Tahawwur Rana NIA Case Update; Mumbai Attack | Patiala Court | आतंकी तहव्वुर राणा 6 जून तक न्यायिक हिरासत में: सुरक्षा कारणों के चलते एक दिन पहले पेशी हुई; मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है राणा

Actionpunjab
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नई दिल्ली23 मिनट पहले

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26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को शुक्रवार को NIA रिमांड से पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। NIA की विशेष अदालत ने तहव्वुर को 6 जून न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। सुरक्षा कारणों के चलते राणा को निर्धारित तारीख से एक दिन पहले ही कोर्ट में पेश किया गया था।

NIA ने तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल प्लेन से अमेरिका से भारत लेकर आई थी। 10 अप्रैल को उसे स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह ने उसे 18 दिन की कस्टडी में भेज दिया था। इसे दोबारा 12 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था।

30 अप्रैल को कोर्ट ने NIA की मांग पर राणा की आवाज और लिखावट के सैंपल लेने की परमिशन दी थी। इससे पहले 28 अप्रैल को स्पेशल NIA जज चंदर जीत सिंह ने राणा को 12 दिन की कस्टडी में भेज दिया था।

तहव्वुर को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में अमेरिकी एजेंसी FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।

NIA ने तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद उसकी यह तस्वीर जारी की थी। हालांकि, इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था।

NIA ने तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद उसकी यह तस्वीर जारी की थी। हालांकि, इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था।

3 मई को हुआ था वॉइस और राइटिंग सैंपल टेस्ट

3 मई तहव्वुर राणा की आवाज और हैंडराइटिंग के सैंपल लिए। इस सैंपल के लिए राणा को जूडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव कुमार के सामने पेश किया गया। यहां राणा से कई अक्षर और अंक लिखवाए गए। वकील पीयूष सचदेव ने पुष्टि की कि राणा ने इन सैंपल को देने के लिए अदालत के निर्देश का पूरी तरह से पालन किया।

एजेंसी ने तर्क दिया कि उससे पूछताछ पूरी करने के लिए और हिरासत की आवश्यकता है। उसकी रिमांड बढ़ाने की मांग करते हुए एनआईए ने तर्क दिया कि राणा पूछताछ के दौरान टालमटोल कर रहा था और जांच में सहयोग नहीं कर रहा था।

पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडा का नागरिक है राणा

64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।

कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है राणा

डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी। राणा को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर राणा आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।

राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।

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26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले से 6 महीने पहले अमेरिका के शिकागो में एक मीटिंग हुई। इसमें पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के अलावा डेविड हेडली और तहव्वुर राणा मौजूद थे। मीटिंग में हेडली ने हमले का प्रजेंटेशन दिया। प्रजेंटेशन देखकर तहव्वुर राणा जोर से हंसा। ये देखकर हेडली बोला कि ये बहुत भयानक होने वाला है। सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए मुंबई हमले की साजिश कैसे रची गई…

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