पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान।
पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार की कैबिनेट में माझा की ताकत लगातार कम होती जा रही है। एक समय था, जब पठानकोट से तरनतारन तक माझा बेल्ट से 5 मंत्री कैबिनेट की बैठक में बैठे नजर आते थे। लेकिन अब हालात ऐसे बन गए हैं कि पूरे माझा से अब कैबिनेट में मंत्रिय
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गौरतलब है कि बीते दिन ही भगवंत मान सरकार ने मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ से बिजली विभाग ले लिया है और अब उनके पास मात्र पीडब्ल्यूडी विभाग की बचा है। खास बात है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने ये फैसला तब लिया है, जब आने वाले 6 महीनों के अंदर-अंदर तरनतारन में उप-चुनाव होने वाले हैं। इतना ही नहीं, हरभजन सिंह ईटीओ जंडियालागुरु से विधायक हैं और ये खडूर साहिब लोकसभा का हिस्सा है, जिसके अन्य विधानसभा हलके तरनतारन में उप-चुनाव होने हैं।
एक समय में थे पांच मंत्री
भगवंत मान सरकार ने जब 2022 में चुनाव जीता तो अमृतसर पश्चिम से विधायक डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर को प्रोटेम स्पीकर यानी अस्थायी विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद पहला व दूसरा मंत्रीमंडल गठित किया गया। जिसमें माझा हल्के से पांच मंत्रियों के नाम सामने आए थे। जिनमें डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर, हरभजन सिंह ईटीओ, लालजीत सिंह भुल्लर, कुलदीप सिंह धालीवाल व लाल चंद कटारूचक्क को प्रतिनिधित्व दिया गया था।

कुछ दिन पहले धालीवाल से लिया था मंत्रीपद
AAP की सरकार 2022 में बनी तो कुलदीप सिंह धालीवाल को ग्राम विकास एवं पंचायत, कृषि एवं किसान कल्याण और NRI अफेयर्स जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने खास तौर पर पंचायत विभाग के अंतर्गत अवैध कब्जों से सरकारी जमीनें मुक्त कराने, और ऑनलाइन एनआरआई मिलनी प्रोग्राम शुरू करने जैसे प्रयासों से सुर्खियां बटोरीं।
मई 2023 में हुए कैबिनेट फेरबदल में ग्राम विकास एवं पंचायत के अलावा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग वापस ले लिया गया। इस दौरान उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग सौंपा गया। इसके बाद 22 फरवरी 2025 को प्रशासनिक सुधार विभाग को खत्म कर दिया गया। यह विभाग 20 महीने से अस्तित्व में नहीं था। इसके बाद उनके पास केवल एनआरआई अफेयर्स विभाग बचा। हालांकि यह कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं चला। इसी साल 3 जुलाई को उनसे यह पद भी वापस ले लिया गया। यह पद उनसे लेकर मंत्रिमंडल में शामिल किए गए संजीव अरोड़ा को दिया गया। वहीं, उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई।

डॉ. निज्जर ने सवा साल में छोड़ा मंत्रीपद
डॉ. इंदरबीर सिंह निज्जर, जो कि नगर निकाय एवं संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाल रहे थे, उन्होंने 31 मई 2023 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे से पहले किसी भी तरह का सार्वजनिक विवाद, प्रशासनिक चूक या भ्रष्टाचार का आरोप सामने नहीं आया था। इस वजह से उनका निर्णय राजनीतिक हलकों में अचानक और शांतिपूर्ण बदलाव के रूप में देखा गया।
सरकार या पार्टी नेतृत्व की ओर से भी उनके इस्तीफे को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मामला पूरी तरह आंतरिक सहमति से जुड़ा था। इस्तीफा देने के बाद यह संकेत दिए गए कि निज्जर अब पार्टी में संगठनात्मक भूमिका निभा सकते हैं, विशेषकर अपने क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने की दिशा में।

हरभजन सिंह ईटीओ से लिया गया मंत्रीपद
हरभजन सिंह ईटीओ ने 19 मार्च 2022 को पंजाब राजभवन में 9 मंत्रियों के साथ मंत्रीपद की शपथ ली थी। उन्हें बिजली विभाग और लोक निर्माण विभाग दिए गए। मंत्रीपद संभालते ही उन्होंने सबसे पहले आम आदमी पार्टी की सरकार की एक गारंटी, 300 यूनिट प्रति माह मुफ्त बिजली, को पूरा किया।
1248 दिनों तक हरभजन सिंह ईटीओ ने बिजली विभाग को संभाला है। हालांकि उनके पास अभी भी लोक निर्माण विभाग है, लेकिन अब वे सिर्फ एक ही विभाग के साथ काम पर पाएंगे।
हरभजन सिंह के अलावा मात्र दो और मंत्री
हरभजन सिंह ईटीओ के अलावा अब माझा से मात्र दो ही मंत्री और हैं। लाल चंद काटारूचक्क ने भी हरभजन सिंह ईटीओ के साथ ही मंत्रीपद की शपथ ली थी। उन्हें तब खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग और वन एवं वन्य जीवन संरक्षण विभाग दिया गया।
इसके अलावा लालजीत सिंह भुल्लर ने भी 19 मार्च 2022 को मंत्रीपद की शपथ ली थी। उन्हें परिवहन विभाग और आतिथ्य विभाग दिया गया। ये विभाग आज भी लालजीत सिंह भुल्लर के पास ही हैं।