17 women cadets pass out from NDA, first time in history | NDA से 17 महिला कैडेट्स पासआउट, इतिहास में पहली बार: कहा- हमें जूनियर्स के लिए हाई-स्टेंडर्ड्स बनाने होंगे; 2021 में UPSC ने परमिशन दी थी

Actionpunjab
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पुणेकुछ ही क्षण पहले

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नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में महिला कैडेटों का पहला बैच पासआउट होने वाला है। 30 मई को 148वें कोर्स की पासिंग आउट परेड (POP) होगी। इतिहास में यह पहली बार होगा जब 17 महिला कैडेट्स 300 से ज्यादा पुरुषों के साथ NDA से ग्रेजुएट होंगी। ये भारतीय सेना, नेवी और एयर फोर्स जॉइन करेंगी।

2021 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को NDA परीक्षा देने की अनुमति देने का आदेश दिया था। इसके बाद यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति दी। 2022 में पहली बार 17 महिला कैडेटों का बैच NDA में शामिल हुआ था।

इनमें से कुछ महिला कैडेटों ने शुक्रवार को NDA में अपने तीन साल के सफर के बारे में अनुभव साझा किए। हरसिमरन कौर ने बताया कि वह अब इंडियन नेवी एकेडमी में शामिल होंगी। उन्होंने कहा- महिला कैडेटों के पहला बैच से होने के नाते हमें जूनियर कैडेटों के लिए हाई-स्टैंडर्ड्स बनाने होंगे। मैं एक ऐसा बेंचमार्क सेट करना चाहती हूं, जिसे वे फोलो कर सकें।

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने NDA में महिला कैडेटों के पहले बैच की यह तस्वीर X पर 2 दिसंबर, 2022 को पोस्ट की थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा था- यह तस्वीर बहुत सुंदर है! पुणे के खड़कवासला स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी में ट्रेनिंग ले रही महिला कैडेटों का पहला बैच।

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने NDA में महिला कैडेटों के पहले बैच की यह तस्वीर X पर 2 दिसंबर, 2022 को पोस्ट की थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा था- यह तस्वीर बहुत सुंदर है! पुणे के खड़कवासला स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी में ट्रेनिंग ले रही महिला कैडेटों का पहला बैच।

महिला कैडेट बोलीं- एकेडमी पहले तोड़ती है, फिर जोड़ती है हरसिमरन कौर ने कहा, ‘मैं सशस्त्र बलों की पृष्ठभूमि से आती हूं। मेरे पिता भारतीय सेना में हवलदार के पद से रिटायर हुए थे। मेरे दादाजी भी सेना में थे, इसलिए मेरा डिफेंस से गहरा जुड़ाव रहा है। मैं डिफेंस में अपना करियर जल्दी शुरू करना चाहती थी, इसलिए NDA को चुना।’

‘एकेडमी में पहले दिन मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे, क्योंकि मैंने NDA और इसके प्रतिष्ठित सूडान ब्लॉक को केवल तस्वीरों में ही देखा था। मैं सूडान ब्लॉक, अन्य इमारतों, स्क्वाड्रन और पुराने कैडेटों को मार्च करते हुए देखकर दंग रह गई। तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान कई चुनौतियों आईं।

कौर आगे कहती हैं, ‘इंग्लिश में एक कहावत है कि एकेडमी फर्स्ट ब्रेक्स यू, देन मेक्स यू, यानी एकेडमी पहले आपको तोड़ती है और फिर जोड़ती है। यह मेरे साथ और हर कैडेट के साथ हुआ, चाहे वह पुरुष हो या महिला। कड़ी फिजिकल ट्रेनिंग सेशन्स, ड्रिल्स और पढ़ाई, ये सब आपके भीतर अधिकारी-जैसी योग्यता (ऑफिसर लाइक क्वालिटीज) डेवलप करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।

हमारा शेड्यूल इतना बिजी होता था कि हमें अपने टाइम को बहुत सही तरीके से मैनेज करना पड़ता था। कई बार, यह बहुत मुश्किल हो जाता था, लेकिन एकेडमी आपको शारीरिक और शैक्षणिक मांगों के बीच बैलेंस बनाना सिखाती है।’

भारतीय सेना ने यह तस्वीर 20 नवंबर, 2022 को X पर पोस्ट की थी। साथ में लिखा था- लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, सेना कमांडर, दक्षिणी कमान ने 143 कोर्स की POP देखने के लिए NDA में अपने दौरे के दौरान ट्रेनिंग ले रहीं महिला कैडेटों के पहले बैच के साथ बातचीत की।

