Gaurav Vallabh in udaipur-Adopt economic ethics and favorable changes | गौरव वल्लभ-आर्थिक नैतिकता व अनुकूल परिवर्तन को अपनाए: उदयपुर में आईसीएसआई राष्ट्रीय सततता सम्मेलन का आगाज, डिप्टी सीएम बैरवा भी शामिल हुए – Udaipur News

Actionpunjab
3 Min Read


भारतीय कंपनी सचिव संस्थान द्वारा उदयपुर में आज राष्ट्रीय सततता सम्मेलन में ब्रॉशर का विमोचन करते डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा और प्रो. गौरव वल्लभ

भारतीय कंपनी सचिव संस्थान द्वारा उदयपुर में आज राष्ट्रीय सततता सम्मेलन 2025 का आगाज हुआ। ‘स्थायित्व को बढ़ावा देना : एक सक्षम भविष्य की ओर’ विषय पर आधारित दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य व्यावसायिक संगठनों में उत्तरदायी और सतत सोच को प्रोत्साहित करना है

.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा और विशिष्ट अतिथि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य प्रोफेसर गौरव वल्लभ थे। सम्मेलन में देशभर से लगभग 300 प्रतिभागी प्रत्यक्ष रूप से तथा 2 हजार से अधिक प्रतिभागी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।

कार्यक्रम को संबोधित करते डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा

कार्यक्रम को संबोधित करते डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा

डॉ. बैरवा ने कहा कि यह संस्थान देश की व्यावसायिक संस्थाओं को सतत विकास लक्ष्यों से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि कंपनी सचिवों द्वारा अपनाई जा रही नैतिक व्यावसायिक नीतियां और उत्तरदायी आचरण भारत के उज्ज्वल भविष्य के प्रति विश्वास को सशक्त करते हैं। वे केवल कॉरपोरेट संचालन को सुदृढ़ ही नहीं कर रहे, बल्कि पर्यावरणीय, सामाजिक और शासकीय मूल्यों के साथ संतुलित और उत्तरदायी कारोबारी दृष्टिकोण को भी आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा, सततता भारत के लिए एक अनिवार्यता है और इसका पहला सिद्धांत ‘धर्म’ है, जिसे भारतीय कंपनी सचिव संस्थान ने अपने आदर्श वाक्य में सही रूप से आत्मसात किया है।

उन्होंने कहा कि कंपनी सचिव पर्यावरणीय, सामाजिक और शासकीय ढांचे के सक्रिय परिवर्तनकर्ता के रूप में न केवल व्यावसायिक नैतिकता और पारदर्शिता को सशक्त कर रहे हैं, बल्कि वे भारत की विकास प्राथमिकताओं के अनुरूप उत्तरदायी सोच और सतत व्यवहार को संस्थागत स्वरूप भी प्रदान कर रहे हैं।

भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के राष्ट्रीय सततता सम्मेलन में शामिल हुए प्रतिभागी

भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के राष्ट्रीय सततता सम्मेलन में शामिल हुए प्रतिभागी

उन्होंने अंत्योदय का जिक्र करते हुए आर्थिक नैतिकता व अनुकूल परिवर्तन को अपनाने की बात कही। सस्टेनेबल प्रेक्टिस हमारे जैसे विविधताओं वाले देश में अलग अलग होनी चाहिए।

भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के अध्यक्ष धनंजय शुक्ला ने कहा कि वर्तमान समय में सततता व्यवसायों के लिए रणनीतिक आवश्यकता बन चुकी है। कंपनी सचिव अपने संगठनों की लाभप्रदता और सामाजिक उत्तरदायित्व के बीच संतुलन बनाते हुए सततता के प्रमुख संवाहक बन चुके हैं। यह सम्मेलन इस बात का प्रमाण है कि संस्थान अपने सदस्यों को संचालन से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ प्रभावी रूप से निभाने में निरंतर सक्षम बना रहा है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *