पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा- जगदीप धनखड़ 15 दिन पहले तक कह रहे थे कि 2027 तक पर रहूंगा। आखिर ऐसा क्या दबाव पड़ा, ऐसा क्या हुआ कि इस्तीफा देना पड़ा।
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उन्होंने कहा- यह जो हम बार-बार कहते हैं कि देश से डेमोक्रेसी खत्म हो रही है। मैं बार-बार बोल रहा हूं कि लोकतंत्र खत्म हो रहा है। यह घटना उसी का संकेत है। गहलोत प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में परसराम मदेरणा की जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
गहलोत ने कहा- धनखड़ का बहुत अच्छा स्वास्थ्य है। उनके दबाव में काम करने की बात मैंने कही थी। मैंने कहा था लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति दोनों दबाव में काम कर रहे हैं, यह मैंने जोधपुर में कहा था। धनकड़ साहब ने जयपुर में पूर्व विधायकों के संगठन के कार्यक्रम में इसका जवाब देते हुए कहा था न दबाव में काम करता हूं, न किसी को दबाव में रखता हूं। यह जुमला वापस बोला था, वो अलग बात है। अब जो इस्तीफा हुआ है, तब मेरा यह बयान था कि दबाव में काम करते हैं। कहीं तो लिंक होगा, यह तो धनकड़ साहब जाने या उनकी अंतरात्मा जाने।
गहलोत ने कहा- धनखड़ साहब यहां बोल भी गए कि दबाव में नहीं हूं और स्वस्थ भी हूं। मेरे बारे में कह दिया कि मेरे पुराने मित्र हैं, हमारे बचपन से संबंध है। धनखड़ साहब ने कुछ दिन पहले कहा था कि 2027 तक उपराष्ट्रपति रहूंगा, कोई दैवीय शक्ति आ जाए तो अलग बात है। जो व्यक्ति 15 दिन पहले यह कह रहा है कि 2027 तक रहूंगा, क्या कारण है कि अचानक उनका इस्तीफा हो गया। यह जो हम बार-बार कहते हैं कि देश से डेमोक्रेसी खत्म हो रही है।

चुनाव आयोग ही वोटर लिस्ट से नाम काटे तो लोकतंत्र कैसे चलेगा?
गहलोत ने कहा- धनखड़ साहब का इस्तीफा जिस तरह हुआ है, जिस तरह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है। चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है। बिहार में खुला नाच हो रहा है। अब वोटर लिस्ट में से ही वोटर को काटेंगे। अपने खुद की सोच लो तो कैसे डेमोक्रेसी चलेगी? महाराष्ट्र में क्या हुआ एकतरफा जीत गए।
जब तक आम लोग आगे नहीं आएंगे आरएसएस-बीजेपी की दादागिरी चलती रहेगी
गहलोत ने कहा- केवल राजनीतिक दलों के आगे आने से ही काम नहीं चलेगा। खाली राजनीतिक दल ही जिम्मेदार नहीं, आम जनता की भी जिम्मेदारी है, वो भी साथ निभाएं। सच्चाई जिसके साथ है, उसका साथ दें। सच्चाई विपक्ष के साथ है तो विपक्ष का साथ दें। सरकार के साथ है तो उसका साथ दें। जनता जब तक उस रूप में आगे नहीं आएगी। तब तक बीजेपी आरएसएस की देश में दादागिरी चलती रहेगी। लोगों को भुगतना पड़ेगा।
धनखड़ मामले में कांग्रेस का स्टैंड पहले भी सही था और अब भी सही है
गहलोत ने कहा- धनखड़ मामले में कांग्रेस का स्टैंड बिल्कुल साफ है। डिबेट भी चलती है कि कांग्रेस पहले पहले अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई। कांग्रेस को शिकायत भी थी। अब कांग्रेस नेता उन्हें समझाने की पैरवी कर रहे हैं, यह बहस चल रही है। मैं इस राय का हूं कि कांग्रेस पहले भी ठीक थी। अब भी ठीक है। कांग्रेस का दोनों ही वक्त स्टैंड सही है।
जिस प्रकार से इस्तीफा हुआ है उसको लेकर कांग्रेस को शिकायत है
गहलोत ने कहा- अब जिस प्रकार से इस्तीफा हुआ है, उसको लेकर कांग्रेस को शिकायत है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ये संवैधानिक पद होते हैं। इनकी एक अलग गरिमा है। हम मानते हैं कि धनखड़ साहब का स्वास्थ्य ठीक है। मेरी धारणा यह है। अब वह खुद बोलेंगे तो बताएंगे? मेरी दृष्टि में उनका स्वास्थ्य ठीक था। दिन भर काम भी किया अचानक क्या हुआ कि शाम को इस्तीफा हो गया, पूरा देश चौंक गया कि यह क्या हुआ? यह नौबत क्यों आई?
उपराष्ट्रपति पद की गरिमा है, इसका और तरीका भी निकाला जा सकता था। पता नहीं धनकड़ साहब रहना चाहते थे या नहीं रहना चाहते थे। बीजेपी हाईकमान या आरएसएस को ही पता है। लेकिन अच्छे ढंग से रास्ता निकल सकता था। अब जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं, कहा जा रहा है खड़गे साहब को बोलने के लिए मौका दे दिया। इस वजह से उन पर दबाव पड़ा या मजबूर कर दिया गया, यह उचित नहीं है। इसलिए कांग्रेस उन बातों को समर्थन करती है।
स्पीकर से विपक्ष को हमेशा शिकायत रहती है, कई लोग बायस्ड हो जाते हैं
गहलोत ने कहा- लोकसभा स्पीकर हो या राज्यसभा के सभापति हो, विधानसभा स्पीकर हो, जो भी चेयर करता है, विपक्ष को हमेशा उससे शिकायत रहती है। क्योंकि विपक्ष चाहता है कि हमें ज्यादा टाइम मिले ताकि अपनी बात कह सकें।
अध्यक्ष की मजबूरी होती है, कई बायस्ड भी हो जाते हैं, इसीलिए कहते हैं स्पीकर बनने के बाद उसका किसी पार्टी से ताल्लुक नहीं रहता है। स्पीकर बनने के बाद भी कई लोगों का झुकाव अपनी पार्टी की तरफ रहता है। जो नहीं रहना चाहिए। सीपी जोशी और पराराम मदरेणा विधानसभा स्पीकर रहे और उन्होंने निष्पक्ष होकर सदन चलाया।