Supreme Court CJI BR Gavai said Constitution is supreme three wings of democracy work under it | CJI गवई बोले-संसद नहीं, संविधान सबसे ऊपर: लोकतंत्र के तीनों हिस्से इसके अधीन; संसद के पास संशोधन की शक्ति, लेकिन मूल ढांचा नहीं बदल सकती

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अमरावती1 घंटे पहले

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जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने 14 मई 2025 को भारत के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। - Dainik Bhaskar

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने 14 मई 2025 को भारत के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बुधवार को कहा कि भारत का संविधान सबसे ऊपर है। हमारे लोकतंत्र के तीनों अंग (न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका) संविधान के अधीन काम करते हैं। CJI गवई ने कहा कुछ लोग कहते हैं कि संसद सर्वोच्च है, लेकिन मेरी राय में संविधान सर्वोपरि है।

सुप्रीम कोर्ट के 52वें CJI के रूप में शपथ लेने वाले जस्टिस गवई होमटाउन अमरावती में अपने अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। CJI गवई ने कहा कि संसद के पास संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के मूल ढांचे को बदल नहीं सकती।

लोग क्या कहेंगे, हमारे फैसलों पर इसका असर नहीं होना चाहिए-गवई

CJI गवई ने कहा कि एक जज को हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा एक कर्तव्य है, और हम नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के संरक्षक हैं। हमारे पास केवल शक्ति नहीं है, बल्कि हम पर एक कर्तव्य भी डाला गया है। किसी जज को इस बात को लेकर नहीं चलना चाहिए कि लोग उनके फैसलों के बारे में क्या कहेंगे या क्या महसूस करेंगे।

चीफ जस्टिस बोले- हमें स्वतंत्र रूप से सोचना होगा। लोग क्या कहेंगे, यह हमारी फैसले लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकता।

बुलडोजर जस्टिस के खिलाफ दिए फैसले का जिक्र

सीजेआई ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने निर्णयों और काम को बोलने दिया और हमेशा संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के साथ खड़े रहे। बुलडोजर न्याय के खिलाफ अपने फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आश्रय का अधिकार सर्वोच्च है।

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CJI गवई बोले- जज जमीनी हकीकत नजरअंदाज नहीं कर सकते; न्यायपालिका का लोगों से दूरी बनाए रखना असरदार नहीं

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के इवेंट में CJI बीआर गवई ने कहा था कि जज जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। CJI गवई ने कहा था कि आज की न्यायपालिका मानवीय अनुभवों की जटिलताओं को नजरअंदाज करते हुए कानूनी मामलों को सख्त काले और सफेद शब्दों में देखने का जोखिम नहीं उठा सकती।

सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायपालिका में लोगों से दूरी रखना असरदार नहीं है। उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को लोगों से जुड़ने से बचना चाहिए। पढ़ें पूरी खबर…

जस्टिस गवई का राजनीति में एंट्री से इनकार: बोले- रिटायरमेंट के बाद कोई पद नहीं लूंगा, देश खतरे में हो तो SC अलग नहीं रह सकता

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.आर. गवई ने रिटायर होने के बाद पॉलिटिक्स में एंट्री लेने से इनकार किया। उन्होंने कहा- CJI के पद पर रहने के बाद व्यक्ति को कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए। रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा- 14 मई को बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर देश के CJI पद की शपथ लेना मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। पढ़ें पूरी खबर…

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