परिजन नवजात के शव को लेकर मदद मांगता हुआ।
फतेहाबाद में आज यानी रविवार को महिला डॉक्टर ने महिला की डिलीवरी करने से मना कर दिया, जिससे महिला ने सड़क पर ही बच्ची को जन्म दे दिया और नवजात मौत हो गई। घटना के मुताबिक, मुकेश कुमार की पत्नी पिंकी का इलाज शहर के बिमल निजी अस्पताल में चल रहा था। रविवा
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मुकेश उसे सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर अस्पताल ले गया। करीब 15 मिनट बाद महिला डॉक्टर आई। तब तक बच्चा आधा बाहर आ चुका था। डॉक्टर ने मरीज को वहां से ले जाने को कहा। मुकेश अपनी पत्नी को कल्याणी अस्पताल ले जा रहे थे। इसी दौरान सड़क पर ही डिलीवरी हो गई और बच्ची की मौत हो गई। परिवार पंजाब के संगरूर के भुल्लन गांव से इलाज कराने आया था।
समय पर इलाज मिलता तो बच्ची की जान बच सकती थी-मुकेश मुकेश ने शहर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि समय पर इलाज मिलता तो बच्ची की जान बच सकती थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पहले नागरिक अस्पताल और फिर अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। मुकेश ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।
उसने बताया कि शुरू से ही उसकी पत्नी का इलाज उक्त महिला डॉक्टर से चल रहा था, जिसके कहने पर अल्ट्रासाउंड करवाए तो दोनों बार में बच्चा उल्टा आया दिखाई दिया। महिला डॉ ने पहले सही डिलीवरी करवाने का आश्वासन दिया था। यदि वह हमें पहले मना कर देती तो आज बच्ची की मौत नहीं होती।
तरह की डिलीवरी नहीं करते-अस्पताल संचालिका इस दौरान शहर थाना से पुलिस अधिकारी एसआई दिलबाग सिंह ने बताया कि मृतक बच्ची का पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए शव को सिविल अस्पताल में ले गए थे, जिसके बाद शव को अग्रोहा रेफर कर दिया है। उसने बताया कि परिजनों के बयान पर कार्रवाई की जाएगी।
निजी अस्पताल संचालिका बिमल मोर ने बताया कि उन पर जो आरोप लगाए गए है, वह बेबुनियाद है। वे सिर्फ केयर का काम करते है, जो 9 महीने पूरा कर दिया था। वे किसी भी तरह की डिलीवरी नहीं करते है। इनका बच्चा उल्टा होने के कारण रेफर कर दिया था।