In Pali Marwar, one son of Kanaram Devasi was killed by a leopard and the other by a crocodile, the old man said how will I stay alive now | कानाराम बोले मैं अभागा पिता: मेरी आंखों के सामने एक बेटे को मगरमच्छ खा गया, दूसरे को लेपर्ड, अब कैसे जिंदा रहूं – Pali (Marwar) News

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लेपर्ड के हमले में अकाल मौत का शिकार हुए भोलाराम के शव का शनिवार को पाली जिले के बलवना (सुमेरपुर) में अंतिम संस्कार किया गया।

मैं दुनिया का वह अभागा पिता हूं जिसकी आंखों के सामने दो बेटों की मौत हो गई। एक बेटे को करीब 8 साल पहले मगरमच्छ खा गया और अब दूसरे बेटे को लेपर्ड ने मार डाला। दोनों ही घटनाएं मेरी आंखों के सामने हुई लेकिन मैं अपने बच्चों को नहीं बचा सका। काश वे जिंदा

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मृतक भोलाराम जिसकी लेपर्ड के हमले में मौत हुई और मृतक तेजाराम जिसे मगरमच्छ ने मार दिया था।

मृतक भोलाराम जिसकी लेपर्ड के हमले में मौत हुई और मृतक तेजाराम जिसे मगरमच्छ ने मार दिया था।

बेटों को जंगल में भेजने से भी अब डर लगता हैं

बोले कि पशुपालक है पूरा परिवार पशुपालन का ही काम करता है। मवेशी जंगलों में चराकर पूरा परिवार अपने गुजारा सालों से करते आ रहे है। पांच बच्चों में से दो बेटों को जंगली जानवरों ने मौत के घाट उतार दिया। अब तीन बेटे बच्चे है। अब तो उन्हें भी जंगल में मवेशियों के साथ भेजने में डर लगता है। कई कोई जंगली जानवर उनके बेटों को मौत् के घाट न उतार दे।

गमगनी माहौल में हुआ अंतिम संस्कार पाली जिले के सुमेरपुर क्षेत्र के बलवना गांव निवासी वृद्ध कानाराम देवासी के 25 वर्षीय बेटे भोलाराम देवासी अपने पिता कानाराम के साथ जवाई बांध के निकट सिंचाई विभाग के रेस्ट हाऊस के पास पहाड़ी पर 20 मार्च 2025 को मवेशी चरा रहा था। इस दौरान झाड़ियों में छिपकर बैठे लेपर्ड ने उस पर हमला कर दिया। वह चिल्लाता। कुछ ही दूरी पर बैठे कानाराम भागकर गए लेकिन तब तक लेपर्ड ने उनके बेटे भोलाराम को गंभीर घायल कर दिया। जिसे उपचार के लिए सुमेरपुर हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शनिवार को बलवना गांव में भोलाराम का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान हर आंख नम नजर आई। कानाराम देवासी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।

वर्ष 2016 में बेटे को खा गया था मगरमच्छ लालाराम देवासी ने बताया कि कानाराम देवासी के 5 बेटे है। जिनमें से अब 32 साल का वजाराम, 22 साल का हकमाराम और 15 साल का सादलाराम जिंदा है। 4 मई 2016 को कानाराम देवासी अपने 15 साल के बेटे तेजाराम के साथ बलवना गांव की नाडी के पास पशु चरा रहे थे। इस दौरान नाडी में जा रहे पशुओं को बाहर निकाले गए 15 साल के तेजाराम को नाडी में मगरमच्छ ने झपट्‌टा मारकर मौत के घाट उतारा दिया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद गोताखोर नाडी से तेजाराम की बॉडी निकालने में कामयाब हुए थे।

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