jaishankar india pakistan osama terrorism interview brussels | जयशंकर बोले- ओसामा को पाकिस्तान ने छुपाकर रखा: उसपर भरोसा करना मुश्किल; भारत क्या करे किसी को यह तय करने का हक नहीं

Actionpunjab
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ब्रुसेल्स2 घंटे पहले

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पश्चिमी देशों से अपील की है कि वे पहलगाम आतंकवादी हमलों के बाद भारत की कार्रवाई को सिर्फ भारत-पाकिस्तान सीमा विवाद न समझें, बल्कि इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के तौर पर देखें।

जयशंकर ने यूरोपीय मीडिया से कहा- दुनिया को समझना चाहिए कि आतंकवाद सिर्फ एक देश या इलाके की समस्या नहीं है, बल्कि यह ग्लोबल खतरा है, जिसका असर देर-सवेर सब पर पड़ पड़ेगा।

जयशंकर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस देश में ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादी को कई साल तक सेना के इलाके में छिपाकर रखा गया हो, उस पर भरोसा करना मुश्किल है।

उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि कई बार इंटरनेशनल मीडिया भारत के एक्शन को ‘बदले की कार्रवाई’ के तौर पर पेश करता है, जबकि असली मुद्दा आतंकवाद है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को ब्रुसेल्स में यूरोपीय संसद की अध्यक्ष रॉबर्टा मेट्सोला से मुलाकात की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को ब्रुसेल्स में यूरोपीय संसद की अध्यक्ष रॉबर्टा मेट्सोला से मुलाकात की।

जयशंकर यूरोपीय देशों के दौरे पर हैं

जयशंकर इस हफ्ते यूरोपीय देशों के दौरे पर हैं। बुधवार को वे बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में थे। यहां उन्होंने यूरोपीय यूनियन के नेताओं से मुलाकात की। यूरोप की समाचार वेबसाइट ‘Euractiv’ को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, रूस-यूक्रेन युद्ध और यूरोपीय यूनियन के साथ भारत के संबंधों पर विस्तार से चर्चा की।

जयशंकर के इंटरव्यू की प्रमुख बातें…

  • आजादी के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था, तब पश्चिमी देश उसके साथ खड़े थे। आज अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों की बात करने वाले देश पहले अपने पुराने रुख पर विचार करें।
  • अब दुनिया बहुध्रुवीय हो रही है और यूरोप को भी अपने फैसले खुद लेने होंगे, सिर्फ अमेरिका या अन्य देशों की ओर नहीं देखना चाहिए।
  • भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच फ्री ट्रेड डील पर बातचीत जारी है। भारत, रूस और चीन पर बहुत ज्यादा निर्भरता कम करना चाहता है।
  • यह सही नहीं है कि दुनिया का एक हिस्सा सभी के लिए मानक तय करे। भारत ‘कार्बन बॉर्डर एडजेस्टमेंट तंत्र’ (CBAM) पर यूरोप से बातचीत चाहता है।
  • कई कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं ताकि अपनी सप्लाई चेन को सुरक्षित बना सकें। कंपनियां अब इस बात को लेकर सतर्क हैं कि उनका डेटा कहां रखा जाए।
जयशंकर और यूरोपीय इंटरनेशनल पार्टनरशिप कमिश्नर जोसेफ सिकेला ने ब्रुसेल्स में MoU साइन किए।

जयशंकर और यूरोपीय इंटरनेशनल पार्टनरशिप कमिश्नर जोसेफ सिकेला ने ब्रुसेल्स में MoU साइन किए।

भारत युद्ध के जरिए दिक्कतें हल करने में भरोसा नहीं करता

रूस-यूक्रेन जंग पर भारत की स्थिति को लेकर जयशंकर ने दोहराया कि भारत युद्ध के जरिए समाधान में भरोसा नहीं करता। भारत का मानना है कि मतभेद बातचीत से सुलझने चाहिए, हथियारों से नहीं।

उन्होंने साफ किया कि भारत इस युद्ध का हिस्सा नहीं है और किसी को यह तय करने का हक नहीं कि भारत क्या करे।

जयशंकर ब्रुसेल्स में यूरोपीय संसद के सदस्य एंजेलिका नीबलर, उर्मस पैएट, विंकलर ग्युला, व्लादिमीर प्रेबिलिक और पिलर डेल कैस्टिलो के साथ।

जयशंकर ब्रुसेल्स में यूरोपीय संसद के सदस्य एंजेलिका नीबलर, उर्मस पैएट, विंकलर ग्युला, व्लादिमीर प्रेबिलिक और पिलर डेल कैस्टिलो के साथ।

जयशंकर ने ट्रम्प के सवाल पर कहा- अमेरिका अहम साझेदार

जयशंकर से जब पूछा गया कि भारत डोनाल्ड ट्रम्प जैसे नेताओं को कितना भरोसेमंद मानता है। इस पर उन्होंने कहा कि भारत किसी नेता के नाम या व्यक्तित्व से प्रभावित होकर संबंध नहीं बनाता। उन्होंने कहा कि भारत का मकसद हर उस देश से मजबूत रिश्ता बनाना है, जिससे हमारे हित पूरे होते हों। अमेरिका उनके लिए एक अहम साझेदार है, चाहे राष्ट्रपति कोई भी हो।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हाल के सैन्य संघर्ष के दौरान भारत और पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध के कगार पर नहीं थे। जर्मन अखबार फ्रैंकफुरटर ऑलगेमाइन जितुंग को दिए इंटरव्यू में उन्होंने सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावों को भी खारिज किया। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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