नई दिल्ली5 घंटे पहले
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28 अप्रैल को तहव्वुर राणा को लेकर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के बाद कड़ी सुरक्षा में ले जाया गया।
मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की याचिका पर आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। राणा को अपने परिवार से बात करने की परमिशन मिल गई है। मामले की सुनवाई स्पेशल NIA जज चंद्र जीत सिंह ने की।
राणा फिलहाल अपने परिवार को केवल एक बार फोन कर सकेगा। यह कॉल जेल के नियमों के अनुसार और तिहाड़ जेल के अधिकारी की निगरानी में की जाएगी। कोर्ट ने जेल अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी है, जिसमें पूछा गया है कि क्या राणा को भविष्य में नियमित फोन कॉल की अनुमति दी जानी चाहिए।
इससे पहले 24 अप्रैल को कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी थी। राणा के वकील पीयूष सचदेवा ने कहा था कि एक विदेशी नागरिक के तौर पर उसे परिवार से बात करने का अधिकार है और उसके इलाज को लेकर परिवार चिंतित है। लेकिन NIA ने जांच का हवाला देकर इसका विरोध किया था, जिसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी।
आरोपी राणा 9 जुलाई तक NIA की हिरासत में है। 28 अप्रैल को पिछली सुनवाई में उसकी कस्टडी 12 दिन के लिए बढ़ा दी गई थी।
दरअसल, NIA ने 10 अप्रैल को तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया था। उसका प्रत्यर्पण ‘ऑपरेशन राणा’ के तहत हुआ था।
तहव्वुर को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में अमेरिकी एजेंसी FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।

NIA ने तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद उसकी यह तस्वीर जारी की थी। हालांकि, इसमें उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था।
राणा से 23 अप्रैल को आठ घंटे तक पूछताछ हुई अधिकारियों ने 26 अप्रैल को बताया कि मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने तहव्वुर राणा से दिल्ली स्थित NIA ऑफिस में पूछताछ की। राणा से 23 अप्रैल को आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी। इस दौरान उसने जवाब देने में टालमटोल किए और मदद नहीं की।

पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडा का नागरिक है राणा 64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है राणा डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। तहव्वुर उसका बचपन का दोस्त था, जिसने इस हमले को अंजाम देने में उसकी मदद की थी। राणा को पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर राणा आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।
राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिलिस के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।

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