Mughal Bahu Red Fort Controversy; Sultana Begum | Supreme Court | महिला बोलीं- लाल किला वापस दो, मुगलों की बहू हूं: सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज, कहा- यही क्यों, ताजमहल-फतेहपुर सिकरी भी मांग लो

Actionpunjab
4 Min Read


नई दिल्ली6 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
रजिया सुल्ताना ने अपनी याचिका में लाल किले को वापस लौटाने या 1857 से लेकर आज तक के लिए मुआवजा देने की मांग की थी। - Dainik Bhaskar

रजिया सुल्ताना ने अपनी याचिका में लाल किले को वापस लौटाने या 1857 से लेकर आज तक के लिए मुआवजा देने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लाल किले पर कब्जे दिलाने की मांग करने वाली महिला की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता रजिया सुल्ताना बेगम का दावा है कि वे अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पोते मिर्जा बेदार बख्त की बीवी हैं।

कानूनी उत्तराधिकारी होने के चलते रजिया ने अपनी याचिका में लाल किले को वापस लौटाने या 1857 से लेकर आज तक के लिए मुआवजा देने की मांग की थी। CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने याचिका को गलत और निराधार करार दिया।

कोर्ट ने सुल्ताना बेगम के वकील को याचिका वापस लेने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया। CJI ने कहा- आप लाल किले तक ही क्यों रुकें? आगरा के किला, ताजमहल, फतेहपुर सीकरी और अन्य किलों पर भी दावा क्यों नहीं किया?

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 दिसंबर 2024 को सुल्ताना बेगम की याचिका को खारिज कर दिया था। सुल्ताना बेगम ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

कौन हैं रजिया सुल्ताना बेगम

रजिया सुल्ताना बेगम का दावा है कि वह मुगल सल्तनत के आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पोते मिर्जा बेदार बख्त की बीवी हैं। 15 अगस्त साल 1965 को उनकी शादी हुई थी, तब सुल्ताना 12 साल की थी। मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली सुल्ताना का बचपन कोलकाता में नाना के घर बिता। इन दिनों वह हावड़ा के शिवपुरी इलाके की एक बस्ती में रह रही हैं।

लाल किले में 50 रुपए का टिकट लेकर जाती हैं सुल्ताना

सुल्ताना बेगम कहती हैं- मैं मुगल खानदान की बहू हूं, लेकिन लाल किले में 50 रुपए का टिकट लेकर जाती हूं। हुमायूं के मकबरे में 40 रुपए देकर जाती हूं। जबकि वो मेरे खानदान की रियासत है। मुगल कहां ले गए लूट कर, एक का नाम बता दो तो मैं सिर झुका लूंगी। कब्र खुदे या रहे, ये सरकार की जिम्मेदारी है।

दिसंबर 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की थी

20 दिसंबर, 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट ने लाल किले पर कब्जे की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि मामला दायर करने में 150 सालों से ज्यादा की देरी हुई है।

सुल्ताना बेगम ने अपनी याचिका में कहा था कि वह लाल किले की असली मालिक हैं क्योंकि उन्हें यह संपत्ति अपने पूर्वज बहादुर शाह जफर द्वितीय से विरासत में मिली थी और भारत सरकार ऐसी संपत्ति पर अवैध कब्जा कर रही है।

इसके बाद दिसंबर, 2024 में सुल्ताना ने दूसरी बार याचिका दायर की। जिसे कार्यवाहक चीफ जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने खारिज कर दिया था।

अपनी याचिका में सुल्ताना बेगम ने कहा था कि 1960 में जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने मिर्जा मुहम्मद बेदार बख्त को बहादुर शाह जफर का उत्तराधिकारी माना था और उन्हें राजनीतिक पेंशन दी थी।

————————-

ये खबर भी पढ़ें..

संडे जज्बात- मुगलों की बहू हूं, रहने को छत नहीं: पानी में ब्रेड डुबोकर बच्चे पाले; लालकिला भी टिकट लेकर जाती हूं

मेरा नाम रजिया सुल्ताना बेगम है। मैं मुगल सल्तनत के आखिरी बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पोते मिर्जा बेदार बख्त की बीवी हूं। 15 अगस्त साल 1965 को हमारी शादी हुई, तब मैं 12 साल की थी। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *