Jai Bhavani Jai Shivaji’ Evokes Pride and Valor, Says Sharad Kelkar | गाने में दिखा शरद केलकर का छत्रपति शिवाजी अवतार: बोले- महाराज के इतिहास को आगे बढ़ाने की कोशिश, एक दिन उनपर बनाऊंगा लंबी सीरीज

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56 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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एक्टर शरद केलकर टीवी से शुरुआत करके बड़े पर्दे पर अपना धाक जमा चुके हैं। शरद ने बतौर एक्टर ही नहीं आवाज की दुनिया में भी खूब नाम बनाया है। फिल्म ‘बाहुबली’ में उनकी दमदार आवाज दर्शकों के जेहन में बस चुकी है। एक्टर ऐतिहासिक किरदारों के लिए भी जाने जाते हैं।

फिलहाल शरद ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ गाने में नजर आ रहे हैं। इस गाने को भी दर्शकों का प्यार मिला रहा है। शरद ने दैनिक भास्कर से बातचीत में अपने एम्बिशन और चुनौतियों पर बात की है।

इस बार अपने फैंस के लिए आप ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ गाना लेकर आए हैं। क्या अनुभूति है?

मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। ये एक सोच है, जो बहुत पहले से मेरे अंदर है। जब मैंने ‘तानाजी अनसंग वॉरियर’ फिल्म की उसके बाद इस एहसास में और बढ़ोतरी हुई। मुझे जहां-जहां मौका मिला, मैंने इस बात को बोला है। फिर एक मौका आया, जब अभिषेक ठाकुर और कशिश म्यूजिक ने मुझसे कहा कि वो महाराज के ऊपर एक गीत बना रहे हैं। क्या मैं उसका हिस्सा बनना चाहूंगा? मैंने झट से हां बोल दिया।

मैं चाहता हूं कि महाराज की छवि और उनका व्यक्तित्व, देश के कोने-कोने तक पहुंचे। देश के बाहर भी उनके बहुत सारे फॉलोवर्स हैं, जो उनकी शिक्षा को मानते हैं, उन तक ये गाना पहुंचे। अब समय की दरकार है कि अपने देश और इतिहास के लिए हमारे अंदर महाराज जैसी भावना होनी चाहिए। ऐसे में बस मेरी छोटी सी कोशिश है। कैलाश खेर ने बहुत खूबसूरती से इस गाने को गाया है।

शरद के इस गाने को अब तक 6.4 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं।

शरद के इस गाने को अब तक 6.4 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं।

मुझे याद है कि जब मैं स्कूल में पढ़ता था, तब शिवाजी महाराज पर बस एक छोटा सा चैप्टर होता था। हाल ही में मैं राज्य सरकार के पास गए और उनसे कहा कि हमारे टेक्सटबुक में अगर छत्रपति शिवाजी की एक पूरी किताब हो तो हम सबको इससे बहुत प्रेरणा मिलेगी।

अपने गौरवशाली इतिहास को पर्दे पर देख दर्शक इमोशनल हो जाते हैं। आप जब ये गाना कर रहे थे, तब कोई भावुक पल रहा?

मैंने पहले भी कहा है कि जब मैंने ‘तानाजी अनसंग वॉरियर’ की थी, तब मैंने वो रोल की नहीं, बस हो गईं। जब भी हम अपने पुराने काम को याद करते हैं तो सेट से जुड़ी कई बातें याद आती हैं। उसमें चुनौतियां भी शामिल रहती हैं। लेकिन मुझे याद नहीं कि तानाजी के सेट पर ऐसा कुछ हुआ होगा। डायरेक्टर मुझे किरदार की ब्रीफिंग देते और मैं बस कर देता था। शायद, मेरे ऊपर महाराज का आशीर्वाद था।

ऐसा ही कुछ इस गाने में भी हुआ। हमने अप्रैल के पहले वीक में इसे शूट किया। आमतौर पर अप्रैल में गर्मी ज्यादा नहीं होती लेकिन उस समय बहुत ज्यादा गर्मी थी। तपती धूप में हम सब खुले में पत्थर की जमीन पर शूट कर रहे थे। बिना किसी रुकावट पूरी टीम ने गाने को दो दिन में पूरा कर लिया। मैं मानता हूं कि महाराज की कृपा है।

‘जय भवानी, जय शिवाजी’ गाने को लेकर सबसे प्यारा कॉम्प्लीमेंट क्या मिला है?

