US China | Donald Trump China Tariff Controversy | ट्रम्प ने चीन पर 200% टैरिफ लगाने की धमकी दी: कहा- मेरे पास ऐसे कार्ड हैं, जिन्हें खोल दिया तो चीन बर्बाद हो जाएगा

Actionpunjab
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वॉशिंगटन डी सी2 घंटे पहले

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इस महीने की शुरुआत में ट्रम्प ने चीन के लिए टैरिफ की समय सीमा को 12 अगस्त से 90 दिन आगे बढ़ा दिया था। - Dainik Bhaskar

इस महीने की शुरुआत में ट्रम्प ने चीन के लिए टैरिफ की समय सीमा को 12 अगस्त से 90 दिन आगे बढ़ा दिया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर 200% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रम्प ने कहा,’अगर चीन ने अमेरिका को पर्याप्त मात्रा में मैग्नेट (चुम्बक) की सप्लाई नहीं की, तो उनके आयात पर भारी टैरिफ लगाया जा सकता है।’

ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा कि वह चीन के साथ बेहतर रिश्ता चाहते हैं, लेकिन व्यापारिक तनाव अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि व्यापार विवाद में वॉशिंगटन की स्थिति से ज्यादा मजबूत है।

ट्रम्प ने कहा, ‘चीन के पास कुछ कार्ड हैं। हमारे पास भी कुछ कार्ड हैं, लेकिन मैं ये पत्ते नहीं खेलना चाहता। अगर मैंने ऐसा किया, तो चीन बर्बाद हो जाएगा। मैं ये पत्ते नहीं खेलूंगा।’ ट्रम्प ने यह टिप्पणी साउथ कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग के साथ बैठक के दौरान की।

ट्रम्प ने आगे कहा कि उन्होंने हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात की है और बीजिंग की यात्रा पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘किसी भी समय, शायद इसी साल या उसके तुरंत बाद, मैं चीन जा सकता हूं।’ उन्होंने यह भी बताया कि शी जिनपिंग ने उन्हें न्यौता दिया है।

अमेरिका ने चीन पर एक्स्ट्रा टैरिफ 90 दिन टाला था

इससे पहले ट्रम्प ने 12 अगस्त को 90 दिनों के लिए टाल दिया था। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया था कि उन्होंने US-चीन टैरिफ डेडलाइन 9 नवंबर तक बढ़ाने के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया है।

इससे पहले अमेरिका और चीन के बीच 11 मई को जिनेवा में ट्रेड डील हुई थी। अमेरिका और चीन के बीच लंबा टैरिफ वॉर चला।

ट्रम्प ने चीन पर 245% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। चीन ने जवाब में 125% टैरिफ लगाने की बात कही। हालांकि, जिनेवा ट्रेड डील के बाद यह लागू नहीं हुआ।

चीन ने अमेरिका को रेयर अर्थ मेटल्स की सप्लाई रोकी थी

चीन ने अप्रैल में कई रेयर अर्थ मटेरियल और मैग्नेट्स पर नियंत्रण को और सख्त कर दिया था। अमेरिका के लगाए गए टैरिफ की जवाबी कार्रवाई के तौर पर चीन ने अमेरिका के लिए 7 अर्थ मटेरियल की ,सप्लाई पर रोक लगा दी थी।

चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए थे। ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं।

इस फैसले से दुनियाभर में मोटरव्हीकल, एयरक्राफ्ट, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने वाली कंपनियों पर असर पड़ा।

इलेक्ट्रॉनिक्स से IT तक में रेयर अर्थ मटेरियल का इस्तेमाल

रेयर अर्थ मटेरियल 17 एलिमेंट्स का एक ग्रुप है, जो कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर मिलिट्री इक्विपमेंट तक में इस्तेमाल होता है। इसका उपयोग IT इंडस्ट्रीज, सौर ऊर्जा, केमिकल इंडस्ट्रीज के अलावा आधुनिक तकनीकी ऑयल रिफाइनरी में और कई अन्य इंडस्ट्रीज में होता है।

चीन पर फिलहाल 30% टैरिफ लगा है

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर सबसे ज्यादा घमासान मचा था। मई में अमेरिका ने चीन पर 145% तक टैरिफ लगाया। इसके बाद चीन ने अमेरिका पर 125% जवाबी टैरिफ लगाया। बाद में इसमें कमी आई। अभी अमेरिका ने चीन पर 30% वहीं, चीन ने अमेरिका पर 10% टैरिफ लगा रखा है।

अमेरिका, चीन से सिर्फ व्यापार संतुलन नहीं चाहता था। वह चाहता था कि चीन अपनी सरकारी कंपनियों को कम मदद दे। अमेरिका का मानना है कि चीन अपनी सरकारी कंपनियों को बहुत ज्यादा सब्सिडी देता है, जिससे दूसरे देशों की कंपनियां उनका मुकाबला नहीं कर पातीं।

अमेरिका की यह भी मांग है कि चीन टेक्नोलॉजी में विदेशी कंपनियों को ज्यादा मौका दे और और बौद्धिक संपत्ति के कानून (जैसे पेटेंट आदि) में बदलाव करे। चीन इसके लिए तैयार नहीं हुआ।

टैरिफ बढ़ने से चीन की GDP 1% तक गिरने का खतरा

चीन पर अमेरिका के हाई टैरिफ का सीधा असर उसके निर्यात और इंडस्ट्री पर पड़ेगा। चीन अमेरिका को लगभग 500 अरब डॉलर (43 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का सामान निर्यात करता है। Apple जैसे ब्रांड चीन में बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करते हैं। उन्हें मंहगाई का सामना करना पड़ेगा।

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के व्यापक टैरिफ उपायों के बावजूद चीन का आर्थिक प्रभाव सीमित रहा है। यदि टैरिफ दर बढ़ती है, तो इससे चीन की GDP 1% तक घट सकती है।

ट्रम्प के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने इससे पहले कहा था कि चीन पर और ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा, इसकी संभावना कम है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करने से अमेरिका को भी नुकसान हो सकता है।

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