यही चारों मिलकर धर्मांतरण की फैक्ट्री चला रहे थे, अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
“ज़रा सोचिए… अगर आपके ही परिवार का कोई बेटा, मोबाइल पर भेजी गई तस्वीरों और वीडियो के जाल में फँसकर अपना धर्म बदल ले… तो आपके दिल पर क्या बीतेगी? यूपी के बरेली में यही खेल खेला जा रहा था। धर्म परिवर्तन का तरीका इस बार बिलकुल नया था, जिसमे फंसकर निकलना
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पेश है बरेली से दैनिक भास्कर ऐप रिपोर्टर अनूप मिश्रा की ये खास रिपोर्ट…
दैनिक भास्कर ऐप रिपोर्टर अनूप मिश्रा उस मदरसे में भी गए जहाँ धर्म परिवर्तन की फैक्ट्री चलती थी। इसके बाद हम सुभासनगर के करेली गाँव भी गए, जहाँ हमने लोगो के चेहरे पर धर्मांतरण गैंग का खौफ देखा। लोग दहशत में है कि उनके बच्चे भी कही इस गैंग का शिकार न हो जाये। पहली बार कोई मीडियाकर्मी इस गाँव गया था।

ऐसे हिन्दू युवाओं को बनाते थे शिकार
जांच में सामने आया कि 20 से अधिक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे। इनमें रोज़ नए फोटो और वीडियो भेजे जाते। धीरे-धीरे यह ग्रुप अश्लील तस्वीरों और क्लिप से भर दिए जाते, ताकि हिन्दू युवक आसानी से जाल में फंस जाएं। एक बार जब कोई लड़का दिलचस्पी दिखाता, तो उसे मदरसे में बुलाया जाता। यहाँ मौलाना और कुछ लड़कियां मिलकर उसका दिमाग बदलने का काम करते।

“जन्नत का वादा और चार शादियों का लालच”
मदरसे के अंदर युवाओं से कहा जाता – “अगर जन्नत पाना चाहते हो, खूबसूरत मुस्लिम लड़कियों से शादी करना चाहते हो, चार बीवियाँ चाहिए तो मुसलमान बन जाओ।” युवाओं के सामने हिंदू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाया जाता। कहा जाता कि “राम अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर पाए, शिव अपनी पत्नी के शव पर रोए, कृष्ण के माता-पिता जेल में रहे। जब ये भगवान ही अपने परिवार को सुरक्षित नहीं रख पाए तो तुम्हारी क्या रक्षा करेंगे?”

इस्लाम को सबसे आसान धर्म बताया जाता। युवाओं को समझाया जाता कि मुसलमान बनने पर न केवल लड़की मिलेगी, बल्कि घर, नौकरी और लाखों रुपए भी मिल सकते हैं। जिन युवकों की उर्दू और कुरान-हदीस पर पकड़ अच्छी हो जाती, उन्हें मस्जिद का मौलवी बनाने तक का लालच दिया जाता।

बरेली में चल रही थी “धर्मांतरण फैक्ट्री”
दैनिक भास्कर की टीम जब इस पूरे मामले की पड़ताल करने निकली तो हम बरेली से करीब 30 किलोमीटर दूर फैज़नगर पहुँचे। यहाँ एक मदरसा है, जिसे देखने से लगता है कि यहाँ मुस्लिम बच्चों को दीनी तालीम दी जाती होगी। लेकिन हकीकत में यह एक धर्मांतरण फैक्ट्री थी।

इस फैक्ट्री का संचालन करता था अब्दुल मजीद। पिता की मौत के बाद उसने मदरसे की कमान संभाली और इसे धर्मांतरण का अड्डा बना दिया। इस काम में उसकी माँ और बहन भी बराबर की हिस्सेदार थीं।

पियूष बना मोहम्मद अली
इस गैंग का सबसे बड़ा शिकार बना जयपुर का युवक पियूष। तीन साल पहले अब्दुल मजीद ने अपनी बहन आयशा के फोटो और वीडियो पियूष को भेजे। पियूष धीरे-धीरे फंस गया और फैज़नगर के मदरसे तक पहुँच गया। यहाँ उसका ब्रेनवॉश किया गया। कई मौलानाओं ने उसे इस्लाम के बारे में बताया, हिन्दू धर्म की बुराई की और आखिरकार आयशा से निकाह कराने का लालच दिया।




