माया टीला पर हुए हादसे के बाद पुलिस ने आरोपी पर इनाम घोषित कर दिया है,DM ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं,लेकिन उन विभागों के जिम्मेदारों पर भी कोई कार्यवाही होगी जिनकी लापरवाही या अनदेखी की वजह भी इस हादसे का कारण बनी
मथुरा के थाना गोविंद नगर क्षेत्र में रविवार को हुए हादसे के बाद इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार फरार है। मृत हुई बच्चियों के परिजनों ने FIR करा दी है। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 4 टीम बना दी हैं। एसएसपी श्लोक कुमार ने आरोपी फरार बिल्डर पर इनाम घोषित
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चर्चाओं का बाजार गर्म
मथुरा के कच्ची सड़क क्षेत्र स्थित टीला काटकर जमीन समतलीकरण के दौरान हुए हादसे के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय जनता में चर्चा थी कि उक्त स्थान को माया टीला के नाम से जाना जाता है। जब यह टीला था तो सरकार द्वारा संरक्षित टीले की खरीद फरोख्त बगैर पुरातत्व विभाग की अनुमति के कैसे हो रही थी। नियमों के तहत संरक्षित स्थान पर किसी भी सूरत में निर्माण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उक्त जगह सिद्ध बाबा मंदिर की है जिसे कोई बेच नहीं सकता है । बहुत लोग इस स्थान को अंबरीश टीला भी बोलते है।

हादसे के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म रहा
एक लाख रुपए गज बेची जमीन
यहां पर स्कूटर कार पार्किंग है जिसमें गाड़ी खड़ी करने की एवज में महीनेदारी ली जाती है। फिलहाल काम चलने के कारण वहां कोई वाहन वहां पार्क नहीं था। इस जगह को सुनील चैन नाम का व्यक्ति जिसे उन्होंने कन्नू इत्यादि को बेच दिया है । इस टीले की खरीद में कई नामचीन लोग पार्टनर है जिनका खुलासा जांच के दौरान हो पायेगा। सूत्रों का कहना है इस जमीन की खरीद कई रजिस्ट्री के माध्यम से हुई है। चर्चाओं में इस जमीन की कीमत एक लाख रु गज बताई जाती है। जिसको पर्चियों पर बेचा गया था।

इसी जगह पर हुआ था हादसा
अब जानते हैं कौन है सुनील चैन
सुनील गुप्ता उर्फ सुनील चैन मथुरा के थाना गोविंद नगर क्षेत्र की गली कानूनगो का रहने वाला है। उसका मुख्य काम सर्राफा का है। सर्राफा के काम में चैन आदि बनाते हुए सुनील गुप्ता का नाम सुनील चैन हो गया। सर्राफा के कारोबार से सुनील ने पैसे कमाए तो वह जमीनों के सौदा करने में उतर गया। उसने माया टीला पर सिद्ध बाबा मंदिर से लगी यह जमीन खरीदी या कब्जाई यह जांच के बाद साफ होगा।

सुनील चैन
धीरे धीरे किया कब्जा करना शुरू
सुनील चैन के साथ इस जमीन में शहर के कुछ नामचीन लोग भी शामिल बताए गए हैं। यह सभी लोग धीरे धीरे इस टीले की जमीन को खत्म कर यहां एक हाई राइज अपार्टमेंट बनाना चाहते थे। इसके लिए धीरे धीरे काम कराया जा रहा था। जिससे कोई विरोध न हो। हालांकि इस जमीन को विवादास्पद बता कर कुछ लोग विरोध भी कर रहे थे।

जमीन पर धीरे धीरे कर कब्जा लेना शुरू किया
पहले बनाई पार्किंग फिर शुरू किया निर्माण
माया टीला इलाके में स्थित यह जमीन सुनील ने अपनी पत्नी साध्वी गुप्ता के नाम से ली थी। इस जमीन पर सुनील ने पहले मिट्टी हटाकर जगह समतल की। इसके बाद यहां पार्किंग शुरू की जिससे कोई शक न हो। यहां जब कुछ नहीं हुआ तो इस जगह से टीले के ऊपर बने मकानों के नीचे से मिट्टी हटाने का काम शुरू किया गया। मिट्टी हटाने की जगह पर दीवाल बनाई जा रही थी। करीब 50 फीट ऊंचाई पर मिट्टी के ढेर पर खड़े मकानों को दरकिनार कर यहां काम किया जा रहा था।

मकान गिरने के बाद इस तरह बदहवास दिखे लोग
25 हजार रुपए का इनाम घोषित
रविवार को यहां मजदूर लगे थे मिट्टी हटाने का काम किया जा रहा था। इसी दौरान यहां अचानक टीले पर बने आधा दर्जन मकान धरासाई हो गए। मकान धरासाई हुए तो शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया। हादसे में 2 सगी बहनों सहित 3 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद एसएसपी श्लोक कुमार ने मृतक बच्चियों के परिजन की तहरीर पर सुनील चैन के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर लिया और उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया।

सुनील चैन पर पुलिस ने इनाम घोषित कर दिया है
ADM वित्त करेंगे जांच
इस पूरे मामले में DM चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि यहां निर्माण से पहले किसी प्रकार की अनुमति किसी विभाग से नहीं ली गई। नियमों को ताक पर रखा गया। पूरे मामले की जांच के लिए अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व पंकज वर्मा को मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसके बाद लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

DM ने मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं
इन विभागों की रही लापरवाही
कच्ची सड़क स्थित इस माया टीला पर बताया जा रहा है कि पिछले करीब 6 महीने से काम चल रहा था। लेकिन जिम्मेदारों ने इस तरफ ध्यान देना ही मुनासिब नहीं समझा। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के JE अनिल सिंघल ने तो यह तक कह दिया कि यह काम शनिवार रात से ही शुरू हुआ। जबकि वहां बनाई गई दीवारों को वह पुराना बता रहे थे। नगर निगम ने नोटिस देकर आंख मूंद ली। इस जगह से मिट्टी हटाई गई मिट्टी का खनन किया गया। मिट्टी कहां ले जाई गई किसी को खबर नहीं। खनन विभाग इस तरफ से मुंह फेरा रहा। स्थानीय पुलिस जो दिन रात तिराहा चौराहा पर मौजूद रहती है उसकी भी नजर यहां से मिट्टी ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली पर शायद गई नहीं या फिर उसे अनदेखा किया गया। हादसे के बाद सवाल कई हैं,जिम्मेदार विभाग अब अपनी अपनी लापरवाही बचाने में जुटे हैं लेकिन यह हादसा उनको तो जिंदगी भर का ग़म दे ही गया जिन्होंने अपने खोए और एक एक रुपए जोड़कर बनाए मकानों को ताश के पत्तों की तरह ढहते देखा।

हादसा अपनों को खाने वालों को जिंदगी भर का ग़म दे गया
मौके से हटाए सीसीटीवी, भागा चौकीदार
हादसे के बाद आरोपियों ने सबसे पहले मौके पर लगे CCTV कैमरों को हटाया। जिसके निशान वहां मौजूद थे। इतना ही नहीं शातिर कैमरों की DBR भी साथ ले गए। जमीन पर रहने वाला चौकीदार,काम करा रहा ठेकेदार सभी हादसे के बाद भाग खड़े हुए। जिसकी बजह यह रही कि देर रात तक प्रशासन यह पता नहीं लगा सका कि कितने लोग मौके पर मौजूद थे। जिसकी बजह से देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा।