कहेंगे। यही रोग हमें अपने असली स्वभाव और प्रतिभा से दूर करता है। इस शो में यही दिखाया गया है कि डर और चिंता से मुक्त होकर ही कोई अपना असली रूप दिखा सकता है।
‘अजब हैं, गजब हैं’ थीम के बारे में आपका क्या कहना है?
यह शो की प्रतिभाएं जो सामान्य सोच से अलग हैं, उन्हें दर्शाने का तरीका है। इन प्रतिभाओं को देखकर यही लगता है कि दुनिया में अद्भुत शक्ति हर किसी के भीतर है, बस उसे पहचानने वाली नजर चाहिए।

आपके जीवन और अनुभवों ने इस शो पर कैसे असर डाला?
मैंने अपने खान-पान, अनुशासन और ध्यान से अपने मन को नियंत्रित किया। अब दर्शक मुझे मंच पर एक शांत, केंद्रित और प्रेरित स्वरूप में देखेंगे। स्वामी विवेकानंद ने मुझे सिखाया कि असली शक्ति भीतर होती है। किताबों में नहीं, अनुभव में है। मन को समझना और उसे नियंत्रित करना ही असली कला है। इंडियाज गॉट टैलेंट में इसी शक्ति को दर्शकों के सामने लाना मेरी जिम्मेदारी है।
इस शो में मलाइका अरोड़ा और शान के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मलाइका मैम और शान के साथ तालमेल बहुत अच्छा है। मलाइका का अनुशासन और जीवन शैली प्रेरणादायक है। शान की संवेदनशीलता और अनुभव शो को और अधिक प्रभावशाली बनाता है। यह टीम एक परिवार की तरह काम करती है और प्रतिभाओं के लिए सबसे सही मंच तैयार करती है।
इस सीजन में आपने कोई ऐसा पल देखा जो आपको सच में हैरान कर गया हो?
हां, बिल्कुल! एक जादूगर हिमांशु ने ऐसा जादू दिखाया कि मैं स्तब्ध रह गया। वह सिर्फ तंत्र की तरह जादू करता था, कोई ताश के पत्तों का खेल नहीं, बल्कि उसकी कला ने पूरे मंच और मेरे मन को झकझोर दिया। बच्चों के एक समूह ने भी ढोल, नृत्य और फ्लूट के साथ जो जुगलबंदी दिखाई, जिसने भूपेन हजारिका साहब की याद दिला दी। मैं सच में नहीं चाहता था कि यह पल खत्म हो। यही है इस शो की खासियत प्रतिभा इतनी अद्भुत कि आपको यकीन नहीं होता।

इस सीजन में कौन सा ऐसा पल था जब भावुक होकर अपने आप को रोक नहीं पाए?
पहली बार ऐसा हुआ कि मंच पर एक प्रतिभा को देखकर मैं भीतर तक हिल गया। उनकी मेहनत, जुनून और समर्पण ने मुझे इस कदर छू लिया कि मेरी आंखों में आंसू आ गए। मैं आमतौर पर भावुक नहीं होता, लेकिन वो क्षण कुछ अलग था। यही इस शो की खूबसूरती है। यह सिर्फ मनोरंजन नहीं है, बल्कि इंसानी जज्बात, संघर्ष और भावना की गहराइयों को सामने लाने वाला मंच है।
युवाओं के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे?
मन जीतना ही असली जीत है। अपने भीतर झांकिए, अपनी प्रतिभा पहचानिए और उसे आत्मविश्वास के साथ बाहर लाएं। डर और दूसरों की राय को अपने सपनों की राह में बाधा न बनने दें।