पियूष का सबसे पहले खतना कराया गया, उसे कलमा पढ़वाया गया और नया नाम दिया गया-मोहम्मद अली। इसके बाद वह इस गैंग का हिस्सा बन गया और खुद भी युवकों को मुसलमान बनाने का काम करने लगा। मोहम्मद अली न केवल पाँच वक्त की नमाज़ पढ़ने लगा बल्कि कुरान-हदीस का अध्ययन करने लगा।

अब तक आधा दर्जन से ज्यादा शिकार
पुलिस जांच में अब तक बरेली के प्रभात उपाध्याय, ब्रजपाल, ब्रजपाल की बहन और माँ, जयपुर का पियूष और एक नाबालिग जैसे मामले सामने आ चुके हैं। यानी करीब आधा दर्जन लोग इस जाल में फंस चुके हैं। हालाँकि पुलिस को शक है कि यह आंकड़ा कहीं बड़ा हो सकता है, क्योंकि यह फैक्ट्री 2014 से लगातार सक्रिय थी।

क्यों कामयाब हुआ ये जाल?
धर्मांतरण गैंग अच्छी तरह जानता था कि महान ऋषि-मुनि भी स्त्रियों के मोह में तपस्या भंग कर बैठे। साधारण युवक को लड़की के जरिये फंसाना बहुत आसान है। यही वजह थी कि इस पूरे नेटवर्क का आधार बना खूबसूरत लड़कियों का झांसा।

दिव्यांग के गायब होने से पूरा मामले का हुआ खुलासा
अलीगढ़ की रहने वाली अखिलेश कुमारी ने बताया- मेरे बेटे प्रभात उपाध्याय को जन्म से ही कम दिखाई पड़ता है। उसने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से एमफिल, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। फिर उसकी जॉब अलीगढ़ के राजकीय इंटर कॉलेज में लग गई। कुछ दिनों बाद उसका ट्रांसफर बरेली में GIC में हो गया। यहां धर्मांतरण गैंग के सदस्यों ने बेटे का ब्रेनवॉश कर दिया। इसके बाद उसने इस्लाम धर्म अपना लिया और वह मुसलमान बन गया। 15 अगस्त से बेटा लापता है। उसका फोन भी बंद जा रहा है।

