भरतपुर जिले के बयाना इलाके के पीलूपुरा में गुर्जर महापंचायत के बाद ट्रेन रोकने के मामले में संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला का बयान सामने आया है।
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बैंसला ने कहा- महापंचायत के बाद कुछ सोशल मीडिया और रील स्टार युवाओं को भड़का कर पटरी पर ले गए और रेल को रुकवा दिया। जिन युवाओं की नौकरियों के लिए समाज संघर्ष कर रहा है उन्हीं के ऊपर केस लगवा दिया। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि REET और अन्य कॉम्पिटिशन एग्जाम दे रहे युवाओं के साथ मामले में शिथिलता बरतें।
बयाना के सदर थाने में दर्ज हुई है FIR
बता दें कि 8 जून को महापंचायत के बाद पटरी पर आए गुर्जर समाज के लोगों ने ट्रैक पर जाम लगा दिया था। इस दौरान करीब पटरियों की 10 से 20 फिश प्लेट को निकाल लिया था। इसके अगले दिन 9 जून को भरतपुर के बयाना सदर थाने में SHO कृष्णवीर सिंह की ओर से सोमवार दोपहर FIR दर्ज कराई गई थी।
रिपोर्ट में ट्रेन रोकने और रेलवे ट्रैक व रेल को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई थी। रेलवे एक्ट और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। रिपोर्ट में कहा है कि काफी संख्या में रीट अभ्यर्थी ट्रेन के इंजन पर चढ़ गए। रेल पटरी को क्षतिग्रस्त कर दिया।

तस्वीर, 8 जून को महापंचायत की है जब मंच से सरकार से आए ड्राफ्ट को पढ़कर सुनाया जा रहा था।
कुछ रील स्टार युवाओं को भड़काकर पटरियों पर ले गए
विजय बैंसला ने दैनिक भास्कर को बताया कि 8 जून को महापंचायत समाज के मुद्दों और युवाओं की लंबित भर्तियों के लिए की गई थी। सरकार द्वारा भेजे गए सकारात्मक मसौदे को सभी के समक्ष रखकर सहमति के बाद महापंचायत समाप्ति की घोषणा की गई। सभी लोग वापस जाने लगे और मैं भी हिंडौन के लिए निकल गया। उसके बाद कुछ रील स्टार सोशल, मीडिया जीवी अनभिज्ञ युवाओं को भड़काकर पटरी पर ले गए। जिसके फलस्वरूप कुछ युवाओं पर FIR दर्ज हुई है।

इसके बाद गुस्साए लोग 150 मीटर दूर ट्रैक पर पहुंच गए थे।
बेमतलब भड़काकर केस करवा दिए
बैंसला ने कहा- मैं सरकार से मांग करता हूं कि इन युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस FIR में REET 372/233 तथा अन्य युवाओं के साथ शिथिलता बरतनी चाहिए। मुकदमे को वापस लेना चाहिए। मुझे दुख इस बात का है कि जिन युवाओं की नौकरियों के लिए समाज संघर्ष कर रहा है। उन्हीं युवाओं को कुछ लोगों द्वारा बेमतलब भड़काकर केस लगवा दिए गए हैं। एक तरफ हम पुराने मुकदमों के निस्तारण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब यह नए मुकदमों से युवाओं का भविष्य खराब होता लग रहा है। मैं युवाओं से आग्रह करता हूं कि आप इन सोशल मीडिया रील स्टारों को अपना आदर्श न बनाएं।

इसके बाद पटरियां उखाड़ने की कोशिश की थी। 2 घंटे चले गतिरोध के बाद पुलिस की समझाइश पर वे माने।
REET अभ्यर्थी बोले- हम ट्रैक पर गए ही नहीं
इधर, गुर्जर समाज के REET अभ्यर्थी भी सामने आए हैं। REET 372 अभ्यर्थी नरवान सिंह मेहरावर ने कहा- सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई जा रही है कि ट्रेन रोकने में REET अभ्यर्थियों और नर्सिंग अभ्यर्थियों का हाथ है। मैं यह बता देना चाहता हूं कि जिस वक्त सरकार से आया ड्राफ्ट पढ़ा जा रहा था, उस वक्त हम सभी ने हंगामा किया और मंच पर पहुंच गए थे।
हम इस उम्मीद से आए थे कि आज ही फैसला होगा और हमें नौकरियां मिल जाएगी। लेकिन, ड्राफ्ट में हमारे लिए कुछ नया नहीं था। इस दौरान कुछ फेसबुकिए नेता युवाओं को भड़काकर ट्रैक की तरफ ले गए। अपनी मांगें रख रहे अभ्यर्थियों में से एक भी कैंडिडेट्स वहां नहीं गया।
वो ड्राफ्ट जो सरकार की ओर से आया

समाज ने इन मांगों पर किया था महापंचायत का ऐलान

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गुर्जर समाज की महापंचायत के बाद भरतपुर के पीलूपुरा में ट्रेन रोकने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उधर, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के पास ट्रेन रोकने और पटरियों-इंजन को नुकसान पहुंचाने वालों के करीब 300 वीडियो हैं। इनके आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। (पढ़ें पूरी खबर)