Description of Shiva-Parvati marriage in Mahapuran story | महापुराण कथा में शिव-पार्वती विवाह का वर्णन – Amritsar News

Actionpunjab
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लॉरेंस रोड बिजली पहलवान मंदिर में सोमवार से शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। शिव परिवार की ओर से करवाई जा रही कथा मंगलवार तक चलेगी। चंड़ीगढ़ से आए परम रसिक विजय शास्त्री ने ब्यास गद्दी पर विराजमान हुए। इससे पहले भक्तों ने मिलकर भगवान शिव जी के चित्रपट के समक्ष पवित्र ज्योति जलाई।

इसी दौरान शास्त्री जी ने शिव-पार्वती विवाह का सचित्र प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि विवाह संस्कार पवित्र संस्कार है, लेकिन आधुनिक समय में प्राणी संस्कारों से दूर भाग रहा है। जीव के बिना शरीर निरर्थक होता है ऐसे ही संस्कारों के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं होता।

कथा के दौरान कपिल भगवान ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव ने आत्मविश्वास के साथ पांच वर्ष की अवस्था में ईश्वर को प्राप्त कर लिया। हमें भी आत्मविश्वास से ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए क्योंकि आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है। भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए।

मां भगवती का सती रूप में योग अग्नि में लीन होने, उसके बाद हिमालय पर्वत पर महाराज हिमालय और मैना देवी के यहां पार्वती के जन्म कथा प्रसंग सुनाई। मां पार्वती जी ने बड़ी घोर तपस्या भगवान भोलेनाथ के लिए की। उसके परिणाम स्वरूप भगवान भोले ने आशीर्वचन दिए। भगवान शिव प्रसन्न हुए और पार्वती माता का भोलेनाथ के साथ विवाह हुआ। जिसमें ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र, लोकपाल, देवता भूत और संत महापुरुष शामिल हुए।

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