नागरकुर्नूल23 मिनट पहले
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टनल का हिस्सा ढहने के बाद से कन्वेयर बेल्ट बंद था।
तेलंगाना के नागरकुर्नूल में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल का एक हिस्सा 22 फरवरी को ढहा था। इस दौरान टनल में मौजूद कन्वेयर बेल्ट भी क्षतिग्रस्त हो गया था। 11 दिन बाद रेस्क्यू में जुटी टीमों ने इसे ठीक कर लिया है। अब टनल से हर घंटे 800 टन मलबा निकाला जा सकेगा।
टनल में 8 मजदूरों ने अभी तक संपर्क नहीं हो सका है। अधिकारियों ने बताया कि ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) में जहां मजूदरों के होने की जानकारी मिली थी, उन जगहों पर ड्रिलिंग चल रही है। मलबा हटाने और पानी निकाला जा रहा है। हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) ने GPR सर्वे किया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन में राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि भी शामिल हुए हैं। NDRF, SDRF, सेना, दक्षिण मध्य रेलवे, रैट माइनर्स और दूसरी रेस्क्यू एजेंसियां घटना के बाद से ही रेस्क्यू में जुटी हुई हैं।
रेस्क्यू से जुड़ी तस्वीरें…

टनल में मौजूद कर्मचारी गैस कटर से लोहे काट रहे हैं।

तेलंगाना CM रेवंथ रेड्डी के हेलिकॉप्टर से टनल का व्यू।

अधिकारियों का बनाया टनल का ग्राफ, इसके हिसाब से रेस्क्यू चलाया जा रहा है।

SLBC रेस्क्यू में जुटीं टीमें और अन्य अधिकारी-कर्मचारी।

टनल से कई टन मलबा निकाला जा चुका है। ये प्रक्रिया लगातार जारी है।

SLBC टनल हादसा 22 फरवरी को हुई थी।
SLBC प्रोजेक्ट में काम कर रहे 800 लोग, लेकिन कई काम छोड़ भागे
रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद टनल में काम कर रहे कुछ मजदूर डर के कारण काम छोड़कर चले गए हैं। सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) प्रोजेक्ट में 800 लोग काम कर रहे हैं। इनमें से 300 लोकल और बाकी झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश से हैं।अधिकारी ने यह भी कहा कि शुरुआत में मजदूरों में डर जरूर है। हालांकि, कंपनी ने उनके लिए आवासीय कैंप बनाए हैं। कुछ लोग वापस जाना चाह सकते हैं, लेकिन हमारे पास इस बात की कोई रिपोर्ट नहीं है कि सभी मजदूर एक साथ छोड़कर जा रहे हैं।

फंसे लोगों के परिजन बोले- अंदर की कोई खबर नहीं
टनल के अंदर फंसे पंजाब के गुरप्रीत सिंह के चाचा ने 1 मार्च को बताया था कि 7 दिन बीच चुके हैं। अंदर की कोई खबर नहीं है। सरकार से निवेदन है कि हमें जल्दी बताया जाए कि सरकार कब तक उन्हें बाहर निकालेगी।
उन्होंने कहा था कि गांव में हमारे परिवार के लोग परेशान हैं और खाना नहीं खा रहे हैं। हम लोग चाह रहे थे कि टनल के अंदर जाकर देखे कि हालात क्या है। मुझे अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। बोल रहे हैं कि जो टीमें अंदर जा रही हैं, वहीं बताएंगे कि अंदर क्या हो रहा है।
झारखंड के संतोष साहू के परिजन सरवन ने बताया था कि 22 फरवरी को जानकारी मिली थी कि मेरे जीजा टनल में फंस गए हैं। घटना के 7 दिन हो गए हैं लेकिन हमें कोई जानकारी नहीं मिली है कि वो ठीक हैं या नहीं। हम लोग उम्मीद लगा के बैठे हैं कि कब वो बाहर निकलें और उन्हें घर लेकर जाएं। तेलंगाना सरकार काम तो कर रही है।
तेलंगाना सरकार से गुजारिश है कि वे जल्द से जल्द उन्हें बाहर निकाले और हमें उन्हें घर ले कर जाएं। हमारी झारखंड सरकार ने भी दो ऑफिसर को यहां भेजा है। ये लोग भी हमारी सहायता कर रहे हैं।
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तेलंगाना के नागरकुर्नूल में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल में फंसे 8 मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन का रविवार को 9वां दिन है। 22 फरवरी को सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद से बचाव कार्य जारी है। पूरी खबर पढ़ें…