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चुराचांदपुर/इंफाल2 मिनट पहले
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मणिपुर में हिंसा के बाद हाईवे ब्लॉकेज और ट्रांसपोर्ट रूट्स प्रभावित होने से आम लोगों को महंगाई का सामान कर पड़ रहा है। खास तौर पर चुराचांदपुर और राजधानी इंफाल में खाने-पीने की चीजें और दवाइयों की भारी किल्लत हो गई है
जरूरी सामानों के दाम बढ़ गए हैं। हिंसा प्रभावित कई इलाकों में दवाइयां तक नहीं मिल रही हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया- अब सारी चीजें मिजोरम के रास्ते आ रही हैं, इसलिए महंगी हो गई हैं। पहले जैसी बात नहीं रही।
चुराचांदपुर कुकी समुदाय का गढ़ माना जाता है। यह इलाका नेशनल 02 और 37 पर निर्भर है, जो असम और नगालैंड को मणिपुर से जोड़ते हैं। अब ये रास्ते बंद हैं, जिससे ट्रकों को लंबा रास्ता मिजोरम से होकर लेना पड़ रहा है। इससे ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ रही है। महंगाई चरम पर है।
3 मई 2023 को कुकी-मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है। इस दौरान 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 1500 से ज्यादा घायल हुए। 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। 6 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुई हैं।
7 जून की रात हुई हिंसा की 3 तस्वीरें…

इंफाल की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर-फर्नीचर को आग लगा दी।

इंफाल वेस्ट जिले के खुरई लामलोंग में एक बस को भी आग लगा दी।

इंफाल ईस्ट और वेस्ट जिलों में शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को आग लगा दी।
मैतेई नेता की गिरफ्तारी के बाद 7 जून की रात हिंसा हुई
मणिपुर में मैतेई संगठन अरम्बाई टेंगोल के नेता कानन सिंह की गिरफ्तारी की खबर के बाद 7 जून की रात मणिपुर में हिंसा भड़क गई। राजधानी इंफाल के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी, सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर भी जलाए।
इंफाल के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल डालकर खुद को जलाने की भी कोशिश की। हालांकि रविवार को CBI ने कानन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उन पर 2023 में हिंसा भड़काने के आरोप है।
इंफाल समेत 5 जिलों में इंटरनेट बंद, 2 में कर्फ्यू लगा हिंसा-प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने 7 जून की रात 11:45 बजे से पांच दिनों के लिए 5 जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सर्विस सस्पेंड कर दी है। इनमें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर शामिल हैं। इंफाल ईस्ट और बिष्णुपुर में कर्फ्यू भी लगाया गया है।
13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन, नई सरकार 15 जून तक बनने की संभावना मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन है, लेकिन मौजूदा विधानसभा भंग नहीं हुई है। सिर्फ निलंबित है। हालांकि, 30 अप्रैल को 21 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर राज्य में तत्काल लोकप्रिय सरकार बनाने की मांग की थी। पत्र पर भाजपा के 14 विधायकों ने साइन किए हैं।
इसके बाद इंफाल राजभवन में 28 मई को NDA के 10 विधायकों ने राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की थी। इनमें से एक विधायक ने भास्कर को बताया था, ‘नई सरकार के ढांचे पर चर्चा हुई है। उम्मीद है कि 15 जून तक एक सरकार बन जाएगी।’

4 पॉइंट्स में समझिए मणिपुर हिंसा की वजह… मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
- कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
- मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।
- नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।
- सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।
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मणिपुर में हिंसा भड़काने के पीछे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इसकी साजिश रच रही है। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा 15-20 फेसबुक अकाउंट बनाए गए हैं। इसके माध्यम से कुकी और मैतेई समुदाय को भड़काने वाले कंटेंट-वीडियो डाले जा रहे हैं। ऐसे तमाम अकाउंट्स की डिटेल दैनिक भास्कर के पास है। पूरी खबर पढ़ें…