लखनऊ में सबसे जरूरी और व्यस्ततम सड़कों की स्ट्रीट लाइट खराब हैं। ताज्जुब की बात है कि इनकी खराबी केवल रात में रहती है। यही लाइटें दिन के उजाले में चालू रहती हैं। कुल मिलाकर यह कि जिम्मेदार भी सुख के साथी हैं। जब लोगों को पथ-प्रकाश की सबसे ज्यादा जरूर
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महिला आयोग चौराहा, हाईकोर्ट चौराहा, पॉलिटेक्निक चौराहा समेत कई ऐसी प्राइम लोकेशंस हैं जहां रात में स्ट्रीट लाइट नहीं जाती हैं। इसके लिए अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम धनंजय सिंह ने नगर आयुक्त को पत्र लिखा था। इसमें 2 और 6 सितंबर को होने वाले धार्मिक जुलूसों का जिक्र करते हुए कहा था कि इसमें महिलाएं भी होंगी।
उन्होंने सड़क पर स्ट्रीट लाइटें खराब होने से अराजक तत्वों द्वारा महिलाओं से छेड़छाड़ की आशंका जताई थी। इसी के चलते जुलूस मार्गों पर स्ट्रीट लाइटों की जांच करवाकर ठीक कराने की अपील की थी। BJP-SP विधायकों ने भी नगर आयुक्त को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
हाईकोर्ट चौराहा और महिला आयोग कार्यालय के पास लगी स्ट्रीट लाइट तक सही से नहीं जलतीं। यहां पर बंद लाइट को लेकर कोर्ट भी फटकार लगा चुका है। उसके बाद भी लाइट सही नहीं की गई है। दैनिक भास्कर ने शुक्रवार को ग्राउंड जीरो पर उतरकर शहर के 5 मुख्य इलाकों का रात में जायजा लिया। पढ़िए रिपोर्ट…
1. पॉलिटेक्निक फ्लाईओवर : दिन में जल रहीं स्ट्रीट लाइटें
इंदिरा नगर इलाके में पॉलिटेक्निक पुल पर दिन में स्ट्रीट लाइटें जलती मिलीं। इसके उलट रात में स्ट्रीट लाइन बंद थीं। इससे रात के समय पुल पर वाहन चला रहे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पॉलिटेक्निक पुल पर दिन में स्ट्रीट लाइट चालू मिलीं।

पॉलिटेक्निक फ्लाईओवर पर रात में स्ट्रीट लाइट बंद रहीं।
2. हाईकोर्ट चौराहा : बंद मिलीं स्ट्रीट लाइटें
विभूति खंड में हाईकोर्ट चौराहा और महिला आयोग ऑफिस के बाहर स्ट्रीट लाइटें बंद मिलीं। रोड पर अंधेरा पसरा था। इससे राहगीरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राज्य महिला आयोग का ऑफिस होने के चलते यहां लेडीज का आना-जाना लगा रहता है। शाम को अंधेरा होने के बाद महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं।

हाईकोर्ट चौराहे के पास खराब स्ट्रीट लाइट।

विभूति खंड में महिला आयोग ऑफिस के बाहर स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से सड़क पर पसरा अंधेरा।
3. गोमती नगर : नेहरू एन्क्लेव सोसाइटी में ब्लिंक करती स्ट्रीट लाइट
नेहरू एन्क्लेव सोसाइटी में स्ट्रीट लाइट ब्लिंक करती मिली। इलाके की अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार नगर निगम से शिकायत की, लेकिन स्ट्रीट लाइट ठीक नहीं की गईं।

नेहरू एन्क्लेव सोसाइटी के रास्ते में छाया अंधेरा और ब्लिंक करती स्ट्रीट लाइट।

नेहरू एन्क्लेव सोसाइटी की मेन रोड पर स्ट्रीट लाइट पोल लगा है, लेकिन लाइट खराब हैं।
4. जेल रोड : होमगार्ड मुख्यालय के बाहर अंधेरा
जेल रोड पर स्थित होमगार्ड मुख्यालय के बाहर स्ट्रीट लाइट खराब होने से अंधेरा पसरा था। इसी तरह कैंट में पुलिस आयुक्त कार्यालय के पीछे देवी खेड़ा गन्ना संस्थान रोड पर स्ट्रीट लाइट खराब मिलीं। यहां सड़क पर सन्नाटा पसरा मिला।

