Yogini Ekadashi today in the shubh yoga named Saumya, significance of yogini ekadashi in hindi, vishnu puja vidhi in hindi | सौम्य नाम के शुभ योग में योगिनी एकादशी आज: व्रत, मंत्र जप और पूजा-पाठ के साथ ही भगवान की कथाएं पढ़ें-सुनें, किसी मंदिर में पूजन सामग्री दान करें

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5 घंटे पहले

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आज (शनिवार, 21 जून) आषाढ़ शुक्ल एकादशी है, इसका नाम योगिनी है। आज शनिवार को अश्विनी नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग भी बन रहा है। इस योग की वजह से योगिनी एकादशी व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया है। सौम्य योग में किए गए शुभ काम, पूजा-पाठ जल्दी सफल होते हैं, ऐसी मान्यता है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, ये व्रत जाने-अनजाने में किए पापों के फल को खत्म करता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा करें और दिनभर निराहार रहकर भगवान के मंत्रों का जप करें, भगवान की कथाएं पढ़ें-सुनें। जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, उन्हें एक समय फलाहार करना चाहिए।

जानिए इस एकादशी पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

  • पौराणिक मान्यता है कि जो भक्त ये व्रत करते हैं, उन्हें वैसा ही पुण्य मिलता है जैसा जरूरतमंद लोगों को भोजन कराने से मिलता है। भगवान विष्णु की कृपा से भक्तों की सभी परेशानियां खत्म होती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • व्रत-उपवास के साथ ही इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। श्रीरामचरितमानस, रामायण, शिवपुराण, श्रीमद्भगवद् गीता जैसे ग्रंथों का पाठ भी करें।
  • एकादशी पर सुबह स्नान के बाद गणेश पूजा करें, इसके बाद श्रीहरि की पूजा करें और पूजा में एकादशी व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद पूरे दिन भक्ति भाव से रहें। शाम को फिर से विष्णु पूजा करें। अगले दिन यानी 22 जून की सुबह स्नान आदि कामों के बाद पूजन करें। जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और फिर खुद भोजन करें। इस तरह ये व्रत पूरा होता है।
  • शनिवार और एकादशी के योग में आज शनिदेव की भी विशेष पूजा जरूर करें। शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक करें। नीले फूल, काले वस्त्र, काले तिल, तिल से बने व्यंजन पूजा में अर्पित करें। ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करें। ऐसा करने से कुंडली के शनि ग्रह से जुड़े दोष शांत होते हैं।
  • शनिवार को हनुमान जी की भी पूजा जरूर करें। हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें। ऊँ रामदूताय नम: मंत्र जपें या राम नाम का जप करें।
  • एकादशी की सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं। तुलसी के पास धूप-दीप जलाएं। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। ध्यान रखें शाम को तुलसी का स्पर्श नहीं करना चाहिए।
  • किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। गायों को हरी घास खिलाएं। किसी मंदिर में पूजन सामग्री दान करें। अगर संभव हो तो किसी सार्वजनिक जगह पर किसी छायादार पेड़ का पौधा लगाएं। अभी बारिश का समय है तो ये पौधा आसानी से पनप सकता है।

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