तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी उग्रसेन पांडेय
हाथरस के विद्यालय और मदरसों में 57.53 लाख रुपए के छात्रवृति घोटाले का आरोपी तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी उग्रसेन पांडेय को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) ने गिरफ्तार हो गए हैं। ईओडब्ल्यू की कानपुर ब्रांच ने सर्विलांस की मदद से आरोपी समाज कल्याण अ
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यह था पूरा मामला…
समाज कल्याण विभाग की तरफ से विद्यालय और मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रवृत्ति मिलती है। वर्ष 1999 से 2006 के बीच हाथरस में छात्रवृति की धनराशि 57,53,148 रुपए का घोटाला हुआ था। मामले में कई ऐसे विद्यालय और मदरसे जांच में सामने आए थे, जो सिर्फ कागजों पर ही संचालित किए जा रहे थे।
अगस्त 2007 में शुरू हुई थी जांच
शासन के आदेश पर 28 अगस्त 2007 में ईओडब्ल्यू ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। ईओडब्ल्यू की कानपुर शाखा इसकी विवेचना कर रही थी। मामले में हाथरस के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी अंबेडकर नगर के आलापुर थानाक्षेत्र के शिवतारा गांव निवासी उग्रसेन पांडेय समेत 12 लोकसेवकों और 13 निजी कर्मचारियों को आरोपी बनाकर चार्जशीट दाखिल की गई थी, इसके बाद से उग्रसेन पांडेय फरार थे। रेलबाजार थाना प्रभारी बहादुर सिंह ने बताया कि ईओडब्ल्यू शाखा के अधिकारी आरोपी को लाए थे और मेडिकल करा कर साथ ले गए।