इस गाने के लिए कॉम्प्लीमेंट तो बहुत सारे मिले। मेरे साथ ऐसा है कि अगर मैं अपने काम से संतुष्ट नहीं हूं फिर कोई भी तारीफ अच्छी नहीं लगती है। कोई काम करके अगर मुझे खुशी मिलती है फिर मैं उसे सफलता मानता हूं। इस गाने को करने में मुझे बहुत आनंद आया। गाना आने के बाद जो लोगों ने रिस्पांस से मिला है, वो दिल को सुकून देने वाला है।

अब तक पर्दे पर आपने महाराज का किरदार कैमियो या साइड रोल किया है। ऑडियंस आपको महाराज के लीड रोल में देखना चाहती है।

मैं बिल्कुल ऐसा काम करना चाहूंगा। मुझे नहीं पता कि प्रोड्यूसर, राइटर या डायरेक्टर को क्या चीज ऐसा करने से रोक रही है। मैं तो तत्पर हूं। मुझे जब भी मौका मिलेगा, मैं जरूर महाराज के किरदार को निभाऊंगा।

फिल्म 'तानाजी' के एक सीन में शरद केलकर।

फिल्म ‘तानाजी’ के एक सीन में शरद केलकर।

महाराज की इतनी वीरगाथाएं हैं। शौर्यगाथा का कौन सा हिस्सा आपके दिल के सबसे ज्यादा करीब है?

महाराज के व्यक्तित्व में वीरता थी। देश के लिए उनका अगाध प्रेम था, स्वराज की भावना थी। मेरे ख्याल से इससे बढ़कर कुछ नहीं था। लेकिन उनकी एक क्वालिटी जो सबसे अच्छी लगती है। वो बहुत बढ़िया रणनीतिकार थे। एक फिल्म का डायलॉग है कि अगर दुश्मन का सामना नहीं कर सकते और अपनी हार मंजूर न हो तो ऐसे में सुलह कर लेनी चाहिए। कहीं न कहीं उनके अंदर ये था कि मुझे खुद के साथ राज्य को भी बचाना है। जनजीवन को बचाने के लिए सुलह कर लेते थे, फिर उस सिचुएशन से भी निकलकर आ जाते थे।

मुझे लगता है कि उनकी ये क्वालिटी हम सबके अंदर जीवन को लेकर होना चाहिए। घमंड, द्वेष की भावना नहीं होनी चाहिए। हम सबको ऐसी रणनीति बनानी चाहिए कि चलो आज वक्त अच्छा नहीं है, कल जब वक्त आएगा, तब देख लेंगे।

अपनी मिट्टी से जुड़ी कहानियों को ऑडियंस से खूब प्यार मिल रहा है। आपको लगता है कि देश की महान शख्सियतों पर और फिल्में बननी चाहिए?

हां, बिल्कुल बननी चाहिए। हमारा इतिहास बहुत पुराना है। ऐसे में हम सिर्फ 300-400 साल तक क्यों समिति रहें? चाहे किताब, नाटक या फिल्मों के जरिए आजकल के जेनरेशन को पता चलना चाहिए। ये जो जेन अल्फा जेनरेशन है, उन्हें समझने की जरूरत है कि हमारा इतिहास कितना गौरवशाली है। उन्हें पता होना चाहिए कि उस इतिहास में कौन भागीदारी था, जिसकी वजह से वो आज इतनी अच्छी लाइफ जी रहे हैं।

छत्रपति महाराज के अलावा और कौन सी ऐसी शख्सियत हैं, जिनके ऊपर बायोग्राफी बननी चाहिए और आप उसमें काम करना चाहेंगे?

