Congress leader Randhawa came out in support of actor Diljit | एक्टर दिलजीत के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता रंधावा: बोले-हेट गैंग कभी देशभक्ति मिटा नहीं सकती, सरदार-3 बैन पर मान ने जताई नाराजगी – Punjab News

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पंजाब एक्टर दिलजीत के पक्ष में उतरे पंजाब पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा व पूर्व सांसद सिमनजीत सिंह मान।

पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर के साथ काम को लेकर विवादों में घिरे पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ के समर्थन में अब कांग्रेस भी उतर आई है।

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पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व डिप्टी सीएम और गुरदासपुर से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दिलजीत के पक्ष में बयान दिया है।

उन्होंने कहा, “यह हेट गैंग दिलजीत के दिल से देश के प्रति मोहब्बत और देशवासियों के दिलों में दिलजीत के लिए इज्जत कभी खत्म नहीं कर पाएगी।” बता दें कि इससे पहले बीजेपी भी दिलजीत के समर्थन में आ चुकी है।

हर मंच से देश की शान बढ़ाई

रंधावा ने कहा कि जब सूरत चढ़ता है तो नफरतों के बाजार गर्म होने शुरू हो जाते हैं। सिर्फ दिलजीत दोसांझ ही नहीं , इससे पहले भी कई बार इस हेट गैंग ने देशवासियों के दिलों में पंजाबियों के खिलाफ जहर घोलने की कोशिश की है।

पर हर बार इनकी साजिशें नाकाम रही, क्योंकि देशवासियों को पंजाबियों की देशभक्ति, बहादुरी व सेवा भाव के बारे में अच्छी तरह से पता है। दिलजीत सिंह ने हमेशा हर मंच से देश की शान बढ़ाई है। यह हेट गैंग कभी दिलजीत के दिल में से देश के प्रति मोहब्बत व देशवासियों के दिलों में से दिलजीत के लिए इज्जत कभी मिटा नहीं पाएगी।

पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने भी की निंदा

शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रधान व पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने भी सरदार जी-3 फिल्म पर रोक लगाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि फिल्में कला के कारोबार का हिस्सा होती है। इन्हें धार्मिक या राजनीतिक सोच से न जोड़ा जाए।

उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि सरदार दिलजीत सिंह दोसांझ ने हमेशा अपनी सिख पहचान को गर्व के साथ रखा है और वह ऐसे कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने सिखी, पंजाबी और गुरुमुखी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शानदार ढंग से प्रस्तुत किया है।

सरदार दोसांझ ने अपनी फिल्मों ‘पंजाब 1984’ और ‘पंजाब 95’ के माध्यम से पंजाब के नरसंहार और दुर्दशा का गहराई से चित्रण किया है। हाल ही में सरदार ने मेट गाला में वैश्विक मंच पर अपनी सिख पहचान को गर्व के साथ प्रस्तुत किया, जिसकी काफी सराहना हुई।

दोसांझ को निशाना बनाना उनकी पहचान, सिखी, पंजाबी और गुरुमुखी पर एक अप्रत्यक्ष हमला है, जिसे वह विश्व मंच पर गर्व के साथ लेकर चलते हैं, क्योंकि फिल्म में कास्टिंग फिल्म निर्माताओं का मामला है, अभिनेता का नहीं। फिल्में कला और शोबिज का हिस्सा है और इन्हें ओछी राजनीति का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए।

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