छत गिरने से मलबे में दबा घर का सामान।
फाजिल्का के इन्द्रा नगरी गली नंबर 4 में एक बुजुर्ग महिला के घर के कमरे की छत गिर गई। सौभाग्य से हादसे के समय दादी और पोती दोनों कमरे से बाहर थीं। सुदेश देवी नाम की यह महिला पेंशन पर अपना और अपनी 10 वर्षीय पोती का गुजारा कर रही हैं। उन्होंने प्रशासन औ
.
सुदेश देवी के पति की लगभग 20-25 साल पहले मृत्यु हो गई थी। इसके बाद एक बेटे की कैंसर से और दूसरे बेटे की बीपी व शुगर कम होने से मृत्यु हो गई। दोनों बेटों की मृत्यु के बाद उनकी बहुएं उन्हें छोड़कर चली गईं। छोटे बेटे की पत्नी अपनी 10 महीने की बेटी को सुदेश देवी के पास छोड़ गई थी। अब वह बच्ची 10 साल की हो गई है और पास के स्कूल में पढ़ती है।

हादसे के बाद सामान के साथ बाहर बैठी दादी और पोती।
घटना के समय बाहर थी दादी और पोती
सुदेश देवी ने बताया कि उनके पास रहने के लिए सिर्फ एक ही कमरा था जो पहले से ही खस्ता हालत में था। हादसे के समय वह बाहर पानी गरम कर रही थीं और उनकी पोती स्कूल जाने के लिए नहा रही थी। उन्होंने कहा कि अगर यह घटना सुबह 7 बजे से पहले हुई होती तो वे दोनों छत के नीचे दब जातीं।
इस हादसे में उनका बेड, फ्रिज और अन्य घरेलू सामान छत के मलबे में दब गया है। अब वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
प्रशासन और समाज सेवी लोगों से मांगी मदद
पीड़िता ने बताया कि वह घरों में काम करके गुजारा करती थी। लेकिन अब छह माह पहले उसे टाइफाइड हो गया जिस कारण उसका काम भी छूट गया। अब केवल पैंशन पर ही निर्भर है। उसने प्रशासन और समाज सेवी लोगों से मदद की मांग की है ताकि उनके रहने को कमरे की छत मिल सके।
इधर सूचना मिलते ही पार्षद पुनीत अरोडा सोनू भी मौके पर पहुंचें। जिन्होंने बताया कि यह परिवार बेहद ही जरूरतमंद है। जिसकी मदद के लिए प्रशासन को आगे आना चाहिए और शीघ्र मुआवजा जारी करना चाहिए।