पानीपत के खालसा प्रचार गुरुद्वारा संत भवन इसराना साहिब में रविवार को बैसाखी पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर गुरबाणी पाठ और शब्द कीर्तन के माध्यम से सिख इतिहास की गाथाएं सुनाई गईं।
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गुरुद्वारा के संत श्री राजेंद्र सिंह ने बताया कि बैसाखी का दिन सिख इतिहास में स्वर्णिम दिन है। इसी दिन गुरु गोविंद सिंह जी ने पांच प्यारों को अमृत छका कर सिंह की उपाधि दी थी। उन्होंने सिख संगत को सिंह और कौर की उपाधि प्रदान की थी।

गुरुद्वारा संत भवन इसराना साहिब में रविवार को बैसाखी पर्व धूमधाम से मनाया गया।
छात्रों ने गुरबाणी कीर्तन के साथ सिख इतिहास का वर्णन किया
कार्यक्रम में कथावाचक निर्मल सिंह धुलकोट, रागी जथा भाई हरकीरत सिंह पानीपत और भाई भरत सिंह जवैदी टक्साल ने शब्द कीर्तन प्रस्तुत किया। बाबा फतेह सिंह अकादमी के छात्रों ने भी गुरबाणी कीर्तन के साथ सिख इतिहास का वर्णन किया।
नशे की बुराई से दूर रहने और गुरुओं का स्मरण करने का संदेश
संत राजेंद्र सिंह ने समाज में फैल रही नशे की बुराई से दूर रहने और गुरुओं का स्मरण करने का संदेश दिया। पूरे दिन लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर खालसा दलविंदर सिंह, सुखप्रीत सिंह, अमनप्रीत सिंह, जितेंद्र सिंह और गुरदयाल सिंह खालसा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। वार्षिक समागम में हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।