मदरसे में मिला प्रभात उपाध्याय
मैंने बेटे के बारे में जानकारी जुटाई। इसमें पता चला कि अब्दुल मजीद नाम का मौलाना बरेली के भुता के फैजनगर में मदरसा चलाता है। वहीं पर बेटे का धर्म परिवर्तन कराया गया है। बेटे का नया नाम हामिद रख दिया गया है। इसके बाद मैंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने 26 अगस्त को मदरसे पर छापेमारी कर अब्दुल मजीद, फहीम, सलमान, आरिफ को गिरफ्तार किया था।
प्रभात को शादी कराने का दिया लालच
प्रभात उपाध्याय को भी निकाह का झांसा दिया गया था। दरअसल प्रभात की जिस युवती से पहले शादी हुई थी, उसने उसे तलाक दे दिया था। वो बरेली में मुस्लिम युवको के सम्पर्क में आया। GIC के आस पास काफी अधिक संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग कारोबार करते है। यहाँ वो कालेज में पढ़ाने के बाद अपना ज्यादातर समय इन कारोबारियो के साथ बिताता। यहाँ उसकी दोस्ती कुछ धर्मांतरण गैंग के लोगो से हो गई। प्रभात ने उन लोगो को बताया की उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया है। उसे दिखाई भी नहीं पड़ता है ऐसे में दूसरी शादी भी अब मुश्किल से होगी। यही से प्रभात की कमजोरी गैंग के सदस्यों को पता क्घ्ल गई। जिसके बाद धीरे धीरे उसका ब्रेनवॉश किया गया। फिर उसे मुसलमान बनाया और शादी कराने का वादा किया।
भाई-बहन और मां का किया ब्रेनवॉश, धर्म परिवर्तन कराया
इसी मदरसे में ब्रजपाल सिंह का धर्म परिवर्तन कराया गया। उसका नाम अब्दुल्ला रखा गया। इतना ही नहीं, उसकी मां और बहन का भी धर्म परिवर्तन कराया गया। मां ऊषा रानी का नाम हमीदा और बहन राजकुमारी का नाम भी आयशा रखा।
ब्रजपाल बरेली के सुभाषनगर थाना क्षेत्र का का रहने वाला है। उसके पिता नहीं हैं। 10 साल पहले ब्रजपाल इस गैंग के संपर्क में आया। इसके बाद उसका और उसकी मां-बहन का ब्रेन वॉश किया गया। इसके बाद तीनों को कलमा पढ़वाकर मुसलमान बनाया गया। गैंग की ओर से तीनों का धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट भी जारी किया गया। वहीं, एक नाबालिग का भी धर्म परिवर्तन कराया गया है।
सलमान, आरिफ और फहीम धर्मांतरण गैंग के सक्रिय सदस्य है। वहीं अब्दुल मजीद प्रमुख संचालक था। उसके अंडर में सलमान, आरिफ और फहीम काम करते थे। गैंग के सदस्यों के बीच काम बंटा हुआ था। सलमान कपड़े सिलने का काम करता था। साथ ही वह धर्मग्रंथ, सीडी और किताबें उपलब्ध कराता था। आरिफ उसे इस काम में सहयोग देता था। फहीम नाई का काम करता था। लोगों की जानकारी इकट्ठा कर गैंग तक पहुंचाता था।
27 जिलों में गया था आरोपी, 13 लाख कैश और 21 बैंक खाते बरामद
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने कहा- जांच में पता चला है कि मदरसा संचालक अब्दुल मजीद की ट्रैवल हिस्ट्री 27 से अधिक जिलों से जुड़ी है। वह जगह-जगह से चंदा इकट्ठा करता था। उसके बैंक अकाउंट से 13 लाख रुपए मिले हैं। साथ ही कई बैंकों की चेकबुक और 21 अलग-अलग बैंक खातों का खुलासा हुआ है। इनमें लाखों का लेन-देन हुआ। पुलिस को विदेशी फंडिंग की भी आशंका है। आरोपी सोशल मीडिया पर भी लोगों का ब्रेनवॉश करते थे। उन्होंने कई वॉट्सऐप ग्रुप बनाए थे। इनमें जाकिर नाइक की वीडियो और पाकिस्तानी स्कॉलर्स के ऑडियो शेयर किए जाते थे।
एसपी साउथ अंशिका वर्मा की मानें, तो अब्दुल मजीद प्रमुख संचालक था। उसके अंडर में सलमान, आरिफ और फहीम काम करते थे। गैंग के सदस्यों के बीच काम बंटा हुआ था। सलमान कपड़े सिलने का काम करता था। साथ ही वह धर्मग्रंथ, सीडी और किताबें उपलब्ध कराता था। आरिफ उसे इस काम में सहयोग देता था। फहीम नाई का काम करता था। लोगों की जानकारी इकट्ठा कर गैंग तक पहुंचाता था।
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने बताया- मदरसे में लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जाता था। मदरसे में ही खतना कराया जाता था। गैंग अब तक 6 लोगों का धर्म परिवर्तन करवा चुका है। एक नाबालिग को ड्रग्स का आदी बनाकर उसका धर्म परिवर्तन कराया गया।
ये लोग देश के अलग-अलग राज्यों में घूमकर चंदा इकट्ठा करते थे। यह बात मदरसा संचालक की ट्रैवल हिस्ट्री में सामने आई है। लोगों का ब्रेन वॉश करके उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता था। अब तक कुल 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, एक फरार है।
यह पूरा मामला अभी पुलिस जांच के दायरे में है। लेकिन फैज़नगर का यह मदरसा, अब्दुल मजीद और उसके साथियों की कहानी, यह साफ दिखाती है कि हनी ट्रैप का नया चेहरा धर्मांतरण है।