इन दिनों गर्मी के कारण पर्यटक कम आ रहे है। लेकिन उन्हें भी परेशान होता देखा जा सकता है। पर्यटक भी छाया ढूंढते है या छाता से धूप से बचने की कोशिश करते है।
चित्तौड़गढ़ में इन दिनों तेज गर्मी और उमस लोगों को काफी परेशान कर रही है। पिछले कुछ दिनों में तापमान में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। दिन में चिलचिलाती धूप और रात को भी गर्म हवाओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और आ
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रविवार को चित्तौड़गढ़ का अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 28.1 डिग्री रहा। इसके एक दिन पहले शनिवार को अधिकतम तापमान 43.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस था। चार दिन पहले की तुलना करें तो उस समय अधिकतम तापमान 38.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस था। यानी सिर्फ चार दिनों में तापमान में 5.4 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
इस तापमान वृद्धि से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। दिन में सड़कों पर सन्नाटा दिखाई देता है, लोग दोपहर के समय घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे और कामकाजी लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। बाजारों में भी भीड़ कम हो गई है और दुकानदार गर्मी से परेशान नजर आ रहे हैं।
सबसे ज्यादा परेशानी उमस की वजह से हो रही है। गर्म हवाओं के साथ-साथ हवा में नमी भी बढ़ गई है, जिससे पसीना निकलने के बाद भी राहत नहीं मिलती। कई लोग चक्कर आने, सिरदर्द, घबराहट और थकावट जैसी समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए और धूप में निकलने से बचना चाहिए।
मौसम विभाग ने बताया है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम में बदलाव की संभावना नहीं है। 11 जून तक आसमान साफ और मौसम शुष्क बना रहेगा। तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि जिले में हीटवेव (लू) का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन तापमान और उमस की स्थिति को देखते हुए लोग एहतियात बरतें।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए। ऐसे में जरूरी है कि लोग सुबह और शाम के समय ही बाहर निकलें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, छाता या टोपी का इस्तेमाल करें और शरीर को हाइड्रेट रखें।
गर्मी से राहत के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। कोई नींबू पानी पी रहा है तो कोई शिकंजी और ठंडे पेय पदार्थों का सहारा ले रहा है। गांवों में लोग मिट्टी के घड़े और छाछ से खुद को ठंडा रखने की कोशिश कर रहे हैं।
फिलहाल चित्तौड़गढ़ में गर्मी और उमस से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।