Mithun sankranti 2025, significance of mithun sankranti, surya puja tips in hindi, how to offer water to sun | मिथुन संक्रांति आज: सुबह सूर्य को चढ़ाएं और अर्घ्य, दोपहर में करें पितरों के लिए धूप-ध्यान और गुड़ का करें दान

Actionpunjab
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13 घंटे पहले

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आज (15 जून) मिथुन संक्रांति है। सूर्य ने मिथुन राशि में प्रवेश किया है। ज्योतिष में सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रमण और संक्रांति कहते हैं। संक्रांति पर सूर्य पूजा के साथ ही दान-पुण्य और पितरों के लिए धूप-ध्यान करने की भी परंपरा है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मिथुन संक्रांति पर सूर्य को जल अर्पित करके दिन की शुरुआत करें। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें। जल में चावल, लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें। सूर्य मंत्र स्तुति का पाठ करें। इस पाठ के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना से करें।

  • सूर्य मंत्र स्तुति

नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्।

दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।

इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्।

त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।

इस प्रकार सूर्य पूजा करें। घर के मंदिर में सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र की भी पूजा कर सकते हैं। संक्रांति पर सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करना चाहिए। सूर्य के निमित्त व्रत भी कर सकते हैं। जो लोग व्रत करते हैं, उन्हें पूरे दिन अन्न का सेवन नहीं कर चाहिए। भूखे रहना संभव न हो तो एक समय फलाहार कर सकते हैं।

संक्रांति पर करें ये शुभ काम

  • संक्रांति पर गंगा, यमुना, गोदावरी, शिप्रा, नर्मदा और कावेरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। अगर नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
  • संक्रांति पर स्नान के बाद पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि शुभ काम भी करना चाहिए। दोपहर में गाय के गोबर से बना कंडा (उपला) जलाएं और जब उससे धुआं निकलना बंद हो जाए, तब उस पर पितरों का ध्यान करते हुए गुड़-घी अर्पित करें। हथेली में जल लेकर अंगूठे की ओर पितरों को जल अर्पित करें।
  • इस दिन स्नान के बाद पूजा-पाठ करें और फिर जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाएं। धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल, छाता, गुड़, गेहूं दान करें।
  • जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक नहीं है, उन्हें संक्रांति पर सूर्य देव के लिए पूजा-पाठ जरूर करना चाहिए। सूर्य नौ ग्रहों का राजा है और इस वजह से सूर्य देव की कृपा से कुंडली के कई दोष शांत हो सकते हैं और कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं।

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