भारतीय सेना ने यह तस्वीर 20 नवंबर, 2022 को X पर पोस्ट की थी। साथ में लिखा था- लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, सेना कमांडर, दक्षिणी कमान ने 143 कोर्स की POP देखने के लिए NDA में अपने दौरे के दौरान ट्रेनिंग ले रहीं महिला कैडेटों के पहले बैच के साथ बातचीत की।

दूसरी कैडेट ने कहा- NDA मेरे खून में है डिवीजन कैडेट की कैप्टन श्रीति दक्ष ने बताया कि NDA से पास आउट होना गर्व का क्षण होगा। उन्होंने कहा- NDA मेरे खून में है। मेरे पिता एक पूर्व NDA अधिकारी हैं। वे एयर फोर्स से रिटायर्ड हुए हैं। मेरी बहन भी भारतीय वायुसेना में हैं।

दक्ष ने कहा- 2021 में जब सुप्रीम कोर्ट ने NDA में महिलाओं को अनुमति देने का फैसला सुनाई, तो मैंने मौके का फायदा उठाया। NDA ने मुझे कई अवसर दिए। साथी कैडेटों के साथ एक मजबूत रिश्ता बनाया।जब हम शुरू में यहां आए थे, तो अलग-अलग वॉशरूम और स्क्वाड्रन पहले से ही बनाए गए थे।

शुरुआत में, हमें पुरुष कैडेटों के साथ संबंधित स्क्वाड्रन में रखा गया था। हमारी ट्रेनिंग लगभग एक जैसी होती थी। हमने तीनों सालों तक कंधे से कंधा मिलाकर सब कुछ किया। ट्रेनिंग मानसिक और शारीरिक रूप से मुश्किल था, लेकिन हमने फिजिकल ट्रेनिंग और लगातार प्रैक्टिस से कर दिखाया। देहरादून में भारतीय सैन्य एकेडमी में शामिल होने के लिए तैयार वह आर्टिलरी में शामिल होना चाहती हैं।

NDA में 2022 से अब तक 126 महिलाएं शामिल हुईं रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने मार्च, 2025 में संसद में बताया था कि 2022 में महिला कैडेटों के पहले बैच की एंट्री के बाद से अब तक NDA में 126 महिलाओं को एडमिशन मिला है। उनमें से 121 अभी ट्रेनिंग ले रही हैं। पांच कैडेटों ने इस्तीफा दे दिया था।

121 महिलाएं देश के 17 राज्यों से हैं। उनमें से एक कैडेट कर्नाटक से है। हरियाणा की सबसे ज्यादा 35 महिला कैडेट हैं। उसके बाद उत्तर प्रदेश की 28, राजस्थान की 13 और महाराष्ट्र की 11 हैं। दक्षिणी राज्यों में, कर्नाटक की एक कैडेट के अलावा, केरल की चार कैडेट भी NDA में शामिल हुई हैं। एकेडमी छोड़ने वाली पांच कैडेट हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश से हैं।

इंडियन आर्मी में 12 लाख पुरुषों के मुकाबले 7 हजार महिलाएं संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, इंडियन आर्मी में करीब 12 लाख पुरुष हैं, जबकि महिलाओं की संख्या तकरीबन 7 हजार ही है। पुरुषों के लिहाज से महिलाओं का अनुपात 0.56 फीसदी ही है।

एयर फोर्स में करीब 1.5 लाख पुरुष हैं। महिलाओं की संख्या 1600 ही है। यहां अनुपात 1 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है। इसके अलावा इंडियन नेवी में पुरुषों की संख्या दस हजार है, जबकि महिलाएं 700 ही हैं। इस फोर्स में महिलाओं का प्रतिशत 6.5 है।

तीनों सेनाओं में कुल 9118 महिला अधिकारी भारत की तीनों सेनाओं में कुल मिलाकर करीब 9,118 महिलाएं हैं। भारत की तीनों सेनाओं में साल 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। भारत में महिलाएं फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाने और समुद्र में सैनिक जहाजों पर अहम जिम्मेदारियां संभालने के साथ ही स्पेशल ऑपरेशन के जरिए दुश्मन को सबक सिखाने में अहम भूमिकाएं निभा रही हैं।

अगर पुरुषों और महिला अधिकारियों के रेशियो की बात करें तो सबसे अधिक महिलाएं नेवी में काम कर रही हैं। नेवी की कुल क्षमता का लगभग 6.5 फीसदी महिलाएं हैं।

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