Israel Iran Nuclear Military Base Strikes; Benjamin Netanyahu | Tehran IDF | इजराइल का ईरान के 6 एटमी-सैन्य ठिकानों पर हमला: नेतन्याहू बोले- चोरी-छिपे परमाणु बम बना रहा था, इससे हमें खतरा

Actionpunjab
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तेहरान/तेल अवीव13 मिनट पहले

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तेहरान, अराक, इस्फहान और नतांज में ईरान के परमाणु ठिकाने और फैसिलिटीज हैं। - Dainik Bhaskar

तेहरान, अराक, इस्फहान और नतांज में ईरान के परमाणु ठिकाने और फैसिलिटीज हैं।

इजराइल ने शुक्रवार सुबह ईरान के एटमी और दूसरे सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया है। इसमें ईरान के 2 बड़े सैन्य अधिकारी और 2 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं।

एक सीनियर ईरानी अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि राजधानी तेहरान में शाहरक शाहिद महालती नामक जगह पर हमला हुआ। यहां पर हाई रैंक वाले ईरानी सैन्य अफसर रहते हैं। हमले में 3 इमारतें तबाह हो गई हैं।

एक इजराइली सैन्य अधिकारी ने दावा किया कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बना रहा है और उसके पास कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने लायक सामग्री है। इसे रोकने के लिए यह हमला किया गया।

नेतन्याहू बोले- ईरान हमारे लिए खतरा इजराइल सेना ने कहा कि यह ‘प्री-एम्पटिव स्ट्राइक’ थी। यानी खतरे को भांपकर इजराइल ने हमला किया, ताकि ईरान कोई बड़ी कार्रवाई न कर सके। इजराइली सेना ने यह भी कहा कि आगे और भी ऐसे कई हमले हो सकते हैं।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान चोरी-छिपे परमाणु हथियार बना रहा था। यह हमारे देश के लिए खतरा था। इसलिए हमारी सेना ने नतांज जैसे अहम परमाणु ठिकानों और ईरान के कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों पर हमला किया।

नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए ये कदम उठा रहा है। ईरान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और पूरी दुनिया को अस्थिर करना चाहता है। आज का दिन इतिहास में उस दिन के रूप में याद किया जाएगा जब अच्छाई ने बुराई पर और रोशनी ने अंधकार पर जीत की दिशा में कदम बढ़ाया।

ईरान पर इजराइली हमले के बाद की 5 तस्वीरें…

तेहरान में शुक्रवार तड़के इजराइली हमले का निशाना बने एक स्थान से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया।

तेहरान में शुक्रवार तड़के इजराइली हमले का निशाना बने एक स्थान से धुआं उठता हुआ दिखाई दिया।

ईरान की राजधानी तेहरान में इजराइली हमलों के बाद लोग एक क्षतिग्रस्त इमारत को देखते हुए।

ईरान की राजधानी तेहरान में इजराइली हमलों के बाद लोग एक क्षतिग्रस्त इमारत को देखते हुए।

तेहरान मे इमारत में हुए विस्फोट की जगह पर दमकलकर्मी काम कर रहे हैं।

तेहरान मे इमारत में हुए विस्फोट की जगह पर दमकलकर्मी काम कर रहे हैं।

इजराइली हमलों के बाद तेहरान में दमकलकर्मी साफ-सफाई करते हुए।

इजराइली हमलों के बाद तेहरान में दमकलकर्मी साफ-सफाई करते हुए।

इजराइली हमलों के बाद सड़क किनारे बैठा एक घायल शख्स।

इजराइली हमलों के बाद सड़क किनारे बैठा एक घायल शख्स।

अमेरिका बोला- हमले में हम शामिल नहीं

अमेरिका ने साफ किया कि वह इस हमले में शामिल नहीं था। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इजराइल ने यह हमला आत्मरक्षा के तौर पर किया और उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि वह किसी भी सूरत में अमेरिकी सैनिकों या ठिकानों को निशाना न बनाए।

यह हमला ऐसे समय पर हुआ जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इजराइल को हमले से रोकने की कोशिश की थी क्योंकि उन्हें डर था कि इससे बातचीत रुक सकती है।

इस तनाव के बीच अमेरिका ने अपने राजनयिकों को इराक से वापस बुला लिया था। अमेरिका ने मिडिल ईस्टम में मौजूद अपने सैनिकों के परिवारों को भी लौटने की अनुमति दे दी। इस समय करीब 40,000 अमेरिकी सैनिक फारस की खाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में तैनात हैं।

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत की पहली बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी (बाएं से तीसरे) शामिल हुए थे। तस्वीर 15 मई 2025 की है।

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत की पहली बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी (बाएं से तीसरे) शामिल हुए थे। तस्वीर 15 मई 2025 की है।

IAEA ने ईरान के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था

इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने गुरुवार को ईरान के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया था। एजेंसी ने कहा था कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर जो नियम तय हैं, उनका पालन नहीं कर रहा है।

IAEA के मुताबिक, ईरान के पास इतनी अधिक मात्रा में संवर्धित यूरेनियम है कि वह एक साल से भी कम समय में 10 परमाणु बम बना सकता है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ईरान कई जगहों पर परमाणु गतिविधियों की जानकारी देने से लगातार इनकार कर रहा है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा।

यह बीते 20 साल में पहली बार हुआ जब संयुक्त राष्ट्र की इस निगरानी संस्था ने ईरान को लेकर इतनी सख्त कार्रवाई की है।

IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के डायरेक्टर राफाएल मारियानो ग्रोसी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में। तस्वीर 11 जून की है।

IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के डायरेक्टर राफाएल मारियानो ग्रोसी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में। तस्वीर 11 जून की है।

IAEA के 35 देशों के बोर्ड में से 19 देशों ने इस ईरान के खिलाफ प्रस्ताव में वोटिंग की। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी शामिल थे। वहीं रूस और चीन ने इसके खिलाफ वोट दिया और बाकी देशों ने या तो हिस्सा नहीं लिया या वोटिंग से दूर रहे।

ईरान ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक है। ईरानी विदेश मंत्रालय और देश की परमाणु एजेंसी ने संयुक्त बयान में कहा कि इस तरह के फैसलों से अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।

हालांकि ईरान बार-बार कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण और नागरिक इस्तेमाल के लिए है, जैसे बिजली बनाना या दवा तैयार करना, न कि हथियार बनाने के लिए।

ईरान-इजराइल के बीच टकराव बढ़ा

ईरान लंबे समय से इजराइल को खत्म करने की बात करता आया है और उन क्षेत्रीय लड़ाकों का समर्थन करता है जो इजराइल के खिलाफ हैं। दूसरी तरफ इजराइल ईरान को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। उसका मकसद ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है।

पिछले कुछ सालों में यह टकराव लगातार बढ़ा है। 2019 में इजराइल ने सीरिया, लेबनान और इराक में उन ठिकानों पर हमले किए जहां से ईरान अपने सहयोगियों को हथियार भेजता था। साल 2020 में इजराइल ने ईरान के एक बड़े परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या कर थी।

फखरीजादेह अपनी कार में थे। इस दौरान एक रिमोट मशीन गन से लैस एक गाड़ी ने उन पर हमला कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हथियार सैटेलाइट से कंट्रोल होता था। इसमें AI का इस्तेमाल किया गया था ताकि सटीक निशाना लगाया जा सके।

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इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया है। इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उनके फाइटर जेट्स ने दुश्मन देश पर शुक्रवार सुबह हमला किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइली सेना ने तेहरान के आसपास कम से कम 6 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इन 6 में से 4 जगहों पर परमाणु ठिकाने भी मौजूद हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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