इस्लामाबाद3 घंटे पहले
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पाकिस्तान सेना के तोपखाने में गोला-बारूद की काफी कमी हो गई है। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान के पास सिर्फ 4 दिनों तक जंग लड़ने लायक हथियार बचे हैं। डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान की यह स्थिति यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार बेचने और पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फ्रैक्टरी (POF) की उत्पादन क्षमता कमजोर होने की वजह से बनी है।
पाकिस्तान की सैन्य रणनीति मुख्य रूप से तोपों और बख्तरबंद गाड़ियों पर टिकी हुई है। यह भारत की बड़ी सेना से निपटने के लिए बनाई गई थी। लेकिन अब 155 मिमी गोले (M109 हॉवित्जर के लिए) और 122 मिमी रॉकेट्स (BM-21 सिस्टम के लिए) की कमी के कारण यह नीति बिल्कुल बेअसर हो गई है।
इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 2 मई 2025 को हुई विशेष कोर कमांडर्स सम्मेलन में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी इस स्थिति को लेकर काफी चिंतित और घबराए हुए हैं।

पाकिस्तान के M109 हॉवित्जर टैंक। इसमें 155mm के गोले का इस्तेमाल होता है।
पूर्व जनरल ने माना, पाकिस्तान के पास लड़ने लायक हथियार नहीं
पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी पहले स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान के पास ना तो पर्याप्त गोला-बारूद है और ना ही ऐसी आर्थिक क्षमता कि वह भारत से लंबा युद्ध लड़ सके।
अप्रैल 2025 में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पोस्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने 2022 से यूक्रेन को 2,30,000 से अधिक 155mm गोले और दूसरे हथियार बेचे हैं। POF जो कि पाकिस्तानी सेना को गोले-बारूद मुहैया करती है, स्टॉक को फिर से भरने में नाकाम साबित हुई है।
खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि पाकिस्तान ने संभावित संघर्ष की आशंका में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास गोला-बारूद डिपो बनाए हैं, लेकिन ये डिपो भी अब खाली होने की कगार पर हैं।
दूसरी ओर भारत लगातार अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत करने में लगा हुआ है। म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड (MIL) की सालाना गोला-बारूद उत्पादन क्षमता अब POF से 5.1 गुना ज्यादा हो चुकी है। भारत के पास इतने गोले-बारूद हैं कि वह लगातार 15 दिन तक लंबे जंग में उलझ सकता है। भारत का टार्गेट 2027 तक इसे 40 दिन तक ले जाना है।
पाकिस्तान ने अब्दाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया

अब्दाली मिसाइल का मुख्य इस्तेमाल कन्वेंशनल हथियारों के लिए किया जाता है।
भारत से जारी तनाव के बीच पाकिस्तान ने शनिवार को अब्दाली वेपन सिस्टम नाम की बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण का दावा किया। पाकिस्तान का कहना है कि उसने ‘इंडस एक्सरसाइज’ के तहत 450 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली इस सरफेस टू सरफेस मिसाइल का परीक्षण किया।
यह मिसाइल 500-700 किलोग्राम तक के न्यूक्लियर एंड कन्वेंशनल हथियार ले जा सकती है, हालांकि इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कन्वेंशनल हथियारों के लिए किया जाता है। इसमें मॉडर्न नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम हैं, जो सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।
पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि इस टेस्टिंग का मकसद सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रखना और मॉडर्न नेविगेशन सिस्टम के तकनीकी मापदंडों को चेक करना था।
पाकिस्तानी मंत्री ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी थी पाकिस्तान ने यह मिसाइल टेस्टिंग ऐसे वक्त पर की है जब कुछ दिन पहले ही उसके एक मंत्री ने भारत को धमकी देते हुए कहा था कि हमारे पास जो 130 परमाणु हथियार हैं, आपको पता नहीं है कि पाकिस्तान के किस-किस हिस्से में ये रखे हुए हैं।
ये जो गोरी, शाहीन, गजनवी (मिसाइलें) हैं, ये हमने चौक पर सजाने के लिए नहीं, हिंदुस्तान के लिए रखे हैं।
ग्लोबल फायरपावर रैंकिंग- भारत चौथे तो पाकिस्तान 12वें नंबर पर ग्लोबल फायरपावर रैंकिंग के मुताबिक 145 देशों की लिस्ट में भारत चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर है। वहीं मिलिट्री वॉच मैगजीन के अनुसार भारत टियर 2 मिलिट्री पावर में आता है, जबकि पाकिस्तान टियर 3 मिलिट्री पावर में आता है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत का मिलिट्री खर्च पाकिस्तान से लगभग नौ गुना ज्यादा था। भारत मिलिट्री खर्च 86.1 अरब डॉलर था, जबकि पाकिस्तान का सैन्य व्यय 10.2 अरब डॉलर रहा।
भारत और पाकिस्तान की प्रमुख मिसाइल को जानिए…


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ये जो गोरी, शाहीन, गजनवी (मिसाइलें) हैं, ये हमने चौक पर सजाने के लिए नहीं, हिंदुस्तान के लिए रखे हैं। हमारे पास जो 130 परमाणु हथियार हैं, आपको पता नहीं है कि पाकिस्तान के किस-किस हिस्से में ये रखे हुए हैं। ये बयान है पाकिस्तान के रेलमंत्री हनीफ अब्बासी का है… यहां पढ़ें पूरी खबर…