Chittorgarh Fort, a symbol of valor, hidden behind the clouds | बादलों की ओट में छिपा शौर्य का प्रतीक चित्तौड़गढ़ दुर्ग: ड्रोन कैमरे से दिखा अनोखा दृश्य, बारिश के बाद छाई हरियाली – Chittorgarh News

Actionpunjab
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250 मीटर ऊंचाई से दिखाता चित्तौड़गढ़ किला, चारों ओर बादल और हरियाली से बना ये नजारा।

चित्तौड़गढ़ का ऐतिहासिक दुर्ग इन दिनों एक नए रूप में नजर आ रहा है। हाल ही में हुई बारिश के बाद दुर्ग पर प्रकृति की विशेष मेहरबानी देखने को मिली। चारों ओर हरियाली, आसमान में घिरे बादल और किले की भीगी दीवारें, ये सब मिलकर ऐसा दृश्य बना रहे हैं जिसे शब्

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चित्तौड़गढ़ दुर्ग को यूं तो वीरता और बलिदान की धरती के रूप में जाना जाता है, लेकिन बारिश में यह किला एक नई कहानी कहता दिखता है। बादलों से घिरा किला, पानी की बूंदों से नहाए कंगूरे और हरियाली से सजी पहाड़ी, यह सब किसी सपनों के चित्र जैसा लगता है।

फोटोग्राफर मुरली कुमावत ने इस दृश्य को अपने ड्रोन कैमरे से शूट किया और बताया कि चित्तौड़गढ़ का किला सदियों से शौर्य का प्रतीक रहा है। लेकिन जब बारिश होती है तो इसकी सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। पत्थरों की दीवारें जैसे चमकने लगती हैं, विजय स्तंभ निखरकर एक नई ऊर्जा बिखेरता है और पूरा किला जैसे प्रकृति के साथ मिलकर मुस्कुरा उठता है।

फोटोग्राफर के अनुसार, दुर्ग के कंगूरे भीगकर और ज्यादा प्रभावशाली नजर आते हैं। ऐसा लगता है मानो इतिहास खुद अपनी शान से फिर से जीवित हो उठा हो। चित्तौड़गढ़ का किला में एक नई चमक के साथ जगमगा उठा है जैसे प्रकृति ने उसे धो कर निखरा हो।

प्रकृति की गोद में सजा शौर्य का प्रतीक, चित्तौड़गढ़ दुर्ग का मनमोहक दृश्य।

प्रकृति की गोद में सजा शौर्य का प्रतीक, चित्तौड़गढ़ दुर्ग का मनमोहक दृश्य।

दुर्ग का यह अनोखा नजारा लगभग 250 मीटर की ऊंचाई से लिया गया, जहां बारिश के बाद पूरा किला बादलों से ढका हुआ नजर आया। ऐसा लग रहा था मानो बादल किले के ऊपर मंडरा रहे हों। चारों तरफ हरियाली फैली हुई थी और हवा में ठंडक थी। यह दृश्य बहुत ही शांत, सुंदर और मन को सुकून देने वाला था।

चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत के सबसे विशाल और भव्य किलों में गिना जाता है। इसे साल 2013 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। पहले यह मेवाड़ की राजधानी था और आज यह राजस्थान की पहचान बन चुका है। यह किला करीब 180 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है और 700 एकड़ में फैला हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 13 किलोमीटर है।

गर्मियों में यह किला कुछ सूना सा नजर आता है, लेकिन बारिश के बाद जैसे इसमें नई जान आ जाती है। पर्यटकों की आवाजाही फिर से शुरू हो जाती है। स्थानीय लोग भी इस नजारे को देखने के लिए दुर्ग की ओर रुख करते हैं। यहां का आर्किटेक्चर, सांस्कृतिक धरोहर और वीरता से जुड़ी कहानियां हर किसी को आकर्षित कर देती हैं।

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