हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी। – फाइल फोटो
हरियाणा सरकार ने रेवेन्यू विभाग के भ्रष्टाचारी कर्मचारियों को 3 कैटेगरी में बांट दिया है। जिसके बाद भ्रष्टाचारी अफसरों की संख्या भी 108 से बढ़कर 129 हो गई है। ये सभी अधिकारी नायब तहसीलदार, तहसीलदार और जिला रेवेन्यू अफसर (DRO) पद पर हैं। सरकार की नजर स
.
सरकार ने इनके खिलाफ सबूत इकट्ठा कर लिए हैं। जिसके बाद दस्तावेजी जांच के बाद चार्जशीट की तैयारी कर ली है। जिन्हें अब इन तीनों कैटेगरी में बांटकर उसी हिसाब से कार्रवाई होगी। इसकी फाइल CM नायब सैनी के पास पहुंच गई है।
हालांकि पटवारियों और दलालों की लिस्ट लीक होने के बाद सरकार ने इन भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट को पूरी तरह से सीक्रेट रखा है। हालांकि, उनकी तैनाती के जिलों के अधिकारियों को नाम भेजकर पहले ही रिपोर्ट तलब कर ली गई थी।

भ्रष्टाचार पर सरकार की 3 कैटेगरी…
- सबसे भ्रष्ट: ये भ्रष्टाचार की पहली कैटेगरी है। सरकार ने इसमें उन रेवेन्यू अफसरों को शामिल किया है, जिन्होंने गलत तरीके से 50 से ज्यादा रजिस्ट्री कीं। इनके खिलाफ हरियाणा सिविल सर्विस रूल्स के रूल 7 के तहत कार्रवाई करेगी। जिसमें सरकार इन्हें जबरन रिटायर तक कर सकती है।
- कम भ्रष्ट: इस दूसरी कैटेगरी में सरकार ने उन अफसरों को रखा है, जिन्होंने गलत तरीके से 50 से कम रजिस्ट्री कर अवैध तरीके से रुपया कमाया है। इनके खिलाफ सरकार हरियाणा सिविल सर्विस रूल्स के रूल 8 के तहत कार्रवाई करेगी। इस धारा के तहत सरकार अधिकारियों को नोटिस जारी कर अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका देगी। इन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
- वित्तीय गड़बड़ी: सरकार ने इस तीसरी कैटेगरी में उन अफसरों को रखा है, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सरकार के रेवेन्यू का नुकसान तो नहीं किया, लेकिन उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उन्होंने गलत तरीके से रुपया कमाया है। इसमें अगर कोई अफसर रिटायरमेंट के करीब होगा तो सरकार उसके कसूर के हिसाब से उसे राहत भी दे सकती है।
सरकार को अफसरों पर भ्रष्टाचार का शक कैसे हुआ…
- सरकार को मिला खुफिया इनपुट: सरकारी सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग ने गड़बड़ी को लेकर रिपोर्ट दी थी। जिसमें कहा कि इन अधिकारियों ने गलत तरीके से रजिस्ट्रियां की हैं। इन्होंने रेवेन्यू विभाग के भूमि पंजीकरण नियम के नियम 7-A को अनदेखा किया। बिना NOC लिए रुपए लेकर रजिस्ट्री कर दी। जिससे इन्होंने इनकम से अधिक प्रॉपर्टी बना ली है।
- पहले सिर्फ नोटिस जारी हुए, कार्रवाई नहीं: खुफिया रिपोर्ट के बाद सरकार ने नियम 7A का उल्लंघन करने को लेकर बिना NOC रजिस्ट्री के मामले में तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों को नोटिस भेजे थे। इसमें उनसे जवाबतलबी की गई थी। हालांकि कार्रवाई कोई नहीं हुई। तब ये माना गया कि अधिकारियों के दबाव और ऊंची पहुंच की वजह से सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा।
- रजिस्ट्री घोटाले से भी जोड़े जा रहे तार: राजस्व विभाग के टॉप सोर्सेज के मुताबिक खुफिया इनपुट से इसके तार रजिस्ट्री घोटाले से भी जुड़ रहे हैं। यह घोटाला जुलाई 2020 में कोरोना काल के दौरान हुआ था। तब सरकार ने विशेष जांच समिति (SEC) गठित की थी। उनकी रिपोर्ट में 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के अलावा कानूनगो, लेखा परीक्षकों, रजिस्ट्री क्लर्कों और पटवारियों सहित 232 राजस्व अधिकारियों को भू-माफिया या रियल एस्टेट एजेंटों की सुविधा के लिए राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करने के लिए दोषी ठहराया था।

कार्रवाई के लिए CM की मंजूरी का इंतजार सरकारी सूत्रों के मुताबिक अफसरों की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है। रेवेन्यू विभाग ने इनकी लिस्ट वाली फाइल सबूतों के साथ सीएम नायब सैनी को भेज दी है। जिसमें इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई और चार्जशीट करने की सिफारिश की गई है। एक रेवेन्यू अफसर ने बताया कि CM सैनी ने फाइल काे मंजूरी देने की बात कही है। ऐसे में संभावना है कि इसी महीने इनके खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी।
भ्रष्टाचार पर सरकारी एक्शन के 3 बड़े अपडेट्स…
- 1. सबसे पहले 370 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट आई :हाल ही में सरकार की एक लिस्ट सामने आई थी। जिसमें प्रदेश में तैनात 370 पटवारियों को भ्रष्ट बताया गया था। इसमें यह भी बताया गया था कि किस जिले का कौन सा पटवारी किस काम के लिए कितनी रिश्वत लेता है। इसके अलावा 170 पटवारी ऐसे थे, जिन्होंने निजी सहायक रखे हुए थे। कुछ पटवारी अपने घर या प्राइवेट जगह पर ऑफिस चला रहे थे। हालांकि पटवारी इस लिस्ट का विरोध कर रहे हैं।
- 2. दूसरी लिस्ट 404 दलालों की आई : पटवारियों के बाद 404 दलालों की लिस्ट सामने आई थी। सरकार का कहना था कि ये सारे दलाल तहसील और पटवारी दफ्तरों में सक्रिय हैं। कुछ दफ्तरों में राजस्व कर्मचारियों के भी दलाली करने का इनपुट मिला था। ये दलाल तहसीलदार और नायब तहसीलदार के नाम पर काम कराने के बदले पैसे ले रहे हैं। सरकार ने कहा था कि दलालों की एंट्री रोकने के लिए CCTV कैमरे लगाए जाएं।
- 3. सिंचाई विभाग में 80 चार्जशीट : कन्क्रीट व पाइप के सैंपल फेल होने पर सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने विभाग के 80 अधिकारियों को चार्जशीट किया, जबकि 3 चीफ इंजीनियरों के खिलाफ नाराजगी नोट जारी किया है। सिंचाई मंत्री चौधरी ने बताया, विभाग की विजिलेंस विंग ने निर्माणाधीन प्रोजेक्टों के 48 रैंडम सैंपल लिए थे, जिनमें से 18 सैंपल फेल हो गए थे। ये अधिकारी मुख्यालय के साथ अलग-अलग जिलों में तैनात हैं।