मेरे पास एक मौका आया था लेकिन वो बन नहीं पाई। महाराणा प्रताप पर एक सीरीज बनने वाली थी। मैं डायरेक्टर नितिन देसाई से मिलने भी गया था। आज वो हमारे बीच नहीं है। जब मुझे उन्होंने उस रोल के लिए बुलाया था, उसके ठीक दो दिन पहले किसी ने मेरे फेस के साथ महाराणा प्रताप का स्केच बनाकर भेजा था। जो मैंने उन्हें दिखाया भी था। मैं महाराणा प्रताप का किरदार निभाना चाहूंगा।

क्या आप अब प्रोजेक्ट सिलेक्शन को लेकर थोड़ा सिलेक्टिव हो गए हैं?

आपको पता ही है कि अच्छे किरदार के लिए वैसे ही मौके कम होते हैं। अगर मैं ऐसे रोल करना शुरू कर दूं, जिसे मुझे अपना घर चलाना या प्रॉपर्टी बनी हो तो एक्टर होने का कोई फायदा नहीं है। मैं जानता हूं कि ऐसे काम करके मैं खुश नहीं रहूंगा। मुझे अगर एक्टिंग फील्ड में कुछ मन का करना है तो थोड़ा सा सेलेक्टिव होना पड़ता है। ऐसे में आप मुझे चूजी कह सकते हैं। मैं लिमिटेड ऑप्शन में भी मनपसंद काम सेलेक्ट करता हूं।

‘बाहुबली’ से आपकी आवाज लोगों के जेहन में बस गया है। इंडस्ट्री में बाहर से आने वाले एक्टर पर एक टैग लग जाता है। क्या आपके साथ भी ऐसा ही हुआ है?

ऐसा नहीं है। कई सारे एक्टर बाहर से आए हैं और वो अच्छा कर रहे हैं। मैं किस्मत पर यकीन करता हूं। मैं आज अच्छे मुकाम पर हूं इसमें मेरी मेहनत के अलावा किस्मत का भी हाथ है। मुझे लगता है कि अभी जो बिजनेस मॉडल चल रहा है, वो जिस दिन बंद होगा, उस दिन इंडस्ट्री की हालत सुधरेगी। मैं जिस दिन फिल्में बनाना शुरू करूंगा, अपने हिसाब का काम करूंगा। किसी के प्रेशर या किसी लालच में काम नहीं करूंगा। मैं दूसरों में बदलाव लाने के बजाए अपनी तरफ से बदलाव लाऊंगा।

मराठी फिल्म हर-हर महादेव में शरद छत्रपति शिवाजी के कमांडर बाजी प्रभु देशपांडे के रोल निभा चुके हैं।

मराठी फिल्म हर-हर महादेव में शरद छत्रपति शिवाजी के कमांडर बाजी प्रभु देशपांडे के रोल निभा चुके हैं।

बतौर एक्टर फिलहाल आपका एम्बिशन क्या है?

महाराज का इतिहास, उनकी कहानियों को लेकर लंबे समय से मेरी एक इच्छा रही है। हाल में उस से जुड़ी बहुत सारी डेवलपमेंट हुई है। कई सारे राइटर्स उन पर बहुत डिटेल रिसर्च लेकर आ रहे हैं। हम सब उन कहानियों को बुनने की कोशिश कर रहे हैं। अगर आप सबका साथ रहा तो मैं जरूर एक लंबी सीरीज प्लान करूंगा। खुद से ही करूंगा क्योंकि कोई और तो मेरे ऊपर विश्वास दिखा नहीं रहा है। मुझे खुद पर यकीन है और मैं करके रहूंगा।

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