लखनऊ की जेल रोड पर होमगार्ड मुख्यालय के बाहर सड़क पर स्ट्रीट लाइट खराब होने से पसरा अंधेरा। इससे वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ती है।

कैंट में पुलिस आयुक्त कार्यालय के पीछे देवी खेड़ा गन्ना संस्थान रोड पर स्ट्रीट लाइट खराब मिलीं।
5. रायबरेली रोड-जानकीपुरम : सड़कों पर अंधेरा
रायबरेली रोड और जानकीपुरम इलाकों में मेन रोड पर अधिकतर स्ट्रीट लाइट खराब मिलीं। दोनों ही जगहों पर वाहनों से आवाजाही कर रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत पैदल चल रहे लोगों को होती है।

रायबरेली रोड पर सड़क पर पसरा अंधेरा। यहां स्ट्रीट लाइट बंद मिलीं।

जानकीपुरम में मुख्य मार्ग पर अधिकांश स्ट्रीट लाइट बंद मिलीं।

सपा विधायक ने लिखा महापौर को पत्र
मध्य क्षेत्र से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर ऐशबाग वार्ड के इलाकों में खराब स्ट्रीट लाइट का मुद्दा उठाया था। मलिहाबाद से भाजपा विधायक जय देवी ने महापौर को पत्र लिखकर कहा है कि दुबग्गा प्राथमिक विद्यालय के पास भी दो पोल में स्ट्रीट लाइटें न होने से शाम बाद से अंधेरा रहता है।

विधायक राजेश्वर सिंह ने दो दिन पहले CM योगी से मिलकर खराब स्ट्रीट लाइट और जलभराव की समस्या से उनको अवगत कराया था।
बीजेपी विधायक ने भी दर्ज की आपत्ति
विधायक राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि हर साल लखनऊ में सड़क मरम्मत, नालियों की सफाई और ड्रेनेज सुधार के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। वहीं, मुख्य अभियंता का दावा है कि दो लाख नौ हजार लाइटों में से सिर्फ 5 हजार लाइटें ही खराब हैं।

विधायक राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में शहर की व्यवस्था पर चिंता जताई थी।
अब पढ़िए नगर निगम की व्यवस्था…
31 मई को खत्म हुआ कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट
स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव करने वाली कंपनी EESL (एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड) का 31 मई 2025 को निजी कंपनी कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हुआ था। इसके बाद से नगर निगम ने इसे तीन महीने बढ़ाने की तैयारी की थी। पार्षदों के विरोध के बाद कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया था। करीब 42 करोड़ रुपए मार्ग प्रकाश व्यवस्था के रखरखाव के लिए कंपनी को दिया जाता था।
शासन को भी पत्र लिखे गए। करीब तीन साल पहले तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने कंपनी को हटाने के लिए कहा था। नगर निगम के नियमित, कार्यदायी और संविदा कर्मचारियों को मिलाकर करीब 500 कर्मचारी अब भी काम कर रहे थे। इन पर हर महीने करीब 90 लाख रुपए खर्च किए जा रहे थे। इसमें हर महीने तेल, मरम्मत और ड्राइवरों को लगाने पर करीब 10 लाख रुपए खर्च होते थे।
एक सप्ताह में सबकुछ ठीक होने का दावा
नगर निगम सूत्रों के अनुसार स्ट्रीट लाइट विस्तार क्षेत्र का टेंडर हुआ है। इसके साथ ही अंदर के क्षेत्रों में भी लाइट लगेगी। 88 गांवों के लिए यह लाइट लगेगी। करीब 10 करोड़ रुपए का टेंडर हुआ है। इसमें 50 लाख से लेकर 1.50 करोड़ रुपए के टेंडर शामिल हैं।
इसमें नई लाइटों का प्रस्ताव नगर निगम में है। इसी साल में यह लाइटें लगाई जाने की योजना है। निजी कंपनी के रखरखाव का टेंडर समाप्त होने के बाद अभी फिलहाल नगर निगम ही काम कर रहा है।
100 आदमी बढ़ा दिए गए
नगर निगम के अभियंता का कहना है कि टीम लगाकर रिपेयरिंग का काम कर रही है। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि स्ट्रीट लाइट के लिए 100 आदमी बढ़ा दिए गए हैं। लाइटें खरीदी भी जा रही हैं।

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