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कोलकाता1 घंटे पहले
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आरजी कर हॉस्पिटल केस का एक साल पूरा होने पर कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने रैली निकाली।
कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर की घटना को आज एक साल हो रहा गया है। इसको लेकर जूनियर डॉक्टरों और सिविल सोसायटी मेंबर्स ने शुक्रवार को कोलकाता में मशाल रैली निकाली।
पीड़िता के लिए लड़ रहे संगठन अभया मंच के डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने कहा- जांच एजेंसी CBI मामले में बड़ी साजिश की बात कह रही है, लेकिन पता नहीं उसकी यह जांच कब तक पूरी होगी?
सुवर्ण गोस्वामी ने सवाल किया कि आखिर एक साल बाद भी सप्लीमेंट्री चार्ज क्यों दायर नहीं हुआ है। हम पहले से ही कहते रहे हैं कि यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है। बावजूद इसके CBI किसी दूसरे आरोपी का पता तक नहीं लगा सकी।
पहले जानिए इस केस के बारे में
आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। 20 जनवरी को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस घटना के बाद कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं।
कोलकाता में मशाल रैली की 2 PHOTO

मेडिकल स्टूडेंट्स, जूनियर डॉक्टर्स और आम लोगों ने शुक्रवार को कोलकाता में आरजी कर हॉस्पिटल की पीड़ित की याद में मशाल रैली निकाली।

मशाल रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान न्याय के लिए नारे भी लगाए।
CBI अधिकारी बोला- हम घटना में पर्दे के पीछे की साजिश की जांच कर रहे
CBI के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दैनिक भास्कर को बताया कि हम इस घटना में पर्दे के पीछे की साजिश की जांच कर रहे हैं। टाला थाने के ऑफिसर इंचार्ज की भूमिका और उसे जुड़े एक सिम कार्ड की भी जांच की जा रही है। एजेंसी सुप्रीम कोर्ट में 7 स्टेटस रिपोर्ट जमा कर चुकी है।
बीते सप्ताह CBI की एक टीम ने पीड़िता के घर जाकर उसके माता-पिता से मुलाकात कर बताया था कि उनके दावों के विपरीत सिर्फ एक ही व्यक्ति ने उनकी पुत्री के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी।
पीड़िता के पिता बताते हैं कि हमने सीबीआई के दावों के उलट उनको इस बात के सबूत दिखाए जिनके आधार पर हमारा मानना है कि इस घटना में कई अन्य लोग भी शामिल थे। हालांकि उन्होंने उन सबूतों के बारे में बताने से इनकार कर दिया।

आरजी कर मेडिकल में पीड़िता की याद में स्मारक स्थल बनाया गया है। यहां हर माह की 9 तारीख को न्याय की मांग के लिए आयोजन होता है।
दोषी संजय को उम्रकैद की सजा सुनाई
इस मामले में 18 जनवरी को कोर्ट ने संजय को दोषी करार दिया था और 20 जनवरी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। हालांकि ट्रेनी डॉक्टर की फैमिली केस की जांच से संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना था कि CBI ने असली कातिल को नहीं पकड़ा।
अदालत ने 162 दिन बाद फैसला सुनाया था। CBI ने आरोपी संजय के लिए फांसी की मांग की है। वहीं, संजय की बड़ी बहन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती देने की कोई योजना नहीं है।

3 लोगो पर शक, 2 को जमानत मिली थी

CBI ने 2 सितंबर को आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। घोष भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। कोलकाता पुलिस के अभिजित मंडल को जमानत मिल चुकी है।
संजय रॉय के अलावा मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया, लेकिन CBI 90 दिन के अंदर घोष के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं कर पाई, जिस कारण सियालदह कोर्ट ने 13 दिसंबर को घोष को इस मामले में जमानत दे दी।
CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय समेत 9 आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और 2 गार्ड्स शामिल थे।

