संतकबीर नगर8 मिनट पहले
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संतकबीर नगर में साइबर फ्रॉड गैंग के 3 शातिर गिरफ्तार।
संतकबीर नगर में साइबर क्राइम टीम और खलीलाबाद पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। स्टाम्प विक्रेता से मोबाइल लेकर सिम पोर्ट कर बैंक खाते से 2 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से नकदी, मोबाइल, एटीएम और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार सिंह ने शनिवार को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं।
- इन्द्रेश निषाद पुत्र रामप्रीत निषाद, निवासी चकदही थाना खलीलाबाद।
- अनूप पुत्र शेषबरन, निवासी गौराखास जगतबेला थाना चिलुआताल गोरखपुर।
- अमन पुत्र विजयनाथ, निवासी बनकटिया थाना खलीलाबाद।
तीनों को राजेश्वरी ऑटो, पुराने पेट्रोल पंप के पास से पकड़ा गया। तलाशी में इनके पास से ₹14,750 नकद, 4 मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, 11 एटीएम कार्ड, तथा 1 फर्जी आधार कार्ड की छायाप्रति बरामद की गई। इसके अलावा, पुलिस ने इनके तीन बैंक खातों से ₹1,25,369 पहले ही फ्रीज कर दिए थे।
स्टाम्प विक्रेता से की गई थी ठगी
खलीलाबाद निवासी बोसचंद्र ने 19 अप्रैल 2025 को साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।उनका कहना था कि उनकी रजिस्ट्री ऑफिस के पास स्टाम्प की दुकान है, जहां पिछले कुछ दिनों से चार युवक- इन्द्रेश, अनूप, अमन और धीरज पांडे बार-बार आ रहे थे। इन लोगों ने फोन करने के बहाने उनसे मोबाइल मांगा और सिम को पोर्ट करवा लिया। 16 अप्रैल को अचानक मोबाइल में नेटवर्क चला गया। जब वादी बैंक पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि 2 लाख 5 हजार रुपए की रकम उनके खाते से निकाली जा चुकी है।
आरोपी सिम पोर्टिंग से करता था ठगी
पूछताछ में आरोपी इन्द्रेश निषाद ने पुलिस को बताया कि उनका गिरोह जानबूझकर व्यवसायियों को निशाना बनाता था।बातों में उलझाकर उनका मोबाइल लेकर सिम पोर्टिंग का मैसेज भेज दिया जाता, फिर किसी गिरोह के सदस्य के नाम पर नया सिम निकलवाकर उसे अपने मोबाइल में डाल दिया जाता था।उसके बाद संबंधित मोबाइल नंबर से जुड़े सभी बैंक खातों में यूपीआई बनाकर ट्रांजैक्शन किया जाता और पैसे को सहज जनसेवा केंद्रों के माध्यम से नगद निकाल लिया जाता था।
पुलिस ने तीन ठग को गिरफ्तार किया। चौथे आरोपी की तलाश जारी है। साइबर टीम ने 1.25 लाख रुपए से अधिक की रकम जब्त की। सिम पोर्टिंग के जरिए बैंक फ्रॉड किया जाता था। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह ने और भी लोगों के साथ ठगी की होगी। अन्य पीड़ितों की तलाश की जा रही है।