हिसार-बालसमंद रोड पर गांव आर्यनगर के चौराहे पर लगी थी प्रतिमा।
हिसार के आर्यनगर में एक परिवार द्वारा लगवाई गई कुंभाराम की प्रतिमा को लेकर विवाद खड़ा हो गया। परिवार ने कुंभाराम को आजाद हिंद फौज का सिपाही बताया। लेकिन ग्रामीणों ने इस दावे का विरोध किया।
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जिला प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में हिसार-बालसमंद मार्ग के पातन मोड़ पर स्थित फोरलेन चौराहे से प्रतिमा को हटवा दिया। बिजली निगम के ड्यूटी मजिस्ट्रेट संजय सांगवान की देखरेख में यह कार्रवाई की गई।
प्रतिमा का विवाद काफी समय से चल रहा था। रोड निर्माण शुरू होते ही परिजनों ने चौराहे पर प्रतिमा लगवा दी थी। शुरू में इसे कपड़े से ढका रखा गया। बाद में परिजनों ने इसका लोकार्पण कर दिया।
ग्रामीण भजनलाल के अनुसार, कुंभाराम भूतपूर्व सैनिक थे। उन्हें जर्मनी, इटली और भारत से सैन्य सम्मान मिले थे। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत, जिला पार्षद और पंचों की सहमति से प्रस्ताव पास करवाया गया था। इसके लिए दस हजार रुपए की फीस भी जमा की गई थी।

मूर्ति को लेकर पूर्व में ग्राम पंचायत की ओर से दिया गया प्रस्ताव।
ग्रामीण जता रहे थे विरोध
दरअसल, गांव के मुख्य एंट्री पर बनी इस मूर्ति को लेकर ग्रामीण ही विरोध जता रहे थे और इस मूर्ति को यहां से हटवाने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार मूर्ति लगने से मुख्य सड़क से गांव में आने वाले संसाधनों को दिक्कत होती थी। छोटे से चौराहे पर मूर्ति लगने से बड़ा हादसे होने का डर हमेशा होता था। ग्रामीणों ने बताया कि नियमानुसार हाईवे के बीचों बीच कोई मूर्ति लग ही नहीं सकती थी।