नई दिल्ली2 घंटे पहले
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तुलसी गबार्ड रायसीना डायलॉग में शामिल होने के लिए भारत आई हैं।
अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस की हेड तुलसी गबार्ड ने भारत में लगातार हो रहे पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमलों को इस्लामी आतंक बताया है। सोमवार को न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा- ये आतंक भारत और अमेरिका समेत कई मिडिल ईस्ट देशों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मुस्लिम आतंकवाद से निपटने के अपने वादे पर कायम हैं। तुलसी रायसीना डायलॉग में शामिल होने के लिए भारत आई हैं।

तुलसी बोलीं- इस्लामी आतंक से अमेरिका को भी खतरा तुलसी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस्लामी आतंक से लड़ने के अपने वादे को लेकर बहुत क्लियर हैं। इस आतंक ने हमें घेर लिया है और लगातार अमेरिकी लोगों पर खतरा बना हुआ है। ये भारत, बांग्लादेश में लोगों को प्रभावित करता रहा है और मौजूदा समय में सीरिया, इजराइल और मिडिल ईस्ट के कई देशों में लोगों पर असर डाल रहा है।
मुझे पता है पीएम मोदी इस खतरे को बहुत गंभीरता से लेते हैं। दोनों नेता इस खतरे को पहचानने और इसे हराने के लिए मिलकर काम करेंगे।
अध्यात्म, गीता और भारत पर तुलसी की 3 मुख्य बातें…
- भगवान के साथ मेरा रिश्ता मेरे जीवन का केंद्र: मेरी आध्यात्मिक यात्रा और भगवान के साथ मेरा रिश्ता मेरे जीवन का केंद्र है। मैं रोज यही कोशिश करती हूं कि ऐसी जिंदगी जी सकूं जो भगवान के हिसाब से बेहतर हो। और भगवान के सभी बच्चों की सेवा कर पाने से बेहतर तरीका क्या हो सकता है।
- भगवत गीता के उपदेशों से मूल्यवान सीख मिलती है: मेरी जिंदगी के अलग-अलग समय में, चाहे मैं वॉर जोन में रहूं या आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, हर समय में कृष्ण के उपदेश से मुझे हर बार कोई मूल्यवान सीख मिलती है। इससे मुझे शांति, शक्ति और सुकून मिलता है।
- भारत आकर लगता है जैसे घर आ गई हूं: भारत से मुझे बहुत प्यार है। मैं जब भी यहां आती हूं तो लगता है कि अपने ही घर आई हूं। यहां के लोग बहुत दयालु हैं और प्यार से स्वागत करते हैं। यहां का खाना हमेशा स्वादिष्ट लगता है। दाल मखनी और ताजे पनीर से बनाई गई हर चीज बहुत लजीज होती है।
अमेरिका की पहली हिंदू सांसद रही हैं तुलसी गबार्ड तुलसी गबार्ड अमेरिका की पहली हिंदू सांसद रही हैं। गबार्ड ने 22 साल की उम्र में हवाई से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वह 4 बार डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद रहीं।
तुलसी पहले बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता थीं। उन्होंने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले रिपब्लिकन पार्टी जॉइन कर ली थी।
चुनाव जीतने के बाद ट्रम्प ने उन्हें नेशनल इंटेलिजेंस की चीफ बनाया। वो CIA समेत 18 सीक्रेट एजेंसियों की हेड हैं।

राजनीति छोड़ न्यूज चैनल जॉइन कर लिया था राजनीति छोड़ न्यूज चैनल का हिस्सा बनीं तुलसी 2016 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं। बाद में उन्होंने हिलेरी क्लिंटन की जगह बर्नी सेंडर्स का समर्थन किया था। वह 2020 में भी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी की दौड़ में शामिल रहीं। बाद में उन्होंने बाइडेन का साथ दिया।
2022 में पार्टी छोड़ने के बाद तुलसी ने फॉक्स न्यूज को जॉइन कर लिया था। वह वहां कई शो में को-होस्ट के तौर पर नजर आईं। तुलसी ने 2022 के चुनाव में कई रिपब्लिकन उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया।
भारतवंशी नहीं हैं तुलसी गबार्ड तुलसी को उनके नाम की वजह से कई बार भारतवंशी कहा जाता है। हालांकि वे भारतवंशी नहीं हैं। वे खुद कई बार ऐसा कह चुकी हैं। तुलसी का जन्म एक समोअन अमेरिकी परिवार में हुआ था। उनके पिता कैथोलिक थे। मां भी ईसाई थी जिन्होंने बाद में हिंदू धर्म अपना लिया। तुलसी भी पहले ईसाई थीं, लेकिन बाद में उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया।
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