हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर बढ़ गया है।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कैचमेंट एरिया में हुई मूसलाधार बरसात से गुरुवार की दोपहर यमुनानगर नदी का जलस्तर 80 हजार 681 क्यूसेक पर पहुंच गया। इस मानसून सीजन में यह सर्वाधिक है। जलस्तर बढ़ते ही यमुनानगर जिले में स्थित हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 फ्लड
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72 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा पानी
हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की दूरी करीब 225 किलोमीटर है। बैराज से निकला पानी दिल्ली तक पहुंचने में 72 घंटे का समय लगता है। हालांकि अभी इस पानी से बाढ़ जैसी स्थिति का खतरा नहीं है।
बैराज से 10 लाख क्यूसेक पानी गुजरने की क्षमता, स्टोरेज 1 लाख
हथिनीकुंड बैराज में पानी जमा रखने की क्षमता करीब 1 लाख क्यूसेक है। हालांकि बैराज के सभी फ्लड गेट से डिस्चार्ज वाटर की क्षमता लगभग 10 लाख क्यूसेक है। बता दें कि, कलेसर के पास यमुना नदी पहाड़ों से उतरकर मैदान में प्रवेश करती है। यहीं पर हथिनीकुंड बैराज बना है।

हथिनीकुंड बैराज के 18 गेट खोले गए हैं।
आज तक का रिकार्ड 8.28 लाख क्यूसेक का
यमुना में बाढ़ का रिकॉर्ड देखें तो नदी में अभी तक का अधिकतम रिकॉर्ड 8,28,072 क्यूसेक रहा है। इतना पानी 19 अगस्त 2019 को आया था। इससे पहले जब केदारनाथ में आपदा आई थी, तब 19 जून 2013 को 8,06,464 क्यूसेक पानी आया।
जलस्तर 1 लाख होने पर बंद होती हैं नहरें
हथिनीकुंड बैराज में 1 लाख क्यूसेक से अधिक जलस्तर होने पर यूपी की ओर जाने वाली पूर्वी यमुना नहर (EJC) व हरियाणा की पश्चिमी यमुना नहर (WJC) की पानी आपूर्ति बंद करते हैं। अभी पूर्वी नहर में 1510 क्यूसेक और पश्चिमी यमुना नहर में 13310 क्यूसेक पानी छोड़ रहे हैं। सरप्लस 65 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली की ओर डायवर्ट किया है।